नांदेड़: बीजेपी सांसद प्रताप पाटिल चिखलीकर को मराठा आंदोलनकारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा. ग्राम बंधी अस्ताही के सांसद चिखलीकर उनके विरोध में गांव आये और उनके काफिले की दोनों गाड़ियों को तोड़ दिया. यह घटना गुरुवार रात कंधार तालुका के अंबुलगा गांव में हुई. सांसद प्रताप पाटिल रात को पूर्व जिला परिषद सदस्य मनोहर तेलंग से मिलने अंबुलगा गांव गए थे.
खासतौर पर मराठा समुदाय के नेताओं के गांवों को बंद करने का फैसला गुरुवार को लिया गया था. चिखलीकर और उनके कार्यकर्ता तथा मराठा समुदाय के लोग त्यामूल गांव में एकत्र हुए. चिखलीकर गांव में प्रवेश के बाद सांसद चिखलीकर का समाज बंधवानी 'एक मराठा, लाख मराठा' के उद्घोष के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहा था. जुलूस के दौरान मराठा आंदोलनकारियों ने उनके काफिले की दोनों गाड़ियों पर पथराव कर दिया.
प्रदर्शनकारी ने की आत्महत्या: वहीं दूसरी ओर बीड में भी मराठा आरक्षण को लेकर माहौल काफी गर्म है. दावा किया जा रहा है कि गुरुवार को बीड जिले में एक व्यक्ति ने इसलिए आत्महत्या कर ली, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने मराठा आरक्षण के बारे में कुछ नहीं कहा. युवक का शव सीधे धरना स्थल पर लाया गया. जिले के पटोदा तालुका के नलवंडी गांव के कई युवा मराठा आरक्षण के लिए क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं.
इन युवाओं द्वारा उम्मीद की जा रही थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया बैठक में वह मराठा आरक्षण के बारे में कुछ कहेंगे. लेकिन मोदी ने मराठा समुदाय के बारे में एक भी शब्द नहीं कहा, इसलिए पटोदा तालुका के नलवंडी गांव के मराठा प्रदर्शनकारी नारायण पथाडे ने आत्महत्या कर ली. पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को सीधे कलेक्टर कार्यालय के सामने अनशन स्थल पर लाया गया. यहां प्रदर्शन कर रहे मराठा प्रदर्शनकारियों ने नारायण पथाडे को श्रद्धांजलि दी.