चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (punjab assembly elections 2022) के नतीजे आने के बाद भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाएगी. यह दावा है केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का. उन्होंने कहा कि पंजाब के हालात में परिवर्तन हुआ है. उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर और अन्य सहयोगियों के साथ बराबरी के लोगों का गठबंधन हुआ है. उन्होंने कहा कि पंजाब की सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द को बड़ी चुनौतियां मिल रही हैं. ईटीवी भारत संवाददाता पूजा वर्मा से विशेष बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Union Minister Hardeep Puri) ने कहा, पॉलिटिकल स्टार्टअप या ऐसे लोग जिनका नाम खुद ड्रग ट्रेड में उछला है, जिन्होंने खुलेआम लूट मचा रखी है ऐसे लोगों को चुनने से पंजाब की समस्याओं को सुलझाने में कोई मदद नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग भी इस बात को अच्छे से समझ रहे हैं.
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भाजपा के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है. देश के विकास और सुशासन को लेकर भाजपा प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके के हालात बन रहे हैं, आने वाले दो-तीन दिनों में स्पष्ट हो जाएगा कि पंजाब में भाजपा की सरकार बनेगी. बता दें कि पंजाब में 20 फरवरी को मतदान होना है. मतगणना 10 मार्च को होगी.
मतदान नजदीक आते-आते बदले सियासी समीकरण
भाजपा के बढ़ते जनाधार के कारणों पर हरदीप सिंह पुरी ने कहा, पहले बीजेपी गठबंधन की जूनियर पार्टनर होती थी. कभी भी भाजपा ने 22-23 सीटों से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे. अब कैप्टन अमरिंदर और अन्य गठबंधन सहयोगियों के साथ स्थिति दूसरी है. पुरी ने कहा, चुनाव की घोषणा होने के बाद मीडिया में बीजेपी को एब्सेंट कहा जा रहा था. 117 में अगर एक-दो विधायक हों तो सही मायने में यह दिक्कत है. उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की गाड़ियों को निशाना बनाया गया. उन्होंने कहा कि मतदान का समय नजदीक आते-आते सियासी समीकरणों में बदलाव हुआ है.
भाजपा बनाएगी सरकार
हरदीप पुरी ने कहा, पहले कहा जाता था कि बीजेपी को 3-11 सीटों पर जीत मिलेगी. फिर कहा गया कि 8-15 सीटें भाजपा को मिलेंगी. उन्होंने कहा कि अगर 15-20 सीटों वाली रिपोर्ट भी सही है तो बीजेपी सरकार बनाएगी. उन्होंने हिंदू-सिख ध्रुवीकरण को लेकर कहा कि कहीं कोई पोलराइजेशन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि चन्नी-सिद्धू और भगवंत मान जैसे नेता एक ओर हैं और दूसरी ओर गंभीरता से राजनीति करने वाले लोग हैं.
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भाजपा बनाएगी एंटी कन्वर्जन लॉ
सीएम चन्नी के यूपी-बिहार वाले भैया बयान पर हरदीप पुरी ने कहा, मुख्यमंत्री का बयान पॉलिटिकली अपरिपक्व है. उन्होंने कहा कि चन्नी ने कभी धर्म परिवर्तन पर कहा था कि प्यार नहीं मिलता तो लोग अपना धर्म बदल लेते हैं. पुरी ने कहा, चन्नी को अपने बयान पर सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि समस्या की गंभीरता को देखते हुए भाजपा ने एंटी कन्वर्जन लॉ बनाने का वादा किया है.
केजरीवाल 'खालिस्तान' विवाद
पंजाब को सीमावर्ती और संवेदनशील राज्य बताते हुए पुरी ने कहा, इस राज्य को बचाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि किसी को राष्ट्रीय सुरक्षा की समझ ही नहीं है तो वह कैसे कार्रवाई करेगी. आम आदमी पार्टी के प्रमुख केजरीवाल और कुमार विश्वास के बयान का जिक्र कर पुरी ने कहा, मुझे लगता है इनकी मति मारी गई है. उन्होंने कहा, मुझे शक था, अब लगता है धीरे-धीरे बातें सामने आ रही हैं. विश्वास के बयान पर सुरजेवाला ने जांच की मांग की है. इस पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि विश्वास केजरीवाल के सहयोगी रह चुके हैं. वह जानी-मानी हस्ती हैं. खुद केजरीवाल को बयान देना और कार्रवाई करनी चाहिए.
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सिद्धू को पंजाब की कैबिनेट में शामिल करने संबंधी पाक के प्रधानमंत्री इमरान के फोन वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान को लेकर पुरी ने कहा, घटनाएं ऐसी हो रही हैं, जिनका कुछ नहीं किया जा सकता. पंजाब में कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर पुरी ने तंज कसा, उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणा पत्र उनके नेताओं के बयान में दिखता है. पुरी ने चन्नी के यूपी-बिहार वाले बयान के संदर्भ में कहा, प्रियंका गांधी का चन्नी के बयान पर हंसना और किसी युवा नेता ने 'उंगली काटो तो खून निकलेगा, फिर गरीब चेहरे को सीएम बनाना..' जैसा बयान कांग्रेस की मानसिकता दिखाती है. उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों को एक साथ कंपाइल करके प्रकाशित करना चाहिए.
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Election 2022)
बता दें कि पंजाब में 117 विधानसभा सीटें हैं, 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में 77 सीटें जीतकर 10 साल बाद सत्ता में वापसी की थी. वहीं आम आदमी पार्टी 20 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी दल बना और 10 साल तक सत्ता पर काबिज रही शिरोमणि अकाली दल सिर्फ 18 सीटों पर सिमट गई.
पांच राज्यों में हो रहे चुनाव
गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने गत 8 जनवरी को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने का एलान किया था. पंजाब के अलावा उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में भी विधानसभा चुनाव कराए हो रहे हैं. पंजाब (Punjab Assembly Election) में परंपरागत कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के बजाय मुकाबला पंच कोणीय होने के आसार हैं. इस बार कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), शिअद-बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन, भाजपा-पीएलसी-शिअद (संयुक्त) राज्य में सरकार बनाने के लिए जी जान से चुनाव लड़ रही हैं.
यह भी दिलचस्प है कि पंजाब का राजनीतिक परिदृश्य पिछले एक वर्ष से कुछ अधिक समय में कई बार बदलता दिखा है. शिअद ने कृषि कानूनों के मुद्दों पर भाजपा से किनारा कर लिया और बसपा के साथ नया गठबंधन बनाया है. जून 2021 में बने इस गठबंधन में सहमति बनी कि शिअद 97 सीटों पर और बसपा 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. अकाली दल के अलग होने के बाद भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींढसा के नेतृत्व वाली शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन किया. पंजाब में मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया है.
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कौन किस सीट से लड़ेगा चुनाव
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) चमकौर साहिब से चुनाव लड़ेंगे. पंजाब में सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी ने शनिवार अपनी पहली सूची में 86 उम्मीदवारों के नाम का एलान किया था. इस सूची में सीएम चन्नी का नाम भी शामिल है. इसके अलावा मुख्यमंंत्री चन्नी के भाई ने कहा है कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. चन्नी के भाई मनोहर सिंह (CM channi brother Manohar Singh) ने रविवार को कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा अपने मौजूदा विधायक को मैदान में उतारने के बाद वह अब इस निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ेंगे.