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Prisoner Death in Bilaspur central Jail: बिलासपुर सेंट्रल जेल में कैदी की संदिग्ध मौत पर बवाल, लोगों ने किया चक्का जाम - Bilaspur latest news

बिलासपुर केंद्रीय जेल में बंद कैदी की संदिग्ध मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. परिजन और ग्रामीणों ने बिलासपुर के कलेक्ट्रेट के पास सड़क को जाम कर दिया है. पुलिस और आला अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच चुकी है. लेकिन लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो पाया है.Bilaspur latest news

Prisoner Death in Bilaspur central Jail
बिलासपुर में कैदी की मौत पर चक्का जाम
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Published : Feb 13, 2023, 10:37 PM IST

बिलासपुर में कैदी की मौत पर चक्का जाम

बिलासपुर: बिलासपुर केंद्रीय जेल में बंद कैदी की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है. पुलिस ने आबकारी एक्ट के मामले में युवक को तीन दिन पहले गिरफ्तार किया था. परिजन युवक की मौत को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. पुलिस पर मारपीट और पैसे मांगने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं कैदी की मौत के बाद अब जांच की बात कही जा रही है. कैदी की मौत से गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर चक्काजाम किया. रात में भी बिलासपुर में लोगों का चक्का जाम जारी है.

बिलासपुर के गनियारी कोटा मुख्य मार्ग पर लोगों ने लगाया जाम: इस घटना से गुस्साए लोगों ने शव को रोड पर रखकर जाम लगा दिया है. वह बिलासपुर गनियारी मार्ग पर शव रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं. मौके पर पुलिस के अधिकारी पहुचे हुए हैं. लेकिन मामले को शांत कराने में अब तक सफलता नहीं मिली है.

बिलासपुर सेंट्रल जेल में कैदी की मौत

क्या है पूरा मामला: 10 फरवरी को कोटा थाना क्षेत्र में पुलिस ने अवैध शराब रखने और बेचने वालों पर कार्रवाई करते हुए अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए थे. इस दौरान गनियारी के रहने वाला उमेंद्र वर्मा नाम के युवक को भी पुलिस ने 13 लीटर अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किया था. आबकारी एक्ट के तहत केस दर्ज कर आरोपी को न्यायालय से जेल दाखिल किया गया था.

परिजनों ने लगाया पुलिस पर आरोप: कैदी की मौत के बाद, उमेंद्र के पिता ने सवाल उठाते हुए पिता रंगलाल वर्मा ने पुलिस पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि "पुलिस वाले शुक्रवार को घर आए और उमेंद्र को बिना किसी कारण के उठाकर ले गए. इस दौरान उसके साथ मारपीट की गई. उसे छोड़ने के लिए एक लाख रुपए की मांग की गई. वह 30 हजार लेकर गया था. पैसे नहीं देने पर उसे जेल भेज दिया गया. शनिवार को वह जेल में बेटे से मिलने गया था, तब उसने पुलिसकर्मियों की पिटाई करने और सीने में अंदरूनी चोट होने की जानकारी दी थी.

यह भी पढ़ें: राजनांदगांव जेल में विचाराधीन कैदी की बिगड़ी तबीयत, इलाज के दौरान हुई मौत

शराब के झूठे केस में फंसाने का काम: ग्रामीणों का आरोप है कि "पुलिस वाले इस अभियान के बहाने गांव में महुआ शराब बनाने और बेचने के नाम पर ग्रामीणों से अवैध वसूली कर रही है. पैसे नहीं देने पर शराब के झूठे केस में फंसाया जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि नशे के बड़े कारोबारियों को पकड़ने के बजाए दिखावे के लिए छोटे-छोटे लोगों की गिरफ्तारी की जा रही है."

कैदी की मौत पर निष्पक्ष जांच की मांग: सरपंच जितेंद्र ने बताया कि "परिजनों को सूचना मिली कि कैदी उमेंद्र की तबीयत खराब थी, उसकी मौत हो गई है. परिजनों ने उमेंद्र की मौत को लेकर सवाल खड़े किए हैं. परिजनों का कहना है कि, 3 दिन पहले जब उमेंद्र को गिरफ्तार किया गया था तब वह बिल्कुल स्वस्थ था. कैदी की मौत को लेकर निष्पक्ष जांच की मांग की गई है."

