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प्रिया रमानी को मानहानि मामले में बरी करने के खिलाफ एमजे अकबर की याचिका पर सुनवाई टली - hearing adjourned on petition of mj akbar

17 फरवरी 2021 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एमजे अकबर के मानहानि केस को खारिज करते हुए प्रिया रमानी को बरी कर दिया था. कोर्ट ने प्रिया रमानी को बरी करते हुए कहा था कि किसी महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत रखने का हक है.

priya ramani
प्रिया रमानी
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Published : Jan 13, 2022, 5:47 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि याचिका को खारिज करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टाल (hearing adjourned on petition of mj akbar) दी है. जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने ये आदेश दिया.

11 अगस्त 2021 को कोर्ट ने प्रिया रमानी को नोटिस जारी किया था. 17 फरवरी 2021 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एमजे अकबर के मानहानि केस को खारिज करते हुए प्रिया रमानी को बरी कर दिया था. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने प्रिया रमानी को बरी करते हुए कहा था कि किसी महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत रखने का हक है.

पढ़ें :- प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर के मानहानि केस में क्या-क्या हुआ, यहां देखें

ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि यौन प्रताड़ना किसी की गरिमा और स्वाभिमान को चोट पहुंचाते हैं. छवि का अधिकार गरिमा के अधिकार की रक्षा नहीं कर सकता है. ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि किसी महिला को दशकों के बाद भी अपनी शिकायत रखने का हक है. कोर्ट ने पौराणिक उल्लेख करते हुए कहा था कि सीता की रक्षा में जटायु आए थे. कोर्ट ने फैसले में महाभारत का भी जिक्र किया है. कोर्ट ने कहा था कि भारत में महिलाओं को बराबरी मिलनी चाहिए. संसद ने महिलाओं की रक्षा के लिए कई कानून बनाए हैं.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि याचिका को खारिज करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टाल (hearing adjourned on petition of mj akbar) दी है. जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने ये आदेश दिया.

11 अगस्त 2021 को कोर्ट ने प्रिया रमानी को नोटिस जारी किया था. 17 फरवरी 2021 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एमजे अकबर के मानहानि केस को खारिज करते हुए प्रिया रमानी को बरी कर दिया था. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने प्रिया रमानी को बरी करते हुए कहा था कि किसी महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत रखने का हक है.

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ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि यौन प्रताड़ना किसी की गरिमा और स्वाभिमान को चोट पहुंचाते हैं. छवि का अधिकार गरिमा के अधिकार की रक्षा नहीं कर सकता है. ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि किसी महिला को दशकों के बाद भी अपनी शिकायत रखने का हक है. कोर्ट ने पौराणिक उल्लेख करते हुए कहा था कि सीता की रक्षा में जटायु आए थे. कोर्ट ने फैसले में महाभारत का भी जिक्र किया है. कोर्ट ने कहा था कि भारत में महिलाओं को बराबरी मिलनी चाहिए. संसद ने महिलाओं की रक्षा के लिए कई कानून बनाए हैं.

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