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पंजाब विधानसभा में हाथापाई की आई नौबत, कैप्टन ने केंद्र का किया समर्थन, सिद्धू बोले- यही साजिश है

पंजाब विधानसभा ने बृहस्पतिवार को एक प्रस्ताव पारित कर सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने संबंधी केंद्र की अधिसूचना को राज्य पुलिस का 'अपमान' बताया. पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रस्ताव का विरोध किया. उन्होंने कहा कि केंद्र के फैसले से राज्य के अधिकार का उल्लंघन नहीं होता है. इस मुद्दे से पहले सदन में विपक्षी दलों और सत्ताधारी दल कांग्रेस के सदस्यों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई थी. कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू ने इसे विपक्षी दलों की साजिश बताया है.

पंजाब विधानसभा
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Published : Nov 11, 2021, 3:22 PM IST

Updated : Nov 11, 2021, 7:44 PM IST

चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने संबंधी केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित कर इसे राज्य पुलिस का 'अपमान' बताया और इसे वापस लेने की मांग की. इस दौरान विधानसभा में गरमा-गरमी का माहौल भी देखने को मिला. इस पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने विपक्ष पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यह विपक्षी पार्टियों की चाल है. सिद्धू ने कहा कि विधानसभा में हंगामा जानबूझकर किया गया, क्योंकि विपक्ष डरा हुआ है. चन्नी सरकार, पंजाब कांग्रेस जनता के लिए काम कर रही है,जो भी घोषणा की गई है वह अगले 5 साल के लिए एक विजन है, न कि केवल 2-3 महीने के लिए.

वहीं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने के केंद्र के कदम के खिलाफ राज्य की विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव का बृहस्पतिवार को विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के फैसले से राज्य के अधिकार का उल्लंघन नहीं होता.

राज्य विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के केवल दो सदस्यों की अनुपस्थिति में सर्वसम्मति से केंद्र के आदेश को 'खारिज' करने का प्रस्ताव आम सहमति से पारित किया गया. केंद्र सरकार ने पिछले महीने सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर से बढ़ाते हुए 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए अधिकृत करने के वास्ते बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया था.

पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रस्ताव पेश किया. इसमें कहा गया है, 'पंजाब शहीदों की भूमि है… उन्होंने हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम में अनुकरणीय बलिदान दिए हैं.'

प्रस्ताव में कहा गया है, 'पंजाब पुलिस देशभक्ति का एक अनूठा बल है जिसने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में बहुत योगदान दिया है. भारत के संविधान के अनुसार, कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और इस उद्देश्य के लिए, पंजाब सरकार पूरी तरह से सक्षम है.'

ये भी पढ़ें- बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि पर सर्वदलीय बैठक, सीएम चन्नी बोले- हम करेंगे विरोध

इसमें कहा गया है, 'केंद्र सरकार द्वारा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने का निर्णय राज्य पुलिस और पंजाब के लोगों के प्रति अविश्वास की अभिव्यक्ति है. यह उनका अपमान भी है.' इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार को इतना बड़ा फैसला लेने से पहले राज्य से परामर्श करना चाहिए था. इसमें कहा गया है कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं थी.

प्रस्ताव में कहा गया है, 'पंजाब के सभी राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की है और मांग की है कि केंद्र सरकार को गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 11 अक्टूबर 2021 की तिथि में जारी अधिसूचना को वापस लेना चाहिए.'

रंधावा ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने संबंधी केंद्र की अधिसूचना को 'संघीय ढांचे पर हमला' करार दिया. उन्होंने कहा कि सदन के सदस्यों को इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलना चाहिए. अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने सदन में कहा कि राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को यह निर्णय लेना चाहिए कि पंजाब पुलिस बीएसएफ के साथ 15 किलोमीटर के आगे के क्षेत्र में सहयोग नहीं करेगी. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मांगते हुए कहा कि यह एक संयुक्त लड़ाई है.

अमरिंदर ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के खिलाफ पारित प्रस्ताव का विरोध किया

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) को पड़ोसी देश पाकिस्तान से लगी 30 किमी तक की सीमा पर परिष्कृत तकनीक और ड्रोन का उपयोग करते हुए अधिक परिचालन अधिकार प्राप्त हों. उन्होंने यहां एक बयान में कहा, 'पंजाब पुलिस की तरह बीएसएफ हमारी ताकत है. यह कोई बाहरी या विदेशी बल नहीं है, जो हमारी जमीन पर कब्जा करने के लिए आ रहा है.'

ये भी पढ़ें - बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार संघीय ढांचे में दखल देने का प्रयास : ममता बनर्जी

केंद्र सरकार ने पिछले महीने बीएसएफ अधिनियम में संशोधन करते हुए सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर के बजाय 50 किलोमीटर तक के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने का अधिकार दे दिया था. अमरिंदर सिंह ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा, 'बीएसएफ का संचालन क्षेत्राधिकार राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है, न कि राज्य में कानून-व्यवस्था से, जिसे पंजाब की मौजूदा सरकार स्पष्ट रूप से समझने में सक्षम नहीं है.'

