चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह के इस्तीफे को स्वीकार करने से मना कर दिया. उच्च न्यायालय ने पुलिस गोलीबारी के दो मामलों में उनके नेतृत्व में हुई जांच को कथित रूप से रद्द कर दिया था. इसके बाद अधिकारी ने इस्तीफा दिया था.
पुलिस महानिरीक्षक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व किया था, जिसने फरीदकोट जिले के कोटकापुरा और बहबल कलां में 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की कथित बेअदबी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस कार्रवाई की जांच की.
पुलिस कार्रवाई में दो लोगों की मौत हो गई थी.
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा एसआईटी जांच को कथित तौर पर रद्द कर दिए जाने के बाद अधिकारी ने समयपूर्व सेवानिवृत्ति का अनुरोध किया था. अदालत के आदेश की प्रति हालांकि अभी सामने नहीं आई है.
खबरों के मुताबिक, उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्य सरकार को एसआईटी का पुनर्गठन करने को कहा जिसमें सिंह को शामिल नहीं किया जाए.
एक सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारी के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के अनुरोध को ठुकरा दिया है.
पढ़ें :- कोटकपूरा प्रकरण: 'कैप्टन' की सुखबीर को नसीहत, 'मामला अभी खत्म नहीं हुआ'
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंह एक सक्षम और कुशल अधिकारी हैं जिनकी सेवाओं की सीमावर्ती राज्य को जरूरत है, खासकर ऐसे समय में, जब राज्य को विभिन्न आंतरिक और बाहरी सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ रहा है.
अमरिंदर के हवाले से बयान में कहा गया है कि राज्य को अधिकारी की विशेषज्ञता और अनुभव की आवश्यकता है जिन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर योगदान कर पंजाब पुलिस की असाधारण सेवा की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही साफ कर दिया है कि उनकी सरकार ऐसे किसी भी अदालती आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी, जिसमें सिंह को एसआईटी प्रमुख के पद से हटाने या जांच को रद्द करने की बात की गई हो.