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मस्तूरी में सौ साल पुरानी बेशकीमती भांवर गणेश की मूर्ति चोरी, पुजारी को बंधक बनाकर वारदात

बिलासपुर जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र में भांवर गणेश की मूर्ति चोरी हुई है. गुरुवार रात को 100 साल पुराने मंदिर से बेशकीमती ग्रेनाइट मूर्ति चुराई गई है.

भांवर गणेश की मूर्ति
भांवर गणेश की मूर्ति
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Published : Aug 26, 2022, 3:42 PM IST

Updated : Aug 26, 2022, 7:26 PM IST

बिलासपुर: ग्राम पंचायत इटवा पाली में स्थित गणेश मंदिर में चोरी हुई है. चोरी की घटना गुरुवार देर रात 1 से 2 बजे की है. मंदिर के पुजारी महेश केवट को बंधक बनाकर चोरी की घटना को अंजाम दिया गया. शुक्रवार सुबह जब ग्रामीण मंदिर में पूजा पाठ के लिए पहुंचे तो उन्होंने पुजारी के हाथ पैर बंधा हुआ देखा. मंदिर में मूर्ति भी नहीं थी. ग्रामीणों ने इसकी सूचना दूसरे लोगों को दी. फिर पुलिस को जानकारी दी गई.

मस्तूरी में सौ साल पुरानी बेशकीमती भांवर गणेश की मूर्ति चोरी

यह भी पढ़ें: Amit Shah Chhattisgarh Visit छत्तीसगढ़ दौरे पर अमित शाह, कई कार्यक्रमों में लेंगे हिस्सा

कितनी कीमती है मूर्ति: मूर्ति 3 फीट ऊंची 65 किलो वजनी है. यह प्राचीन और बहुमूल्य मूर्ति है. इस मूर्ति की कीमत करोड़ों में है. लोगों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है. लिहाजा चोरी की इस घटना से लोग बेहद नाराज हैं.

पहले भी हो चुकी है चोरी: मस्तूरी क्षेत्र में मूर्ति चोरी का यह नया मामला नहीं है. इससे पहले 2003 में इसी मूर्ति को चोर चोरी करके ले गए थे. कुछ समय पहले भी मस्तूरी क्षेत्र के देवकिरारी गांव में ब्रम्हा जी की मूर्ति चोरी हुई थी. उन चोरों और ब्रम्हा जी की मूर्ति की तलाश पुलिस सरगर्मी से कर रही थी. इसी दौरान साल 2004 में पुलिस को सूचना मिली कि ब्रम्हा जी की मूर्ति को चोर बिलासपुर के सिरगिट्टी होते हुए बाहर ले जाने वाले हैं. पुलिस ने घेराबंदी कर चोरों को पकड़ा. लेकिन ब्रम्हा जी की मूर्ति के बजाय चोरों से भांवर गणेश जी की मूर्ति बरामद हुई. इसके बाद 2007 में फिर इसी मूर्ति को चोरों ने चोरी किया. लेकिन कुछ दिनों बाद खुद चोरों ने ही मंदिर में इसकी स्थापना की. 2016 में भी चोरी की कोशिश नाकाम हुई थी.

बिलासपुर: ग्राम पंचायत इटवा पाली में स्थित गणेश मंदिर में चोरी हुई है. चोरी की घटना गुरुवार देर रात 1 से 2 बजे की है. मंदिर के पुजारी महेश केवट को बंधक बनाकर चोरी की घटना को अंजाम दिया गया. शुक्रवार सुबह जब ग्रामीण मंदिर में पूजा पाठ के लिए पहुंचे तो उन्होंने पुजारी के हाथ पैर बंधा हुआ देखा. मंदिर में मूर्ति भी नहीं थी. ग्रामीणों ने इसकी सूचना दूसरे लोगों को दी. फिर पुलिस को जानकारी दी गई.

मस्तूरी में सौ साल पुरानी बेशकीमती भांवर गणेश की मूर्ति चोरी

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कितनी कीमती है मूर्ति: मूर्ति 3 फीट ऊंची 65 किलो वजनी है. यह प्राचीन और बहुमूल्य मूर्ति है. इस मूर्ति की कीमत करोड़ों में है. लोगों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है. लिहाजा चोरी की इस घटना से लोग बेहद नाराज हैं.

पहले भी हो चुकी है चोरी: मस्तूरी क्षेत्र में मूर्ति चोरी का यह नया मामला नहीं है. इससे पहले 2003 में इसी मूर्ति को चोर चोरी करके ले गए थे. कुछ समय पहले भी मस्तूरी क्षेत्र के देवकिरारी गांव में ब्रम्हा जी की मूर्ति चोरी हुई थी. उन चोरों और ब्रम्हा जी की मूर्ति की तलाश पुलिस सरगर्मी से कर रही थी. इसी दौरान साल 2004 में पुलिस को सूचना मिली कि ब्रम्हा जी की मूर्ति को चोर बिलासपुर के सिरगिट्टी होते हुए बाहर ले जाने वाले हैं. पुलिस ने घेराबंदी कर चोरों को पकड़ा. लेकिन ब्रम्हा जी की मूर्ति के बजाय चोरों से भांवर गणेश जी की मूर्ति बरामद हुई. इसके बाद 2007 में फिर इसी मूर्ति को चोरों ने चोरी किया. लेकिन कुछ दिनों बाद खुद चोरों ने ही मंदिर में इसकी स्थापना की. 2016 में भी चोरी की कोशिश नाकाम हुई थी.

Last Updated : Aug 26, 2022, 7:26 PM IST
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