नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के एकसाथ 5 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. रेलवे इतिहास में यह पहला मौका है जब एक ही दिन में पांच सेमी हाई स्पीड ट्रेनों हो हरी झंडी दिखाई गई है. पीएम मोदी खुद भोपाल में मौजूद थे लेकिन उन्होंने वर्चुअल माध्यम से यहीं से अलग-अलग राज्यों की चार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत की. इनमें रानी कमलापति से जबलपुर वंदेभारत, दूसरी ट्रेन खजुराहो से भोपाल के रास्ते इंदौर तक, तीसरी ट्रेन गोवा के मडगांव से मुंबई तक, चौथी ट्रेन धारवाड़ से बेंगलुरु तक और पांचवी ट्रेन रांची से पटना के बीच तक शामिल है.
हालांकि देश में लगभग 18 वंदे भारत ट्रेन चल चुकी हैं, वहीं मंगलवार को पांच और ट्रेन के शामिल हो जाने से मिलकर इनकी कुल संख्या 23 हो गई है. बता दें कि प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था की 75 शहरों में वंदे भारत चलाई जाएगी. सूत्रों की मानें तो रेलवे 75 रूट्स पर वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना बना रहा है ताकि लगभग हर राज्य समेत कई महत्वपूर्ण जिलों को एक अति आधुनिक ट्रेन का तोहफा दिया जा सके. इससे पहले राजधानी और शताब्दी ही तेज गति की ट्रेन मानी जाती थी लेकिन वंदे भारत ने उसे कहीं पीछे छोड़ दिया है,क्योंकि इसकी रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे है जबकि राजधानी की रफ्तार लगभग 140 किलोमीटर प्रति घंटे के करीब है.आधिकारिक तौर पर इस स्पीड से मौजूदा ट्रैक पर ट्रेन को चलवाना संभव नहीं है जबकि कुछ रूट पर इस ट्रेन के लिए नए ट्रैक भी बनाए गए हैं.
हाल ही में हुई ओडिशा में बड़ी ट्रेन दुर्घटना के बाद ये पहली पांच ट्रेनों का उद्घाटन रेलवे अधिकारियों के लिए भी एक बड़ा चैलेंज था. इस संबंध में साउथ ईस्टर्न रेलवे के सीपीआरओ आदित्य चौधरी से रांची में वंदेभारत के उद्घाटन मौके पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि इस रूट पर खासतौर पर रांची से पटना जो वंदे भारत चलाई गईं है वो नया रूट तैयार किया गया है,जिसमे कई चुनौतियां थीं. उन्होंने कहा कि चूंकि इसमें कई पहाड़ी और पठारी इलाके भी शामिल हैं और पहाड़ तोड़कर रास्ता बनाना एक बड़ी चुनौती थी,उसमे दो टनल तैयार किए गए हैं, खासतौर पर झारखंड से बिहार पहुंचने वाली इस वंदे भारत के रूट में हजारीबाग भी एक स्टेशन है जहां पिछले 24 सालों से ट्रेन की मांग उठ रही थी. इस जिले में पहली हाई स्पीड ट्रेन चलाई गई है.
इस सवाल पर की हाल ही में ओडिशा में हुई बड़ी रेल दुर्घटना के बाद ये पहला उद्घाटन है हाई स्पीड ट्रेन को लेकर एहतियात बरते जा रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि लाइन की देखरेख और रखरखाव और सुरक्षा काफी ज्यादा बढ़ाई गई है ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रैक की मरम्मत पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है और किसी भी तरह को लापरवाही के खिलाफ जिम्मेदारी तय करने की बात कही गई है. उन्होंने बताया किन-किन रूटों पर पैसेंजर और गाड़ियों की डिमांड बहुत ज्यादा थी जिसे पूरा किया जा सकेगा. हालांकि विपक्ष ये भी आरोप लगा रहा है की ये ट्रेन खासतौर पर उन राज्यों में चलाएं जा रहीं जहां चुनाव हैं, लेकिन वास्तविकता ये है की ये ट्रेन लगभग हर राज्य को सौगात मिलने वाली है.