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जानिए भारत की 40% आबादी की आकांक्षाओं पर कितना खरी उतरीं ये योजनाएं - एससीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम), अमृत तथा प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) लॉन्च की थी. इन योजनाओं को लागू हुए छह साल हो गए. अभी तक की प्रगति पर एक रिपोर्ट.

हरदीप सिंह पुरी
हरदीप सिंह पुरी
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Published : Jul 1, 2021, 8:18 PM IST

हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 25 जून, 2015 को स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम), अमृत तथा प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) लॉन्च की थी. तीन योजनाएं शहरी कायाकल्प के लिए एक दूरदर्शी एजेंडे का हिस्सा थीं और शहरों में रहने वाली भारत की 40% आबादी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक बहु-स्तरीय रणनीति के हिस्से के रूप में तैयार की गई थीं. बीते दिनों इन योजनाओं को लागू हुए छह साल हो गए.

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (Ministry Of Housing and Urban Affairs) की ओर से लागू इन योजनाओं के बारे में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने एक लघु फिल्म का विमोचन किया, जिसमें करोड़ों भारतीयों के एक पक्के मकान के सपने को पूरा करने के छह सुनहरे वर्षों के सफर को दर्शाया गया है. प्रधानमंत्री के विजन– 2022 तक 'सबके लिए घर' की तर्ज पर पीएमएवाई-यू ने शानदार सफलता हासिल की है. अभी तक, इसके लाभार्थियों को 1.12 करोड़ घरों को स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 83 लाख घरों के आधार तैयार किए जा चुके हैं और 48 लाख से ज्यादा पूरे हो चुके हैं.

अमृत ​​मिशन योजना : जल आपूर्ति, सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन, बाढ़ को कम करने के लिए तूफान जल निकासी, गैर-मोटर चालित शहरी परिवहन और एक लाख से अधिक आबादी वाले 500 शहरों में हरित स्थान/पार्क बनाने के मुद्दों को हल करने के लिए अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (AMRUT) शुरू किया गया था.

मिशन की उपलब्धियां

  • कुल नल कनेक्शन: 139 लाख के लक्ष्य के मुकाबले 105 लाख+ पानी के नल कनेक्शन.
  • सीवरेज और सेप्टेज कनेक्शन: 145 लाख के लक्ष्य के मुकाबले 78+ लाख.
  • शोधन क्षमता विकसित : 1240 एमएलडी तथा एसटीपी की 4960 एमएलडी क्षमता प्रगति पर
  • 1,840 जल जमाव के स्थान समाप्त किए गए
  • हरित स्थान और पार्कः 1850 पार्क तथा हरित क्षेत्र का 3770 एकड़ विकसित
  • म्युनिसिपल बॉन्ड्स: 10 शहरों ने 3,840 करोड़ रुपये के म्युनिसिपल बॉन्ड की वसूली की
  • 2,465 कस्बों में ऑनलाइन भवन अनुमति प्रणाली लागू की गई
  • स्ट्रीटलाइट्स: 88 लाख स्ट्रीटलाइट्स बदली गईं जिसके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 192 करोड़ यूनिट ऊर्जा बचत हुई और कार्बन उत्सर्जन में 15 लाख टन की कटौती हुई.

स्मार्ट सिटी मिशन (Smart Cities Mission)

स्मार्ट सिटी मिशन एक परिवर्तनकारी मिशन है जिसका उद्देश्य देश में शहरी विकास के व्यवहार में आमूल-चूल परिवर्तन लाना है. भारत सरकार ने 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 25 जून 2015 को स्मार्ट सिटीज मिशन (SCM) लॉन्च किया था. अब तक, 69 स्मार्ट शहरों ने देश में अपने एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्रों (आईसीसीसी) का विकास और संचालन किया है.

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित परियोजनाएं बहु-क्षेत्रीय हैं और स्थानीय आबादी की उम्मीदों को दर्शाती हैं. चालू की गई इन आईसीसीसी ने कोविड प्रबंधन के लिए वार-रूम के रूप में कार्य किया और मिशन के तहत विकसित अन्य स्मार्ट आधारभूत संरचना के साथ सूचना प्रसार, संचार में सुधार, पूर्वानुमान विश्लेषण और प्रभावी प्रबंधन के समर्थन से महामारी से लड़ने में शहरों की मदद की.

पढ़ें- शहरी परिवर्तन के लिए लांच की गई सरकार की तीन योजनाओं का क्या है हाल?

रिपोर्ट में बताया गया कि एससीएम के तहत कुल प्रस्तावित परियोजनाओं में से 1,78,500 करोड़ रुपये (मूल्य की दृष्टि से 87 प्रतिशत) मूल्य की 5,890 परियोजनाओं (संख्या में 114 प्रतिशत) के लिए अब तक निविदा जारी की गई है, 5,195 परियोजनाओं (संख्या में 101 प्रतिशत) के लिए वर्क ऑर्डर जारी किए गए हैं, जिनकी कीमत 1,45,600 करोड़ रुपये (मूल्य से 71 प्रतिशत) है। 45,000 करोड़ रुपये (मूल्य के अनुसार 22 प्रतिशत) मूल्य की 2,655 परियोजनाएं (संख्या में 51 प्रतिशत) भी पूरी हो चुकी हैं और चालू हैं.

हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 25 जून, 2015 को स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम), अमृत तथा प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) लॉन्च की थी. तीन योजनाएं शहरी कायाकल्प के लिए एक दूरदर्शी एजेंडे का हिस्सा थीं और शहरों में रहने वाली भारत की 40% आबादी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक बहु-स्तरीय रणनीति के हिस्से के रूप में तैयार की गई थीं. बीते दिनों इन योजनाओं को लागू हुए छह साल हो गए.

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (Ministry Of Housing and Urban Affairs) की ओर से लागू इन योजनाओं के बारे में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने एक लघु फिल्म का विमोचन किया, जिसमें करोड़ों भारतीयों के एक पक्के मकान के सपने को पूरा करने के छह सुनहरे वर्षों के सफर को दर्शाया गया है. प्रधानमंत्री के विजन– 2022 तक 'सबके लिए घर' की तर्ज पर पीएमएवाई-यू ने शानदार सफलता हासिल की है. अभी तक, इसके लाभार्थियों को 1.12 करोड़ घरों को स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 83 लाख घरों के आधार तैयार किए जा चुके हैं और 48 लाख से ज्यादा पूरे हो चुके हैं.

अमृत ​​मिशन योजना : जल आपूर्ति, सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन, बाढ़ को कम करने के लिए तूफान जल निकासी, गैर-मोटर चालित शहरी परिवहन और एक लाख से अधिक आबादी वाले 500 शहरों में हरित स्थान/पार्क बनाने के मुद्दों को हल करने के लिए अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (AMRUT) शुरू किया गया था.

मिशन की उपलब्धियां

  • कुल नल कनेक्शन: 139 लाख के लक्ष्य के मुकाबले 105 लाख+ पानी के नल कनेक्शन.
  • सीवरेज और सेप्टेज कनेक्शन: 145 लाख के लक्ष्य के मुकाबले 78+ लाख.
  • शोधन क्षमता विकसित : 1240 एमएलडी तथा एसटीपी की 4960 एमएलडी क्षमता प्रगति पर
  • 1,840 जल जमाव के स्थान समाप्त किए गए
  • हरित स्थान और पार्कः 1850 पार्क तथा हरित क्षेत्र का 3770 एकड़ विकसित
  • म्युनिसिपल बॉन्ड्स: 10 शहरों ने 3,840 करोड़ रुपये के म्युनिसिपल बॉन्ड की वसूली की
  • 2,465 कस्बों में ऑनलाइन भवन अनुमति प्रणाली लागू की गई
  • स्ट्रीटलाइट्स: 88 लाख स्ट्रीटलाइट्स बदली गईं जिसके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 192 करोड़ यूनिट ऊर्जा बचत हुई और कार्बन उत्सर्जन में 15 लाख टन की कटौती हुई.

स्मार्ट सिटी मिशन (Smart Cities Mission)

स्मार्ट सिटी मिशन एक परिवर्तनकारी मिशन है जिसका उद्देश्य देश में शहरी विकास के व्यवहार में आमूल-चूल परिवर्तन लाना है. भारत सरकार ने 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 25 जून 2015 को स्मार्ट सिटीज मिशन (SCM) लॉन्च किया था. अब तक, 69 स्मार्ट शहरों ने देश में अपने एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्रों (आईसीसीसी) का विकास और संचालन किया है.

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित परियोजनाएं बहु-क्षेत्रीय हैं और स्थानीय आबादी की उम्मीदों को दर्शाती हैं. चालू की गई इन आईसीसीसी ने कोविड प्रबंधन के लिए वार-रूम के रूप में कार्य किया और मिशन के तहत विकसित अन्य स्मार्ट आधारभूत संरचना के साथ सूचना प्रसार, संचार में सुधार, पूर्वानुमान विश्लेषण और प्रभावी प्रबंधन के समर्थन से महामारी से लड़ने में शहरों की मदद की.

पढ़ें- शहरी परिवर्तन के लिए लांच की गई सरकार की तीन योजनाओं का क्या है हाल?

रिपोर्ट में बताया गया कि एससीएम के तहत कुल प्रस्तावित परियोजनाओं में से 1,78,500 करोड़ रुपये (मूल्य की दृष्टि से 87 प्रतिशत) मूल्य की 5,890 परियोजनाओं (संख्या में 114 प्रतिशत) के लिए अब तक निविदा जारी की गई है, 5,195 परियोजनाओं (संख्या में 101 प्रतिशत) के लिए वर्क ऑर्डर जारी किए गए हैं, जिनकी कीमत 1,45,600 करोड़ रुपये (मूल्य से 71 प्रतिशत) है। 45,000 करोड़ रुपये (मूल्य के अनुसार 22 प्रतिशत) मूल्य की 2,655 परियोजनाएं (संख्या में 51 प्रतिशत) भी पूरी हो चुकी हैं और चालू हैं.

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