बठिंडा: दल खालसा और मानवाधिकार संगठन के नेताओं द्वारा बठिंडा में निकाले गए मार्च और रैली से पहले इसमें भाग लेने आए नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इसके अलावा पुलिस ने कई संगठनों के नेताओं को नजरबंद भी कर दिया है.
वहीं पुलिस की कार्रवाई से नाराज सिख नेताओं ने बठिंडा-अमृतसर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. इस बीच गुरुद्वारा सिंह साहिब के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया और इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया. पुलिस कार्रवाई के बाद सिख संगठनों के नेताओं ने जिले के बाजारों में विरोध मार्च निकाला. इस दौरान सिख नेताओं ने मौजूदगी में खालिस्तानी जिंदाबाद नारे लगाए गए.
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर भी उन्हें मानवाधिकारों का हनन करने वाली दमनकारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई से साफ है कि पंजाब के लोग अभी भी गुलाम हैं और अपने ऊपर पड़ रहे दबाव के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाते. उधर, पूरे मामले को देख रहे जिले के एसपी ने कहा है कि वह नहीं चाहते कि बठिंडा में किसी भी तरह के हालात बिगड़ें, जिससे तनाव पैदा हो. इसलिए उन्होंने सुरक्षा के मद्देनजर पहले ही कई प्रदर्शनकारियों को रोक दिया है और कुछ को हिरासत में लिया गया है.
उन्होंने कहा है कि पूरी स्थिति नियंत्रण में है और फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है. हालांकि बाद में पुलिस प्रशासन को प्रदर्शनकारियों की जिद के आगे झुकना पड़ा और प्रदर्शनकारियों को शहर में प्रवेश करने की इजाजत दे दी. लेकिन डीएसपी खुद प्रदर्शनकारियों की हर गतिविधि पर नजर बनाए रखने के लिए खुद तैनात हैं.
ये भी पढ़ें - पंजाब में किसानों के प्रदर्शन के कारण 182 ट्रेनें प्रभावित, 350 के खिलाफ एफआईआर दर्ज