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई: एसपी संतोष सिंह ने बताया कि" युवक को अबकारी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था. जेल ले जाने से पहले उसकी जांच कराई गई थी. परिजनों ने एसपी को शिकायत सौंपने और जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. पुलिस ने न्यायिक जांच को लेकर पत्र लिखा है. इसमें जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी."

बिलासपुर में कैदी की मौत पर चक्का जाम

बिलासपुर: बिलासपुर केंद्रीय जेल में बंद कैदी की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है. पुलिस ने आबकारी एक्ट के मामले में युवक को तीन दिन पहले गिरफ्तार किया था. परिजन युवक की मौत को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. पुलिस पर मारपीट और पैसे मांगने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं कैदी की मौत के बाद अब जांच की बात कही जा रही है. कैदी की मौत से गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर चक्काजाम किया. रात में भी बिलासपुर में लोगों का चक्का जाम जारी है.

बिलासपुर के गनियारी कोटा मुख्य मार्ग पर लोगों ने लगाया जाम: इस घटना से गुस्साए लोगों ने शव को रोड पर रखकर जाम लगा दिया है. वह बिलासपुर गनियारी मार्ग पर शव रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं. मौके पर पुलिस के अधिकारी पहुचे हुए हैं. लेकिन मामले को शांत कराने में अब तक सफलता नहीं मिली है.

बिलासपुर सेंट्रल जेल में कैदी की मौत

क्या है पूरा मामला: 10 फरवरी को कोटा थाना क्षेत्र में पुलिस ने अवैध शराब रखने और बेचने वालों पर कार्रवाई करते हुए अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए थे. इस दौरान गनियारी के रहने वाला उमेंद्र वर्मा नाम के युवक को भी पुलिस ने 13 लीटर अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किया था. आबकारी एक्ट के तहत केस दर्ज कर आरोपी को न्यायालय से जेल दाखिल किया गया था.

परिजनों ने लगाया पुलिस पर आरोप: कैदी की मौत के बाद, उमेंद्र के पिता ने सवाल उठाते हुए पिता रंगलाल वर्मा ने पुलिस पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि "पुलिस वाले शुक्रवार को घर आए और उमेंद्र को बिना किसी कारण के उठाकर ले गए. इस दौरान उसके साथ मारपीट की गई. उसे छोड़ने के लिए एक लाख रुपए की मांग की गई. वह 30 हजार लेकर गया था. पैसे नहीं देने पर उसे जेल भेज दिया गया. शनिवार को वह जेल में बेटे से मिलने गया था, तब उसने पुलिसकर्मियों की पिटाई करने और सीने में अंदरूनी चोट होने की जानकारी दी थी.

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शराब के झूठे केस में फंसाने का काम: ग्रामीणों का आरोप है कि "पुलिस वाले इस अभियान के बहाने गांव में महुआ शराब बनाने और बेचने के नाम पर ग्रामीणों से अवैध वसूली कर रही है. पैसे नहीं देने पर शराब के झूठे केस में फंसाया जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि नशे के बड़े कारोबारियों को पकड़ने के बजाए दिखावे के लिए छोटे-छोटे लोगों की गिरफ्तारी की जा रही है."

कैदी की मौत पर निष्पक्ष जांच की मांग: सरपंच जितेंद्र ने बताया कि "परिजनों को सूचना मिली कि कैदी उमेंद्र की तबीयत खराब थी, उसकी मौत हो गई है. परिजनों ने उमेंद्र की मौत को लेकर सवाल खड़े किए हैं. परिजनों का कहना है कि, 3 दिन पहले जब उमेंद्र को गिरफ्तार किया गया था तब वह बिल्कुल स्वस्थ था. कैदी की मौत को लेकर निष्पक्ष जांच की मांग की गई है."

दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई: एसपी संतोष सिंह ने बताया कि" युवक को अबकारी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था. जेल ले जाने से पहले उसकी जांच कराई गई थी. परिजनों ने एसपी को शिकायत सौंपने और जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. पुलिस ने न्यायिक जांच को लेकर पत्र लिखा है. इसमें जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी."

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