कोच्चि : केरल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति देवेन रामचंद्रन और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागठ की पीठ ने कहा कि हम इसे अकेले मुद्दे के रूप में नहीं ले रहे हैं. हम इसका संज्ञान ले रहे हैं क्योंकि इस मुद्दे के भविष्य में बड़े प्रभाव होंगे. इसे रोकने का समय आ गया है.
पीठ ने उम्मीद जताई कि अदालत द्वारा मामले का संज्ञान लेने से ऐसे बुरे तत्वों को संकेत जाएगा. पुलिस ने बताया कि सोमवार रात एक नर्सिंग सहायक अपने दो पहिया वाहन से घर लौट रही थी तभी अलाप्पुझा में बाइक सवार दो हमलावरों ने उन पर लूटपाट की मंशा से पहला किया लेकिन जब उनके पास कुछ कीमती सामान नहीं मिला तो उन्होंने स्वास्थ्यकर्मी को अगवा करने की कोशिश की.
त्रिकुन्नापुझा थाने के प्रभारी ने बताया कि महिला ने जब उन्हें अगवा करने की कोशिश का विरोध किया और वहां से भागी तो हमलावरों ने उनका पीछा किया लेकिन जब पुलिस के गश्ती दल को आते देखा तो वे फरार हो गए. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील एस कन्नन ने पीठ को बताया कि घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और पुलिस आरोपियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि यह अकेली घटना है.
इस पर असहमति जताते हुए पीठ ने कहा कि हालांकि यह कानून व व्यवस्था का मुद्दा है. चूंकि एक कोविड योद्धा पर हमला किया गया है, इसलिए वह इस मामले पर अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर हालिया हमलों के संबंध में अपनी कार्यवाही के हिस्से के रूप में विचार करेंगे. पीठ ने कहा कि जहां तक कोविड योद्धाओं और उनकी सेवाओं का संबंध है, समाज का यह कर्तव्य है कि वे सुनिश्चित करें कि उनकी रक्षा की जाए और उन्हें नुकसान न पहुंचे.
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पीठ ने सरकारी व निजी अस्पतालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने से संबंधित अदालत के पहले के निर्देशों के संबंध में राज्य पुलिस प्रमुख की कार्रवाई रिपोर्ट पर गौर किया. पुलिस प्रमुख ने कहा कि उन्होंने 20 सितंबर को अपने सभी अधिकारियों को स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले के मामलों में कड़ी कार्रवाई करने के लिए कार्यकारी निर्देश जारी किए हैं.
(पीटीआई-भाषा)