कोलकाता/सिलीगुड़ी/बीरभूम: पश्चिम बंगाल में लगभग 45 दिनों के लॉकडाउन के बाद गुरुवार से बस सेवाएं फिर से शुरू हो गईं, लेकिन निजी बस ऑपरेटरों ने इससे दूरी बनाई रखी. उनका कहना है कि अभी भी राज्य में पाबंदियां लागू हैं, जिसके तहत सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ बसों को चलाया जाएगा. ऐसे में किराए में उचित वृद्धि के बिना बसों को चलाना संभव नहीं होगा.
हालांकि राज्य परिवहन विभाग ने गुरुवार को अपना पूरा बेड़ा सड़क पर उतार दिया, लेकिन यह संख्या यात्रियों की बड़ी संख्या के लिए पर्याप्त नहीं थी. इस वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बसों में यात्रियों की भारी भीड़ के बीच सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ीं. बता दें, कमोबेश ऐसे नजारें कोलकाता से सिलीगुड़ी, बीरभूम से लेकर उत्तर दिनाजपुर तक हर जगह देखने को मिले.
सिलीगुड़ी की बात करें तो बसों को पकड़ने के लिए तेनजिंग नोर्गे बस स्टैंड पर भारी हुजूम उमड़ा. उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम की बसों में भीड़ बहुत ज्यादा थी, क्योंकि वहां के निजी बस संचालकों ने भी अपने वाहन सड़कों पर नहीं उतारे थे. जानकारी के मुताबिक सामान्य समय में लगभग 6 हजार बसें, निजी और राज्य द्वारा संयुक्त रूप से संचालित होती हैं, जो सिलीगुड़ी से उत्तर बंगाल के आठ जिलों को कवर करती हैं, लेकिन निजी ऑपरेटरों ने अपने वाहनों को संचालित करने से इनकार कर दिया, सिर्फ एनबीएसटीसी ने 500 बसों का संचालन किया, जो पर्याप्त नहीं था.
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बीरभूम में भी ऐसा ही नजारा था. निजी बसें उपलब्ध न होने से सरकारी बसों पर बहुत अधिक दबाव था, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो हुआ.