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पुणे : लॉकडाउन में घरों में लॉक लोगों को लंच बॉक्स पहुंचा रहीं आकांक्षा - लॉकडाउन में लोगों को लंच बॉक्स

पुणे में लॉकडाउन होने की वजह से कई लोगों के सामने भोजन का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में आकांक्षा सादकर हर तरह के लोगों को लंच बॉक्स पहुंचाकर उनकी मदद कर रही हैं. उनके इस प्रयास के बाद कई सामाजिक कई स्वयंसेवक उनके साथ जुड़ गए हैं.

आकांक्षा सादकर
आकांक्षा सादकर
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Published : Apr 29, 2021, 10:36 PM IST

पुणे : कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से लगाए लॉकडाउन से कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले पंद्रह दिनों से पुणे में कारोबार ठप है. होटल के साथ-साथ शहर के रेस्तरां बंद हैं, तो वहीं कई ने अपनी नौकरी खो दी है. ऐसे समय में मुंबई में जन्मी व स्कॉटलैंड में पली बढ़ी आकांक्षा सादकर लोगों को लंच बॉक्स पहुंचाकर मदद कर रही हैं.

शहर के बुधवार पेठ क्षेत्र की सेक्स वर्कर्स को ग्राहक नहीं आने से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, इनकी मदद के लिए कई सामाजिक संगठनों ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है. वहीं आकांक्षा ने भी वेश्यावृत्ति में लिप्त महिलाओं की मदद की. वह छह साल पहले भारत आई थीं. कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने पर उनके ट्विटर पर एक मेडिकल छात्र ने शिकायत की थी कि लॉकडाउन के कारण उसे खाना मिलना मुश्किल हो रहा है. इस पर आकांक्षा ने ऐसे लोगों की मदद के लिए पहल शुरू की. उन्होंने बताया कि अभी तक वह 6,000 लंच बॉक्स जरूरतमंदों तक पहुंचा चुकी हैं.

पढ़ें - महाराष्ट्र : गणेश कला मंदिर को बनाया गया अस्थाई कोरोना अस्पताल

आकांक्षा ने बताया कि शुरुआती दिनों में जब हम जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाने के तरीकों की तलाश कर रहे थे, तो पुलिस ने हमें बताया कि बुधवार पेठ में सेक्स वर्कर्स को इस मदद की जरूरत है.

घर से बाहर निकलने के प्रतिबंधों के कारण कोई भी बाहर नहीं आ सकता था, जिससे ये महिलाएं भूख से बेहाल थीं. इस पर हमने इस क्षेत्र की महिलाओं को लंच बॉक्स उपलब्ध कराना शुरू कर दिया. इसके बाद जैसे ही हमने ट्विटर पर अपनी पहल के बारे में पोस्ट किया, तो कई स्वयंसेवक हमारे साथ जुड़ गए.

पुणे : कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से लगाए लॉकडाउन से कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले पंद्रह दिनों से पुणे में कारोबार ठप है. होटल के साथ-साथ शहर के रेस्तरां बंद हैं, तो वहीं कई ने अपनी नौकरी खो दी है. ऐसे समय में मुंबई में जन्मी व स्कॉटलैंड में पली बढ़ी आकांक्षा सादकर लोगों को लंच बॉक्स पहुंचाकर मदद कर रही हैं.

शहर के बुधवार पेठ क्षेत्र की सेक्स वर्कर्स को ग्राहक नहीं आने से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, इनकी मदद के लिए कई सामाजिक संगठनों ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है. वहीं आकांक्षा ने भी वेश्यावृत्ति में लिप्त महिलाओं की मदद की. वह छह साल पहले भारत आई थीं. कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने पर उनके ट्विटर पर एक मेडिकल छात्र ने शिकायत की थी कि लॉकडाउन के कारण उसे खाना मिलना मुश्किल हो रहा है. इस पर आकांक्षा ने ऐसे लोगों की मदद के लिए पहल शुरू की. उन्होंने बताया कि अभी तक वह 6,000 लंच बॉक्स जरूरतमंदों तक पहुंचा चुकी हैं.

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आकांक्षा ने बताया कि शुरुआती दिनों में जब हम जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाने के तरीकों की तलाश कर रहे थे, तो पुलिस ने हमें बताया कि बुधवार पेठ में सेक्स वर्कर्स को इस मदद की जरूरत है.

घर से बाहर निकलने के प्रतिबंधों के कारण कोई भी बाहर नहीं आ सकता था, जिससे ये महिलाएं भूख से बेहाल थीं. इस पर हमने इस क्षेत्र की महिलाओं को लंच बॉक्स उपलब्ध कराना शुरू कर दिया. इसके बाद जैसे ही हमने ट्विटर पर अपनी पहल के बारे में पोस्ट किया, तो कई स्वयंसेवक हमारे साथ जुड़ गए.

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