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को 'छोटे पक्षपातपूर्ण उद्देश्यों और मंसूबों' के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पंजाब के अलावा, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किमी तक है.

(एक्स्ट्रा इनपुट- भाषा)

चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने संबंधी केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित कर इसे राज्य पुलिस का 'अपमान' बताया और इसे वापस लेने की मांग की. इस दौरान विधानसभा में गरमा-गरमी का माहौल भी देखने को मिला. इस पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने विपक्ष पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यह विपक्षी पार्टियों की चाल है. सिद्धू ने कहा कि विधानसभा में हंगामा जानबूझकर किया गया, क्योंकि विपक्ष डरा हुआ है. चन्नी सरकार, पंजाब कांग्रेस जनता के लिए काम कर रही है,जो भी घोषणा की गई है वह अगले 5 साल के लिए एक विजन है, न कि केवल 2-3 महीने के लिए.

वहीं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने के केंद्र के कदम के खिलाफ राज्य की विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव का बृहस्पतिवार को विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के फैसले से राज्य के अधिकार का उल्लंघन नहीं होता.

राज्य विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के केवल दो सदस्यों की अनुपस्थिति में सर्वसम्मति से केंद्र के आदेश को 'खारिज' करने का प्रस्ताव आम सहमति से पारित किया गया. केंद्र सरकार ने पिछले महीने सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर से बढ़ाते हुए 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए अधिकृत करने के वास्ते बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया था.

पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रस्ताव पेश किया. इसमें कहा गया है, 'पंजाब शहीदों की भूमि है… उन्होंने हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम में अनुकरणीय बलिदान दिए हैं.'

प्रस्ताव में कहा गया है, 'पंजाब पुलिस देशभक्ति का एक अनूठा बल है जिसने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में बहुत योगदान दिया है. भारत के संविधान के अनुसार, कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और इस उद्देश्य के लिए, पंजाब सरकार पूरी तरह से सक्षम है.'

ये भी पढ़ें- बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि पर सर्वदलीय बैठक, सीएम चन्नी बोले- हम करेंगे विरोध

इसमें कहा गया है, 'केंद्र सरकार द्वारा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने का निर्णय राज्य पुलिस और पंजाब के लोगों के प्रति अविश्वास की अभिव्यक्ति है. यह उनका अपमान भी है.' इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार को इतना बड़ा फैसला लेने से पहले राज्य से परामर्श करना चाहिए था. इसमें कहा गया है कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं थी.

प्रस्ताव में कहा गया है, 'पंजाब के सभी राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की है और मांग की है कि केंद्र सरकार को गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 11 अक्टूबर 2021 की तिथि में जारी अधिसूचना को वापस लेना चाहिए.'

रंधावा ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने संबंधी केंद्र की अधिसूचना को 'संघीय ढांचे पर हमला' करार दिया. उन्होंने कहा कि सदन के सदस्यों को इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलना चाहिए. अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने सदन में कहा कि राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को यह निर्णय लेना चाहिए कि पंजाब पुलिस बीएसएफ के साथ 15 किलोमीटर के आगे के क्षेत्र में सहयोग नहीं करेगी. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मांगते हुए कहा कि यह एक संयुक्त लड़ाई है.

अमरिंदर ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के खिलाफ पारित प्रस्ताव का विरोध किया

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) को पड़ोसी देश पाकिस्तान से लगी 30 किमी तक की सीमा पर परिष्कृत तकनीक और ड्रोन का उपयोग करते हुए अधिक परिचालन अधिकार प्राप्त हों. उन्होंने यहां एक बयान में कहा, 'पंजाब पुलिस की तरह बीएसएफ हमारी ताकत है. यह कोई बाहरी या विदेशी बल नहीं है, जो हमारी जमीन पर कब्जा करने के लिए आ रहा है.'

ये भी पढ़ें - बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार संघीय ढांचे में दखल देने का प्रयास : ममता बनर्जी

केंद्र सरकार ने पिछले महीने बीएसएफ अधिनियम में संशोधन करते हुए सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर के बजाय 50 किलोमीटर तक के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने का अधिकार दे दिया था. अमरिंदर सिंह ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा, 'बीएसएफ का संचालन क्षेत्राधिकार राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है, न कि राज्य में कानून-व्यवस्था से, जिसे पंजाब की मौजूदा सरकार स्पष्ट रूप से समझने में सक्षम नहीं है.'

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को 'छोटे पक्षपातपूर्ण उद्देश्यों और मंसूबों' के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पंजाब के अलावा, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किमी तक है.

(एक्स्ट्रा इनपुट- भाषा)

Last Updated : Nov 11, 2021, 7:44 PM IST
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