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देश के बिगड़ते हालात पर प्रियंका ने लिखा भावुक पोस्ट- 'हम होंगे कामयाब' - कोरोना संक्रमण

कोरोना संक्रमण से खराब होते हालात के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने संक्रमण काल में लोगों की चिंताओं के साथ डॉक्टर और नर्सों की प्रशंसा भी की है.

priyanka gandhi tweets hum honge kamyab
प्रियंका ने लिखा भावुक पोस्ट
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Published : Apr 28, 2021, 10:43 AM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर एक भावुक लेख लिखा है. उन्होंने देश की बिगड़ती हालत को लेकर यह पोस्ट किया है.

कोरोना संक्रमण से खराब होते हालात के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया. उन्होंने संक्रमण काल में लोगों की चिंताओं के साथ डॉक्टर और नर्सों की प्रशंसा भी की है.

प्रियंका ने संकट के इस समय में आम लोगों के प्रयासों की भी सराहना की. साथ ही सरकार की नाकामियों का जिक्र करते हुए हमला भी बोला.

प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि

हम होंगे कामयाब
प्यारे दोस्तों,

यह पोस्ट लिखते हुए मेरा दिल बहुत भारी है. मुझे पता है कि आप में से कई लोगों ने पिछले कुछ हफ्तों में अपने प्रियजनों को खो दिया है. कई परिवार के सदस्य हैं जो जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो अपने घर में इस महामारी से जूझ रहे हैं, वे आने वाले डर से चिंतित हैं. हममें से एक भी ऐसा नहीं है जो इस संकट से प्रभावित न हुआ हो. देशभर में लोग हवा के लिए हांफ रहे हैं, वे स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं या उन दवाओं के लिए जो उन्हें जीवन दे सकें.

इस महामारी में सरकार ने हम सबको विफल कर दिया है. यहां तक ​​कि हम में से जो लोग उनका विरोध करते हैं और उनसे लड़ते हैं, वे भी इस समय विनाशकारी होते नेतृत्व और शासन से उम्मीद खत्म नहीं कर सकते. पूरे दिल से, हम अभी भी उम्मीद कर रहे हैं कि वे उठेंगे और ऐसे कदम उठाएंगे जो जीवन बचाने के लिए जरूरी हैं, लेकिन भले ही इस देश पर शासन करने का पवित्र काम करने वालों ने लोगों को इस बड़े संकट में निराश किया हो, लेकिन हमें उम्मीद नहीं खोनी चाहिए.

समय प्रतिकूल है और मानवीय चुनौती बढ़ गई है. भारत ने अतीत में बहुत दर्द और पीड़ा देखी है. हमने चक्रवात और सूखा, बड़े पैमाने पर भूकंप, अकाल और विनाशकारी बाढ़ का सामना किया है, फिर भी हमारी आत्मा नहीं टूटी है. हर बार हमने ऐसी आपदा का सामना किया है. आम लोग, आपके और मेरे जैसे लोग आगे आए हैं। मानवता ने हमें कभी असफल नहीं किया है.

देशभर में हमारे डॉक्टर, नर्स और हेल्थकेयर कर्मचारी जबरदस्त दबाव में काम कर रहे हैं. अपनी जान जोखिम में डालकर पीड़ित लोगों का इलाज कर रहे हैं. बिजनेस कम्यूनिटी अपने कोटे का ऑक्सीजन अस्पतालों को भेज रही है. प्रत्येक गांव, जिले, कस्बे और शहर में ऐसे संगठन और व्यक्ति हैं जो जो कुछ भी कर सकते हैं, वे उन लोगों की सहायता कर रहे हैं जो दर्द में हैं. यह बुनियादी अच्छाई हम में से हर एक के भीतर मौजूद है. किसी की पीड़ा के समय हमारा यही व्यवहार एक राष्ट्र को महान बनाता है.

यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ है जिसमें हमें अपने स्वयं के असीमित साहस को खोजने के लिए सभी सीमाओं से परे धकेलने के लिए कहा जा रहा है. हमें अपनी बेबसी और भय की भावनाओं को अलग करने और बहादुर बने रहने के लिए चुनौती दी जा रही है.

हम इस लड़ाई में एक हैं, भले ही हमारे धर्म, हमारी जाति, हमारा वर्ग या हममें कोई अन्य भेद हो. वायरस उन चीजों को नहीं पहचान पाता है. हमारी यही करुणा की भावना और लचीलापन दुनिया की नजरों में हमें भारतीय बनाता है. जीवन के इस चौराहे पर हम एक-दूसरे के सबसे मजबूत समर्थक होंगे.

निराशा के बीच अपनी ताकत को इकट्ठा करके जो कुछ भी हम दूसरों को सहयोग देने के लिए कर सकते हैं, वो हमें करना चाहिए. सभी बाधाओं को पार करने की दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ यह समय भी एक दिन कट जाएगा.

