भोपाल : मध्य प्रदेश के ग्वालियर की जेल में दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहा एक बंदी जेएएच अस्पताल के आईसीयू जेल वार्ड से फरार हो गया. हाथ से हथकड़ी सरका कर बंदी भाग गया. बंदी ने चमका देने के लिए बिस्तर पर तकिया और चादर ऐसे रखकर गया, जैसे लग रहा हो कि वह सो रहा है.
जिस वक्त ये घटना हुई अस्पताल के बाहर जेल प्रहरी सो रहा था. पास ही सो रही बंदी की पत्नी और मां को भी उसके भागने की भनक तक नहीं लगी. बंदी के फरार होने की सूचना मिलते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया.
दुष्कर्म और अपहरण के केस में काट रहा था सजा
सागर जिले का रहने वाले 37 साल के मोहन अहिरवार को दुष्कर्म और अपहरण के मामले में सजा हुई थी. उसे टीबी की बीमारी है. वो ग्वालियर की केंद्रीय जेल में सजा काट रहा था. टीबी के चलते उसे गंभीर हालत में तीन मार्च 2021 को जेएएच अस्पताल के आईसीयू जेल वार्ड में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था.
बंदी को हर दिन खून की उल्टी हो रही थी. शुक्रवार रात 12 बजे से शनिवार सुबह छह बजे तक जेल प्रहरी पंकज अग्रवाल बंदी वार्ड के बाहर पहरा दे रहे थे. देखभाल के लिए पास ही बंदी की मां और पत्नी भी सो रहे थे.
रात तीन बजे तक जेल प्रहरी ने बंदी मोहन को अपने बेड पर सोता हुआ देखा था. इसके बाद प्रहरी को झपकी लग गई. इसी का फायदा उठाकर बंदी मोहन ने अपने हाथ पर बंधी हथकड़ी को हाथ से सरकाया और भाग निकला. बिस्तर पर बंदी मोहन ने प्रहरी और अपने परिजनों को चकमा देने के लिए तकिया और चादर की एक डमी बना कर रख दी.
जेल अफसरों की उड़ी नींद
घटना का पता सुबह उस समय लगा, जब जेल प्रहरी पंकज की नींद खुली. बंदी के भाग जाने की खबर से अस्पताल में हड़कंप मच गया. बंदी के भागने का पता लगते ही जेल अधीक्षक मनोज साहू मौके पर पहुंचे. यहां उन्होंने जेल प्रहरी पंकज को तत्काल सस्पेंड कर दिया. साथ ही सिर्फ एक ही प्रहरी की ड्यूटी लगाने पर अफसरों को फटकार लगाई. जेल अधिकारियों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस फरार बंदी की तलाश कर रही है.