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आंध्र प्रदेश में सांप के काटने से पुजारी की मौत - आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में एक पुजारी की सांप के द्वारा काट लिए जाने से मौत हो गई. हालांकि पुजारी को सांप को पकड़कर उसे सुरक्षित स्थान में छोड़ने की कला विरासत में मिली थी.

priest dies of snakebite in andhra pradesh
आंध्र प्रदेश में सांप के काटने से पुजारी की मौत
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Published : Sep 26, 2022, 5:28 PM IST

अमरावती (आंध्र प्रदेश): आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के कृत्तिवेन्नु गुडीडिब्बा गांव में सांप को पकड़ने गए पुजारी की सांप के काट लेने की वजह से मौत हो गई. बताया जाता है कि गांव के कोंडूरी नागबाबू शर्मा (48) आध्यात्मिकता और पुरोहिती सिखाकर अपना जीवन यापन करते थे, हालांकि उन्हें सांप को पकड़ने की कला उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली थी.

नागबाबू इन दिनों दशहरे की वजह से कृत्तिवेन्नु आए हुए थे, हालांकि वह पिछले कुछ समय से हैदराबाद में रह रहे थे. चूंकि सांपों को पकड़ने और उन्हें घरों से दूर छोड़ने की आदत के कारण ही कृत्तिवेन्नु गांव के किसान शनिवार की दोपहर सांप को पकड़ने के लिए उन्हें कोंडरु नागाबाबू को पितलवा गांव में ले गए. इसी दौरान जैसे ही उन्होंने सांप को पकड़ा, उसी दौरान सांप ने उनके हाथ पर दो बार डस लिया. हालांकि उन्होंने सांप को सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया.

परिजनों ने बताया कि सांप के काटने की वजह से उनका घर पर प्राथमिक उपचार किया गया. लेकिन कुछ देर बाद उनती हालत बिगड़ने पर उन्हें पास के चिनपंद्रका अस्पताल ले जाया गया. यहां पर डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए मछलीपट्टनम ले जाने की सलाह दी. इस पर परिवार के लोग उन्हें मछलीपट्टनम के निजी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे, यहां पर उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. नागबाबू के निधन की सूचना के बाद आसपास के गांवों के लोगों ने उनके घर आकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. रविवार को ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. नागबाबू की पत्नी के अलावा एक बेटा और एक बेटी है.

ये भी पढ़ें - अमेरिका में 124 सांपों के साथ रहने वाले व्यक्ति की सर्पदंश से मौत

अमरावती (आंध्र प्रदेश): आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के कृत्तिवेन्नु गुडीडिब्बा गांव में सांप को पकड़ने गए पुजारी की सांप के काट लेने की वजह से मौत हो गई. बताया जाता है कि गांव के कोंडूरी नागबाबू शर्मा (48) आध्यात्मिकता और पुरोहिती सिखाकर अपना जीवन यापन करते थे, हालांकि उन्हें सांप को पकड़ने की कला उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली थी.

नागबाबू इन दिनों दशहरे की वजह से कृत्तिवेन्नु आए हुए थे, हालांकि वह पिछले कुछ समय से हैदराबाद में रह रहे थे. चूंकि सांपों को पकड़ने और उन्हें घरों से दूर छोड़ने की आदत के कारण ही कृत्तिवेन्नु गांव के किसान शनिवार की दोपहर सांप को पकड़ने के लिए उन्हें कोंडरु नागाबाबू को पितलवा गांव में ले गए. इसी दौरान जैसे ही उन्होंने सांप को पकड़ा, उसी दौरान सांप ने उनके हाथ पर दो बार डस लिया. हालांकि उन्होंने सांप को सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया.

परिजनों ने बताया कि सांप के काटने की वजह से उनका घर पर प्राथमिक उपचार किया गया. लेकिन कुछ देर बाद उनती हालत बिगड़ने पर उन्हें पास के चिनपंद्रका अस्पताल ले जाया गया. यहां पर डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए मछलीपट्टनम ले जाने की सलाह दी. इस पर परिवार के लोग उन्हें मछलीपट्टनम के निजी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे, यहां पर उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. नागबाबू के निधन की सूचना के बाद आसपास के गांवों के लोगों ने उनके घर आकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. रविवार को ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. नागबाबू की पत्नी के अलावा एक बेटा और एक बेटी है.

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