हमारे चारों ओर जो अंधेरा है, इससे निकलकर एक बार फिर हम उजाले की ओर लौटेंगे.

-प्रियंका

नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर एक भावुक लेख लिखा है. उन्होंने देश की बिगड़ती हालत को लेकर यह पोस्ट किया है.

कोरोना संक्रमण से खराब होते हालात के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया. उन्होंने संक्रमण काल में लोगों की चिंताओं के साथ डॉक्टर और नर्सों की प्रशंसा भी की है.

प्रियंका ने संकट के इस समय में आम लोगों के प्रयासों की भी सराहना की. साथ ही सरकार की नाकामियों का जिक्र करते हुए हमला भी बोला.

प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि

हम होंगे कामयाब
प्यारे दोस्तों,

यह पोस्ट लिखते हुए मेरा दिल बहुत भारी है. मुझे पता है कि आप में से कई लोगों ने पिछले कुछ हफ्तों में अपने प्रियजनों को खो दिया है. कई परिवार के सदस्य हैं जो जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो अपने घर में इस महामारी से जूझ रहे हैं, वे आने वाले डर से चिंतित हैं. हममें से एक भी ऐसा नहीं है जो इस संकट से प्रभावित न हुआ हो. देशभर में लोग हवा के लिए हांफ रहे हैं, वे स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं या उन दवाओं के लिए जो उन्हें जीवन दे सकें.

इस महामारी में सरकार ने हम सबको विफल कर दिया है. यहां तक ​​कि हम में से जो लोग उनका विरोध करते हैं और उनसे लड़ते हैं, वे भी इस समय विनाशकारी होते नेतृत्व और शासन से उम्मीद खत्म नहीं कर सकते. पूरे दिल से, हम अभी भी उम्मीद कर रहे हैं कि वे उठेंगे और ऐसे कदम उठाएंगे जो जीवन बचाने के लिए जरूरी हैं, लेकिन भले ही इस देश पर शासन करने का पवित्र काम करने वालों ने लोगों को इस बड़े संकट में निराश किया हो, लेकिन हमें उम्मीद नहीं खोनी चाहिए.

समय प्रतिकूल है और मानवीय चुनौती बढ़ गई है. भारत ने अतीत में बहुत दर्द और पीड़ा देखी है. हमने चक्रवात और सूखा, बड़े पैमाने पर भूकंप, अकाल और विनाशकारी बाढ़ का सामना किया है, फिर भी हमारी आत्मा नहीं टूटी है. हर बार हमने ऐसी आपदा का सामना किया है. आम लोग, आपके और मेरे जैसे लोग आगे आए हैं। मानवता ने हमें कभी असफल नहीं किया है.

देशभर में हमारे डॉक्टर, नर्स और हेल्थकेयर कर्मचारी जबरदस्त दबाव में काम कर रहे हैं. अपनी जान जोखिम में डालकर पीड़ित लोगों का इलाज कर रहे हैं. बिजनेस कम्यूनिटी अपने कोटे का ऑक्सीजन अस्पतालों को भेज रही है. प्रत्येक गांव, जिले, कस्बे और शहर में ऐसे संगठन और व्यक्ति हैं जो जो कुछ भी कर सकते हैं, वे उन लोगों की सहायता कर रहे हैं जो दर्द में हैं. यह बुनियादी अच्छाई हम में से हर एक के भीतर मौजूद है. किसी की पीड़ा के समय हमारा यही व्यवहार एक राष्ट्र को महान बनाता है.

यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ है जिसमें हमें अपने स्वयं के असीमित साहस को खोजने के लिए सभी सीमाओं से परे धकेलने के लिए कहा जा रहा है. हमें अपनी बेबसी और भय की भावनाओं को अलग करने और बहादुर बने रहने के लिए चुनौती दी जा रही है.

हम इस लड़ाई में एक हैं, भले ही हमारे धर्म, हमारी जाति, हमारा वर्ग या हममें कोई अन्य भेद हो. वायरस उन चीजों को नहीं पहचान पाता है. हमारी यही करुणा की भावना और लचीलापन दुनिया की नजरों में हमें भारतीय बनाता है. जीवन के इस चौराहे पर हम एक-दूसरे के सबसे मजबूत समर्थक होंगे.

निराशा के बीच अपनी ताकत को इकट्ठा करके जो कुछ भी हम दूसरों को सहयोग देने के लिए कर सकते हैं, वो हमें करना चाहिए. सभी बाधाओं को पार करने की दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ यह समय भी एक दिन कट जाएगा.

हमारे चारों ओर जो अंधेरा है, इससे निकलकर एक बार फिर हम उजाले की ओर लौटेंगे.

-प्रियंका

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