नई दिल्ली : जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद भाजपा से निलंबित नेता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नमाजियों ने प्रदर्शन किया. जामा मस्जिद से लेकर सड़क तक लगभग 20 मिनट तक प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया. फिलहाल जामा मस्जिद में स्थिति सामान्य है. दरअसल जामा मस्जिद पर हजारों की संख्या में जुमे की नमाज पढ़ने के लिए लोग एकत्रित हुए. इसी दौरान जुमे की नमाज पढ़ने के बाद कुछ लोग मस्जिद के बाहर नूपुर शर्मा के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. यह लोग नारेबाजी कर भाजपा से निलंबित नेता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी का विरोध कर रहे थे. साथ ही यह नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग भी कर रहे थे.
मामले पर जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा कि हम नहीं जानते कि विरोध करने वाले कौन हैं. मुझे लगता है कि वे AIMIM के हैं या ओवैसी के लोग हैं. हमने स्पष्ट कर दिया कि अगर वे विरोध करना चाहते हैं, तो वे कर सकते हैं, लेकिन हम उनका समर्थन नहीं करेंगे. जुमे की नमाज के बाद न केवल दिल्ली के जामा मस्जिद, बल्कि सहारनपुर और लखनऊ में प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए स्थानीय लोगों ने बताया की जुमे की नमाज के बाद जामा मस्जिद के बाहर लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया और नूपुर शर्मा समेत अन्य लोगों की गिरफ्तारी की मांग की. इस दौरान जामा मस्जिद के बाहर भारी भीड़ देखी गई. हालांकि, पुलिस भी मौके पर मौजूद थी और लोगों को समझा के घर वापस भेजा.
दरअसल, बीते दिनों नूपुर शर्मा ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग मसले पर एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर विवादास्पाद टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी के बाद न केवल उनकी आलोचना हुई, बल्कि भाजपा ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया. हालांकि, नूपुर शर्मा को इस टिप्पणी के बाद जान से मारने की धमकी भी मिली, जिसकी शिकायत पुलिस में की गई और FIR दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा और भाजपा से निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल के बयानों के खिलाफ लोगों ने जामा मस्जिद पर विरोध प्रदर्शन किया, वहां से लोगों को हटा दिया है और स्थिति अब नियंत्रण में है. उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस द्वारा नूपुर शर्मा पर एक्शन भी लिया गया है. दिल्ली पुलिस ने नफरत फैलाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा समेत 31 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, दिल्ली भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के पूर्व प्रमुख नवीन कुमार जिंदल, पत्रकार सबा नकवी सहित अन्य लोग शामिल है.
दिल्ली पुलिस के अनुसार, भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 295 (किसी भी धर्म के अपमान के इरादे से प्रार्थना स्थलों का अपमान करना) और 505 (सार्वजनिक शरारत वाले बयान देना) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. प्राथमिकी के मुताबिक, इसमें 31 लोग नामज़द हैं. वे जानबूझकर या इसकी जानकारी होने के बावजूद नफरती भाषा का उपयोग कर रहे थे. इस प्रकार की भाषा का उपयोग और दावा न केवल भेदभावपूर्ण है, बल्कि विभिन्न धर्मों में विश्वास रखने वाले व्यक्तियों के विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता की स्थिति पैदा करने के लिए पर्याप्त से भी अधिक है.
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नोएडा में भी कड़ी सुरक्षा के बीच पढ़ी गई जुमे की नमाज
बीते शुक्रवार कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर नोएडा में भी कड़ी सुरक्षा के बीच जुमे की नमाज पढ़ी गई. नोएडा पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के देखरेख में गौतम बुद्ध नगर की सभी मस्जिदों पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए. साथ ही संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थानों पर ड्रोन से निगरानी की गई. इस दौरान पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने बताया कि सभी स्थानों पर विशेष निगरानी की जा रही है. हर स्थिति और परिस्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थानों पर ड्रोन की मदद से निगरानी की जा रही है. स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण है और सभी जगह पर सौहार्द पूर्ण माहौल बना हुआ है.
गाजियाबाद में भी चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद रहा पुलिस प्रशासन
जुमे की नमाज़ को शांति पूर्वक संपन्न करने के लिए ग़ाज़ियाबाद पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद दिखा. पुलिस द्वारा जुमे की नमाज के एक दिन पूर्व ही तमाम इलाकों में चौकसी रखी जा रही थी. साथ ही दल बल के साथ पुलिस-प्रशासन के आला अफसरों ने इलाके के मानिंद लोगों से शांति पूर्वक नमाज़ अदा करके अपने घर जाने की अपील की. इसके साथ ही किसी भी तरह की असामाजिक हरकत में न पड़ने की हिदायत दी गई थी. नमाज़ से पहले मस्दिज के इमाम और तमाम जिम्मेदारों ने भी नमाज़ियों से नमाज़ अदा करने के बाद शांति पूर्वक अपने घरों को जाने की हिदायत दी, जिसका असर ये हुआ कि किसी तरह का उपद्रव नहीं देखने को मिला.