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भारत के जीवंत लोकतंत्र पर आपातकाल एक 'काला धब्बा': मोदी

जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जर्मनी आए मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, "47 साल पहले, लोकतंत्र को बंधक बनाने और उसे कुचलने का प्रयास किया गया था. आपातकाल भारत के जीवंत लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है."

म्यूनिख में मोदी
म्यूनिख में मोदी
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Published : Jun 26, 2022, 9:47 PM IST

Updated : Jun 26, 2022, 9:57 PM IST

म्यूनिख : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि 1975 में लगाया गया आपातकाल भारत के जीवंत लोकतंत्र पर एक 'काला धब्बा' है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हर भारतीय के डीएनए में है और 47 साल पहले, लोकतंत्र को बंधक बनाने और उसे कुचलने का प्रयास किया गया था, लेकिन देश की जनता ने इसे कुचलने की तमाम साजिशों का लोकतांत्रिक तरीके से जवाब दिया. मोदी ने यहां ऑडी डोम स्टेडियम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा, "हम भारतीय जहां भी रहते हैं अपने लोकतंत्र पर गर्व करते हैं." उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, "47 साल पहले, लोकतंत्र को बंधक बनाने और उसे कुचलने का प्रयास किया गया था. आपातकाल भारत के जीवंत लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है."

जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जर्मनी आये मोदी ने 30 मिनट से अधिक समय तक लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा, "हर भारतीय गर्व से कह सकता है कि भारत लोकतंत्र की जननी है. संस्कृति, भोजन, परिधान, संगीत और परंपराओं की विविधता हमारे लोकतंत्र को जीवंत बनाती है."

म्यूनिख में भारतीय नागरिकों से मिलते पीएम मोदी
म्यूनिख में भारतीय नागरिकों से मिलते पीएम मोदी

गौरतलब है कि 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल लगाये जाने की घोषणा की गई थी और उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। आपातकाल को 21 मार्च, 1977 को हटा लिया गया था.

मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया और कहा कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति में पीछे नहीं रहेगा. अब भारत का हर गांव खुले में शौच मुक्त है और 99 प्रतिशत गांवों में खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन और बिजली है. भारत पिछले दो साल से 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त राशन मुहैया करा रहा है. उन्होंने कहा, "उपलब्धियों की यह सूची बहुत लंबी है. अगर मैं बोलता रहूं तो आपके रात्रि भोजन का समय खत्म हो जाएगा. जब कोई देश सही नीयत से सही फैसले समय पर लेता है तो उसका विकास होना तय है."

मोदी ने कहा, "आईटी, डिजिटल तकनीक में भारत अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है. दुनिया में चालीस प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत से होता है. भारत डेटा खपत में नए रिकॉर्ड बना रहा है. भारत उन देशों में शामिल है जहां डेटा सबसे सस्ता है." उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के नए भारत में जिस तेजी से लोग तकनीक को अपना रहे हैं, वह रोमांचकारी है. उन्होंने कहा कि भारत प्रगति और विकास के लिए आतुर है, भारत अपने सपनों को पूरा करने के लिए बेताब है.

प्रधानमंत्री ने कहा, "आज भारत को खुद पर और अपनी क्षमताओं पर विश्वास है. इसलिए हम पुराने रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं और नए लक्ष्य हासिल कर रहे हैं." मोदी ने कहा कि 90 प्रतिशत वयस्कों ने भारत में कोविड के टीकों की दोनों खुराक ले ली है और 95 प्रतिशत ने कम से कम एक खुराक ली है. उन्होंने कहा कि 'मेड इन इंडिया' टीके ने दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जान बचाई है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन सिर्फ सरकारी नीतियों का मामला नहीं है. जलवायु संबंधी सतत आचरण भारत में आम लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है.

म्यूनिख : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि 1975 में लगाया गया आपातकाल भारत के जीवंत लोकतंत्र पर एक 'काला धब्बा' है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हर भारतीय के डीएनए में है और 47 साल पहले, लोकतंत्र को बंधक बनाने और उसे कुचलने का प्रयास किया गया था, लेकिन देश की जनता ने इसे कुचलने की तमाम साजिशों का लोकतांत्रिक तरीके से जवाब दिया. मोदी ने यहां ऑडी डोम स्टेडियम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा, "हम भारतीय जहां भी रहते हैं अपने लोकतंत्र पर गर्व करते हैं." उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, "47 साल पहले, लोकतंत्र को बंधक बनाने और उसे कुचलने का प्रयास किया गया था. आपातकाल भारत के जीवंत लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है."

जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जर्मनी आये मोदी ने 30 मिनट से अधिक समय तक लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा, "हर भारतीय गर्व से कह सकता है कि भारत लोकतंत्र की जननी है. संस्कृति, भोजन, परिधान, संगीत और परंपराओं की विविधता हमारे लोकतंत्र को जीवंत बनाती है."

म्यूनिख में भारतीय नागरिकों से मिलते पीएम मोदी
म्यूनिख में भारतीय नागरिकों से मिलते पीएम मोदी

गौरतलब है कि 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल लगाये जाने की घोषणा की गई थी और उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। आपातकाल को 21 मार्च, 1977 को हटा लिया गया था.

मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया और कहा कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति में पीछे नहीं रहेगा. अब भारत का हर गांव खुले में शौच मुक्त है और 99 प्रतिशत गांवों में खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन और बिजली है. भारत पिछले दो साल से 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त राशन मुहैया करा रहा है. उन्होंने कहा, "उपलब्धियों की यह सूची बहुत लंबी है. अगर मैं बोलता रहूं तो आपके रात्रि भोजन का समय खत्म हो जाएगा. जब कोई देश सही नीयत से सही फैसले समय पर लेता है तो उसका विकास होना तय है."

मोदी ने कहा, "आईटी, डिजिटल तकनीक में भारत अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है. दुनिया में चालीस प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत से होता है. भारत डेटा खपत में नए रिकॉर्ड बना रहा है. भारत उन देशों में शामिल है जहां डेटा सबसे सस्ता है." उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के नए भारत में जिस तेजी से लोग तकनीक को अपना रहे हैं, वह रोमांचकारी है. उन्होंने कहा कि भारत प्रगति और विकास के लिए आतुर है, भारत अपने सपनों को पूरा करने के लिए बेताब है.

प्रधानमंत्री ने कहा, "आज भारत को खुद पर और अपनी क्षमताओं पर विश्वास है. इसलिए हम पुराने रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं और नए लक्ष्य हासिल कर रहे हैं." मोदी ने कहा कि 90 प्रतिशत वयस्कों ने भारत में कोविड के टीकों की दोनों खुराक ले ली है और 95 प्रतिशत ने कम से कम एक खुराक ली है. उन्होंने कहा कि 'मेड इन इंडिया' टीके ने दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जान बचाई है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन सिर्फ सरकारी नीतियों का मामला नहीं है. जलवायु संबंधी सतत आचरण भारत में आम लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है.

Last Updated : Jun 26, 2022, 9:57 PM IST
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