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पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब एक्साइज नीति पर सरकार से मांगा जवाब

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब की एक्साइज नीति के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा है कि क्यों न राज्य एक्साइज पॉलिसी पर रोक लगा दी जाए.

wine punjab and haryana High Court bans allotment of liquor contracts in Punjab
पंजाब में शराब ठेकों के आवंटन पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
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Published : Jun 29, 2022, 9:04 AM IST

Updated : Jun 29, 2022, 11:48 AM IST

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब की एक्साइज नीति के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न पंजाब सरकार की एक्साइज पॉलिसी पर रोक लगा दी जाए. इसी के साथ हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई 5 जुलाई तक स्थगित कर दी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट ने नई आबकारी नीति के खिलाफ दायर चार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया. इस पर पंजाब सरकार से भी जवाब मांगा है.

5 जुलाई तक टली सुनवाई: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब की आबकारी नीति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री और अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न पंजाब सरकार की आबकारी नीति पर रोक लगा दी जाए. मामले की सुनवाई 5 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

मीडिया रिपोर्ट पर एडवोकेट मोहन जैन ने याचिका दायर करते हुए कहा कि नई आबकारी नीति ने पंजाब एक्साइज एक्ट, 1914 और पंजाब लिकर लाइसेंस एक्ट, 1956 का उल्लंघन किया है. इतना ही नहीं, इस नीति से शराब के कारोबार में एकाधिकार बढ़ेगा. वहीं, दूसरी ओर राष्ट्रीय राजमार्ग के पास ठेके देने से पहले इस संबंध में अनुमति की मांग करते हुए एक अन्य याचिका दायर की गई है. यह याचिका राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब से संबंधित हादसों के मद्देनजर दायर की गई थी.

ये भी पढ़ें- बेरोजगारी ने पढ़ी-लिखी मनप्रीत को अपने खेतों में काम करने किया मजबूर

पंजाब में नई आबकारी नीति: सीएम भगवंत मान की सरकार पंजाब में जुलाई में नई संशोधित नीति लागू करेगी. वर्तमान में राज्य के क्लस्टरों और जोनों का एमजीआर 1440.96 करोड़ रुपये होगा, जबकि इस अल्पावधि आबकारी नीति से राजस्व 1910 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है. प्रत्येक समूह/जोन के लिए देशी शराब, अंग्रेजी शराब, बीयर और आईएफएल के लिए न्यूनतम गारंटी कोटा को अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने के लिए पिछले वर्ष की पहली तिमाही से 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है.

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब की एक्साइज नीति के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न पंजाब सरकार की एक्साइज पॉलिसी पर रोक लगा दी जाए. इसी के साथ हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई 5 जुलाई तक स्थगित कर दी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट ने नई आबकारी नीति के खिलाफ दायर चार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया. इस पर पंजाब सरकार से भी जवाब मांगा है.

5 जुलाई तक टली सुनवाई: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब की आबकारी नीति के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री और अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न पंजाब सरकार की आबकारी नीति पर रोक लगा दी जाए. मामले की सुनवाई 5 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

मीडिया रिपोर्ट पर एडवोकेट मोहन जैन ने याचिका दायर करते हुए कहा कि नई आबकारी नीति ने पंजाब एक्साइज एक्ट, 1914 और पंजाब लिकर लाइसेंस एक्ट, 1956 का उल्लंघन किया है. इतना ही नहीं, इस नीति से शराब के कारोबार में एकाधिकार बढ़ेगा. वहीं, दूसरी ओर राष्ट्रीय राजमार्ग के पास ठेके देने से पहले इस संबंध में अनुमति की मांग करते हुए एक अन्य याचिका दायर की गई है. यह याचिका राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब से संबंधित हादसों के मद्देनजर दायर की गई थी.

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पंजाब में नई आबकारी नीति: सीएम भगवंत मान की सरकार पंजाब में जुलाई में नई संशोधित नीति लागू करेगी. वर्तमान में राज्य के क्लस्टरों और जोनों का एमजीआर 1440.96 करोड़ रुपये होगा, जबकि इस अल्पावधि आबकारी नीति से राजस्व 1910 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है. प्रत्येक समूह/जोन के लिए देशी शराब, अंग्रेजी शराब, बीयर और आईएफएल के लिए न्यूनतम गारंटी कोटा को अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने के लिए पिछले वर्ष की पहली तिमाही से 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है.

Last Updated : Jun 29, 2022, 11:48 AM IST
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