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नक्सलगढ़ बस्तर से CRPF ने भय और डर को खत्म किया, नक्सलियों के खिलाफ ड्रोन का इस्तेमाल नहीं: सुजॉय लाल थाउसेन

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Published : Mar 24, 2023, 5:13 PM IST

छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ बस्तर में सीआरपीएफ की तैनाती के बाद नक्सल घटनाओं में कमी आई है. सीआरपीएफ न सिर्फ नक्सलियों के खिलाफ हथियारों से लड़ाई लड़ रही है, बल्कि सीआरपीएफ की वजह से बस्तर में अटके विकास कार्य भी पूरे हो रहे हैं. अब अमित शाह के बस्तर दौरे से सीआरपीएफ उत्साहित है. amit shah bastar visit

press conference of crpf dg sujoy lal thaosen
सीआरपीएफ महानिदेशक सुजॉय लाल थाउसेन
सीआरपीएफ महानिदेशक सुजॉय लाल थाउसेन

जगदलपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे से सीआरपीएफ के साथ ही यहां के लोग भी उत्साहित हैं. अमित शाह यहां सीआरपीएफ जवानों के साथ नक्सल ऑपरेशन को लेकर अहम बैठक करेंगे और नक्सलियों के खिलाफ रणनीति बनाएंगे. सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ के बस्तर के अलावा दूसरे राज्यों में भी तैनात है. सीआरपीएफ के छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में 17 और देशभर में कुल 53 फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) हैं.

"नक्सली प्रभाव हटाकर शांति लाएंगे": सीआरपीएफ महानिदेशक सुजॉय लाल थाउसेन के मुताबिक ''सीआरपीएफ की तैनाती के बाद बस्तर में नक्सल घटनाएं कम हुई है. जब से यहां पर हम तैनात हैं, लगातार हम ऑपरेशन कर रहे हैं. ऑपरेशंस करने के कारण ही हम इतने सारे एफओबी कैंप्स बना पाए हैं, रोड बने हैं, स्कूल खुले हैं. विकास कार्यों में तेजी आई है. स्कूल शुरू होने से बच्चों की शिक्षा का स्तर सुधर रहा है. नक्सल भय से बंद बाजार अब खुल रहे हैं. आज बस्तर में जो शांति कायम हुई है, वह सीआरपीएफ के कारण ही है."

गलतियों से सीखकर आगे बढ़ रहा सीआरपीएफ: सुजॉय लाल थाउसेन ने बताया कि ''जहां तक ऑपरेशंस की बात है, ऑपरेशंस जो है सबके साथ मिलकर कर रहे हैं, विशेषकर स्टेट पुलिस के साथ मिलकर कर रहे हैं. इंडिपेंडेंट ऑपरेशंस भी किये जाते हैं, लेकिन अधिकतर ऑपरेशंस साथ मिलकर करते हैं. एक दशक के पहले यहां पर सीआरपीएफ की तैनाती हुई है. उस समय हमारे पास में जो व्यवस्था आज है, वह पहले नहीं थी. यहां आने के पहले जो ट्रेनिंग की आवश्यकता है, हथियार चलाने के लिए, इंटेलिजेंस कलेक्शन के लिए, कौन से रास्ते से जाना चाहिए, कौन से रास्ते से नहीं जाना चाहिए, पैदल चलने में सावधानी बरतना, पूरे समय अलर्ट रहना, बहुत सारी चीजों में लगातार सुधार हो रहा है"

यह भी पढ़ें: Amit Shah visit Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में अमित शाह के दौरे के राजनीतिक मायने

"हम अपनी गलतियों से सीख रहे हैं": सीआरपीएफ महानिदेशक (डीजी) सुजॉय लाल थाउसेन ने माना कि ''सीआरपीएफ के बस्तर तैनाती के समय जवान, नक्सलियों से लड़ने तैयार नहीं थे. अब धीरे धीरे हम अपनी गलतियों से सीख रहे है. अब कोबरा बटालियन है, जो स्पेशलिस्ट यूनिट है. साथ ही हमने जंगल वॉरफेयर और काउंटर टेररिस्म के स्कूल भी खोले हैं. हमारे पास अब ट्रेंड जवान हैं, जिसका फायदा हमें मिल रहा है.''

ड्रोन हमले को लेकर बोले सीआरपीएफ डीजी: सुजॉय लाल थाउसेन ने कहा कि ''ड्रोन का इस्तेमाल हस सिर्फ सर्विलांस के लिए करते हैं. हमारा अभी मूवमेंट होना है, हमको गश्त के लिए जाना है तो उसके सर्विलांस के लिए इस्तेमाल करते हैं. बम गिराने के लिए हमने इसका इस्तेमाल अभी नहीं किया है, न ही अभी इसके इस्तेमाल की जरूरत हम समझते हैं.

