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सरकारी बीमा कंपनियों को पांच साल में स्वास्थ्य कारोबार में हुआ ₹ 26,364 करोड़ का नुकसान

स्वास्थ्य बीमा कारोबार में सरकारी कंपनियों को 26,364 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. कैग की रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है. साथ ही कैग ने ये भी कहा है कि बीमा कंपनियों ने मंत्रालय के दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किया.

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Published : Aug 9, 2022, 9:19 PM IST

cag
नियंत्रक एवं महालेखक परीक्षक

नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की सभी चार बीमा कमानियों (पीएसयू) को पिछले पांच साल के दौरान स्वास्थ्य बीमा कारोबार में 26,364 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. नियंत्रक एवं महालेखक परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है.

संसद में हाल में पेश कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजानिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के स्वास्थ्य बीमा खंड में नुकसान ने अन्य क्षेत्रों के लाभ को घटा दिया है या कुल नुकसान को और बढ़ा दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 से 2020-21 के दौरान इन चार बीमा कंपनियों....न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनआईएसीएल), यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (यूआईआईसीएल), ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (ओआईसीएल) और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनआईसीएल) का कुल नुकसान 26,364 करोड़ रुपये था.

सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के लिए स्वास्थ्य बीमा दूसरा सबसे बड़ा कारोबार क्षेत्र है. पहले स्थान पर वाहन बीमा क्षेत्र है. इस क्षेत्र का पिछले पांच साल का सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम 1,16,551 करोड़ रुपये रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य बीमा कारोबार में सरकारी बीमा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी निजी कंपनियों की तुलना में लगातार घट रही है.

कैग ने कहा कि ऑडिट में यह भी पाया गया कि सार्वजानिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों द्वारा मंत्रालय के दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया और इन कंपनियों का समूह स्वास्थ्य बीमा खंड में संयुक्त अनुपात 125 से 165 प्रतिशत था. दावों के प्रबंधन के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों की आईटी प्रणाली में सत्यापन जांच और नियंत्रण का अभाव है. इससे कामकाज के अलावा रिपोर्ट करने की प्रणाली भी प्रभावित होती है.

पढ़ें- बीमा कंपनियां मामूली आधार पर दावों को नकारती हैं, बहुत तकनीकी नहीं होना चाहिए: न्यायालय

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की सभी चार बीमा कमानियों (पीएसयू) को पिछले पांच साल के दौरान स्वास्थ्य बीमा कारोबार में 26,364 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. नियंत्रक एवं महालेखक परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है.

संसद में हाल में पेश कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजानिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के स्वास्थ्य बीमा खंड में नुकसान ने अन्य क्षेत्रों के लाभ को घटा दिया है या कुल नुकसान को और बढ़ा दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 से 2020-21 के दौरान इन चार बीमा कंपनियों....न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनआईएसीएल), यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (यूआईआईसीएल), ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (ओआईसीएल) और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनआईसीएल) का कुल नुकसान 26,364 करोड़ रुपये था.

सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के लिए स्वास्थ्य बीमा दूसरा सबसे बड़ा कारोबार क्षेत्र है. पहले स्थान पर वाहन बीमा क्षेत्र है. इस क्षेत्र का पिछले पांच साल का सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम 1,16,551 करोड़ रुपये रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य बीमा कारोबार में सरकारी बीमा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी निजी कंपनियों की तुलना में लगातार घट रही है.

कैग ने कहा कि ऑडिट में यह भी पाया गया कि सार्वजानिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों द्वारा मंत्रालय के दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया और इन कंपनियों का समूह स्वास्थ्य बीमा खंड में संयुक्त अनुपात 125 से 165 प्रतिशत था. दावों के प्रबंधन के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों की आईटी प्रणाली में सत्यापन जांच और नियंत्रण का अभाव है. इससे कामकाज के अलावा रिपोर्ट करने की प्रणाली भी प्रभावित होती है.

पढ़ें- बीमा कंपनियां मामूली आधार पर दावों को नकारती हैं, बहुत तकनीकी नहीं होना चाहिए: न्यायालय

(पीटीआई-भाषा)

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