नई दिल्ली : ऑटोमोबाइल के कारण लगातार हो रहा पर्यावरण प्रदूषण चिंता का बड़ा कारण है. प्रदूषण का कारण पुराने वाहनों से भारी मात्रा निकल रहे प्रदूषक तत्व हैं, जो पर्यावरण को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहे हैं. इसी बीच केंद्र सरकार पुराने वाहनों को लेकर नई नीति लाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात इन्वेस्टर समिट की तर्ज पर राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति शुरू की है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा है कि नई नीति के कारण प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से कम करने में मदद मिलेगी. इसमें वाहनों के निस्तारण का तरीका पर्यावरण के अनुकूल होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि वाहन स्क्रैप नीति की शुरुआत भारत की विकास यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है. उन्होंने कहा कि परिवहन के विकल्पों में आधुनिक तकनीक का प्रयोग यात्रा के भार सहित परिवहन पर भी दबाव कम करता है. आर्थिक विकास में भी इससे मदद मिलती है. उन्होंने कहा कि वाहन स्क्रैपिंग नीति (Vehicle Scrappage Policy), पर्यावरण के अनुकूल तरीकों से प्रयोग में न आने वाले और प्रदूषण फैला रहे वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने में मदद करेगा.
पीएम मोदी ने वाहन स्क्रैप नीति 'अपशिष्ट से धन' (Waste to Wealth) कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. प्रधानमंत्री के अनुसार, वाहन स्क्रैप नीति की इस पहल से देश भर में, विशेष रूप से गुजरात में, व्यापार के अवसरों की एक नई श्रृंखला खुलेगी. बता दें कि गुजरात जहाजों का जीवनकाल पूरा होने के बाद उन्हें तोड़ने और जहाज में प्रयोग किए गए सामानों को पुनर्चक्रण उद्योग के लिए भी जाना जाता है.
प्रधानमंत्री ने कहा, गुजरात में वाहन स्क्रैपिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए इन्वेस्टर समिट संभावनाओं की एक नई श्रृंखला खुलने जैसा है. उन्होंने युवाओं और स्टार्ट-अप्स से इस कार्यक्रम में शामिल होने की अपील भी की.
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मध्यम वर्ग को वाहन स्क्रैप नीति से मिलने वाले लाभों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा इस नीति के तहत ग्राहकों को नई कार खरीदने पर छूट मिलेगी. उन्होंने कहा, इस नीति से हमारे मध्यम वर्ग को फायदा होगा. पुरानी कारों के कबाड़ (Scrapping) पर एक प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें नई कार खरीदने पर छूट भी मिले और टैक्स में भी उन्हें लाभ मिले.
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केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने वाहन स्क्रैप नीति पर कहा कि इससे कच्चे माल की लागत में लगभग 40 प्रतिशत की कमी आएगी. उन्होंने कहा कि लगभग 99 प्रतिशत रिकवरी (धातु अपशिष्ट) नियमित स्क्रैपिंग के साथ की जा सकती है. इससे कच्चे माल की लागत में करीब 40 फीसदी की कमी आएगी. उन्होंने बताया कि स्क्रैप नीति के कारण वाहनों में प्रयोग होने वाले सामान कम खर्चीले होंगे और अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारी प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी.
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जीएसटी के जरिए 30-40 हजार करोड़ रुपये !
गडकरी ने कहा कि स्क्रैप नीति से देश में ऑटोमोबाइल की बिक्री में वृद्धि होगी. इससे उच्च राजस्व मिलेगा और यह केंद्र और राज्य दोनों के लिए फायदेमंद होगा. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन में गडकरी ने कहा, 'एक अनुमान के अनुसार, ऑटोमोबाइल की बिक्री में वृद्धि के साथ, सरकार को माल और सेवा कर (जीएसटी) में 30,000-40,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे.' उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को लगभग इतनी ही राशि मिलेगी.