जम्मू : जम्मू-कश्मीर प्रशासन के डोगरा कर्मचारियों और एकजुट जम्मू पार्टी ने बुधवार को यहां अल्पसंख्यकों की टॉरगेट किलिंग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और घाटी से उन्हें तत्काल स्थानांतरित करने की मांग की. कश्मीरी पंडित किसान पूरन कृष्ण भट की पिछले सप्ताह आतंकवादियों द्वारा की गई हत्या के विरोध में प्रेस क्लब के पास यह प्रदर्शन किया गया. भट की दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में उनके पैतृक आवास के बाहर आतंकवादियों ने शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी थी. प्रदर्शन के दौरान लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए और पुतला फूंका.
पूरन कृष्ण भट की हत्या के मद्देनजर कई संगठनों ने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया, जबकि कश्मीरी प्रवासी पंडित संगठनों ने बेरोकटोक लक्षित हत्याओं पर चिंता व्यक्त की है. जम्मू स्थित आरक्षित वर्ग कर्मचारी संघ के बैनर तले एकत्रित हुए सभी कर्मचारियों ने इसमें हिस्सा लिया. प्रशासन पर निशाना साधते हुए प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि घाटी में सेवारत कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के 7,000 कर्मचारियों को 'दोषपूर्ण और असंवैधानिक स्थानांतरण नीति' के कारण एक जगह "कैद" कर दिया गया है, जिसके अनुसार उन्हें कश्मीर से बाहर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता.
उन्होंने घाटी में सेवा देने के लिए मजबूर करने के मनमाने आदेश जारी करने के लिए प्रशासन पर भी निशाना साधा. एक प्रदर्शनकारी कर्मचारी ने कहा कि ड्यूटी पर पहुंचने में असफल रहने पर प्रशासन ने उनका वेतन रोक दिया है. प्रदर्शनकारी कर्मचारी सुनीता देवी ने कहा, 'हम किसके आदेश को स्वीकार करें? आतंकवादी हमें धमकी भरे पत्र भेजकर चेतावनी देते हैं कि अगर हम घाटी में लौट आए तो हमें मार दिया जाएगा. प्रशासन का कहना है कि काम पर लौटो या वेतन बंदी और सेवा से बर्खास्तगी का सामना करो.'
सुनीता देवी ने कहा, 'हमें चार महीने से वेतन नहीं मिला है. बड़े त्योहारों के दिनों में भी, वेतन जारी नहीं किया गया है. सरकार घाटी से स्थानांतरण की हमारी मांगों को पूरा करने में विफल रही है.' गौरतलब है कि आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में स्थित चौधरी गुंड इलाके में पूरन कृष्ण भट नाम के व्यक्ति की शनिवार को गोली मार कर हत्या कर दी. उनके पैतृक घर के बाहर उन पर यह हमला किया गया था. पूरन कृष्ण भट का रविवार को अंतिम संस्कार किया गया था.
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