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सीजेआई जस्टिस एनवी रमना बोले- तेलुगु लोगों में से एक होने पर गर्व - जस्टिस एनवी रमना तेलुगु समुदाय

जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि उन्हें तेलुगु लोगों में से एक होने पर गर्व है. जस्टिस एनवी रमना और शिवमाला दंपति ने न्यू जर्सी में अमेरिका के तेलुगु समुदाय द्वारा आयोजित 'मीट एंड ग्रीट' कार्यक्रम में भाग लिया.

CJI Justice NV Ramana
सीजेआई जस्टिस एनवी रमना
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Published : Jun 25, 2022, 1:36 PM IST

न्यू जर्सी : जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि उन्हें तेलुगु लोगों में से एक होने पर गर्व है. जस्टिस एनवी रमना और शिवमाला दंपति ने न्यू जर्सी में अमेरिका के तेलुगु समुदाय द्वारा आयोजित 'मीट एंड ग्रीट' कार्यक्रम में भाग लिया. कार्यक्रम की शुरुआत 'मां तेलुगु तालिकी मल्लेपु डंडा' गाने से हुई. एनवी रमना ने कहा कि उन्हें तेलुगु लोगों से मिलकर खुशी हुई. अमेरिका में करीब 7 लाख तेलुगु लोग हैं. वे अपनी यात्रा में कई बाधाओं का सामना कर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने भारतीय संस्कृति को मूल्य देने और रीति-रिवाजों का पालन करने के लिए उनकी प्रशंसा की. उन्होंने यह भी कहा कि आपकी प्रतिबद्धता को देखते हुए, मुझे विश्वास है कि तेलुगु राष्ट्र का भविष्य सुरक्षित है. उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपनी मातृभूमि को नहीं भूलना चाहिए और हर समय याद किया जाना चाहिए.

पढ़ें: देसी गायों की घटती संख्या पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और राज्यों को नोटिस

जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि तेलुगू सिर्फ एक भाषा नहीं है, यह जीवन और सभ्यता का एक तरीका है. उन्होंने यह भी कहा कि हम अपनी भाषा के साथ-साथ विदेशी (अन्य देशों) भाषाओं का भी सम्मान करते हैं. भाषा की मिठास को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. सीजेआई ने कहा कि जब हम घर पर हों तो तेलुगु में बोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि हम तेलुगु भाषा के लिए लड़ने की स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि यह एक मिथक है कि मातृभाषा से नौकरी नहीं दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने तेलुगु भाषा में पढ़ाई की है और इस मुकाम तक पहुंचे हैं.

पढ़ें: जब न्यायाधीश संविधान की शपथ लेते हैं तो राजनीति पीछे छूट जाती है: एनवी रमना

अमेरिका में तेलुगु भाषी लोगों की संख्या 2010-2017 के बीच बढ़कर 85% हो गई और मातृभूमि में कई विकास कार्यक्रमों के लिए समर्थन कर रहे हैं. न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि जब हम अमेरिका आएंगे तो हम आर्थिक रूप से अत्यधिक विकसित हो सकते हैं. समाज में व्याप्त असमानताओं को दूर करने की जरूरत है. कोई कितना भी कमा ले, अगर समाज में अराजकता है तो वह चैन से नहीं रह सकता. समुदाय में कई धर्म और क्षेत्र शामिल हैं. हम सभी को एक होना चाहिए और सभी का सम्मान करना चाहिए. तमिल लोग भाषा और संस्कृति के लिए एकजुट होकर लड़ते हैं. इसके साथ ही जस्टिस एनवी रमना के कहा कि समाज में सभी वर्ग के लोगों का समान रूप से सम्मान किया जाना चाहिए.

न्यू जर्सी : जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि उन्हें तेलुगु लोगों में से एक होने पर गर्व है. जस्टिस एनवी रमना और शिवमाला दंपति ने न्यू जर्सी में अमेरिका के तेलुगु समुदाय द्वारा आयोजित 'मीट एंड ग्रीट' कार्यक्रम में भाग लिया. कार्यक्रम की शुरुआत 'मां तेलुगु तालिकी मल्लेपु डंडा' गाने से हुई. एनवी रमना ने कहा कि उन्हें तेलुगु लोगों से मिलकर खुशी हुई. अमेरिका में करीब 7 लाख तेलुगु लोग हैं. वे अपनी यात्रा में कई बाधाओं का सामना कर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने भारतीय संस्कृति को मूल्य देने और रीति-रिवाजों का पालन करने के लिए उनकी प्रशंसा की. उन्होंने यह भी कहा कि आपकी प्रतिबद्धता को देखते हुए, मुझे विश्वास है कि तेलुगु राष्ट्र का भविष्य सुरक्षित है. उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपनी मातृभूमि को नहीं भूलना चाहिए और हर समय याद किया जाना चाहिए.

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जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि तेलुगू सिर्फ एक भाषा नहीं है, यह जीवन और सभ्यता का एक तरीका है. उन्होंने यह भी कहा कि हम अपनी भाषा के साथ-साथ विदेशी (अन्य देशों) भाषाओं का भी सम्मान करते हैं. भाषा की मिठास को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. सीजेआई ने कहा कि जब हम घर पर हों तो तेलुगु में बोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि हम तेलुगु भाषा के लिए लड़ने की स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि यह एक मिथक है कि मातृभाषा से नौकरी नहीं दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने तेलुगु भाषा में पढ़ाई की है और इस मुकाम तक पहुंचे हैं.

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अमेरिका में तेलुगु भाषी लोगों की संख्या 2010-2017 के बीच बढ़कर 85% हो गई और मातृभूमि में कई विकास कार्यक्रमों के लिए समर्थन कर रहे हैं. न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि जब हम अमेरिका आएंगे तो हम आर्थिक रूप से अत्यधिक विकसित हो सकते हैं. समाज में व्याप्त असमानताओं को दूर करने की जरूरत है. कोई कितना भी कमा ले, अगर समाज में अराजकता है तो वह चैन से नहीं रह सकता. समुदाय में कई धर्म और क्षेत्र शामिल हैं. हम सभी को एक होना चाहिए और सभी का सम्मान करना चाहिए. तमिल लोग भाषा और संस्कृति के लिए एकजुट होकर लड़ते हैं. इसके साथ ही जस्टिस एनवी रमना के कहा कि समाज में सभी वर्ग के लोगों का समान रूप से सम्मान किया जाना चाहिए.

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