यह भी पढ़ें: Bastar: सीआरपीएफ के 84वें स्थापना दिवस कार्यक्रम का फुल ड्रेस रिहर्सल, अमित शाह के दौरे के चलते बढ़ाए गए सुरक्षा के इंतजाम

"जगदलपुर में ट्रॉमा सेंटर निर्माण का प्रस्ताव दिया": सुजॉय लाल थाउसेन ने बताया कि ''जगदलपुर में ट्रॉमा सेंटर निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है, ताकि जगदलपुर में ही घायल जवानों का बेहतर इलाज हो सके. यहां महानगरों की तरह ही अस्पताल में सुविधा मिल सके.''

सीआरपीएफ महानिदेशक सुजॉय लाल थाउसेन

जगदलपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे से सीआरपीएफ के साथ ही यहां के लोग भी उत्साहित हैं. अमित शाह यहां सीआरपीएफ जवानों के साथ नक्सल ऑपरेशन को लेकर अहम बैठक करेंगे और नक्सलियों के खिलाफ रणनीति बनाएंगे. सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ के बस्तर के अलावा दूसरे राज्यों में भी तैनात है. सीआरपीएफ के छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में 17 और देशभर में कुल 53 फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) हैं.

"नक्सली प्रभाव हटाकर शांति लाएंगे": सीआरपीएफ महानिदेशक सुजॉय लाल थाउसेन के मुताबिक ''सीआरपीएफ की तैनाती के बाद बस्तर में नक्सल घटनाएं कम हुई है. जब से यहां पर हम तैनात हैं, लगातार हम ऑपरेशन कर रहे हैं. ऑपरेशंस करने के कारण ही हम इतने सारे एफओबी कैंप्स बना पाए हैं, रोड बने हैं, स्कूल खुले हैं. विकास कार्यों में तेजी आई है. स्कूल शुरू होने से बच्चों की शिक्षा का स्तर सुधर रहा है. नक्सल भय से बंद बाजार अब खुल रहे हैं. आज बस्तर में जो शांति कायम हुई है, वह सीआरपीएफ के कारण ही है."

गलतियों से सीखकर आगे बढ़ रहा सीआरपीएफ: सुजॉय लाल थाउसेन ने बताया कि ''जहां तक ऑपरेशंस की बात है, ऑपरेशंस जो है सबके साथ मिलकर कर रहे हैं, विशेषकर स्टेट पुलिस के साथ मिलकर कर रहे हैं. इंडिपेंडेंट ऑपरेशंस भी किये जाते हैं, लेकिन अधिकतर ऑपरेशंस साथ मिलकर करते हैं. एक दशक के पहले यहां पर सीआरपीएफ की तैनाती हुई है. उस समय हमारे पास में जो व्यवस्था आज है, वह पहले नहीं थी. यहां आने के पहले जो ट्रेनिंग की आवश्यकता है, हथियार चलाने के लिए, इंटेलिजेंस कलेक्शन के लिए, कौन से रास्ते से जाना चाहिए, कौन से रास्ते से नहीं जाना चाहिए, पैदल चलने में सावधानी बरतना, पूरे समय अलर्ट रहना, बहुत सारी चीजों में लगातार सुधार हो रहा है"

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"हम अपनी गलतियों से सीख रहे हैं": सीआरपीएफ महानिदेशक (डीजी) सुजॉय लाल थाउसेन ने माना कि ''सीआरपीएफ के बस्तर तैनाती के समय जवान, नक्सलियों से लड़ने तैयार नहीं थे. अब धीरे धीरे हम अपनी गलतियों से सीख रहे है. अब कोबरा बटालियन है, जो स्पेशलिस्ट यूनिट है. साथ ही हमने जंगल वॉरफेयर और काउंटर टेररिस्म के स्कूल भी खोले हैं. हमारे पास अब ट्रेंड जवान हैं, जिसका फायदा हमें मिल रहा है.''

ड्रोन हमले को लेकर बोले सीआरपीएफ डीजी: सुजॉय लाल थाउसेन ने कहा कि ''ड्रोन का इस्तेमाल हस सिर्फ सर्विलांस के लिए करते हैं. हमारा अभी मूवमेंट होना है, हमको गश्त के लिए जाना है तो उसके सर्विलांस के लिए इस्तेमाल करते हैं. बम गिराने के लिए हमने इसका इस्तेमाल अभी नहीं किया है, न ही अभी इसके इस्तेमाल की जरूरत हम समझते हैं.

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"जगदलपुर में ट्रॉमा सेंटर निर्माण का प्रस्ताव दिया": सुजॉय लाल थाउसेन ने बताया कि ''जगदलपुर में ट्रॉमा सेंटर निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है, ताकि जगदलपुर में ही घायल जवानों का बेहतर इलाज हो सके. यहां महानगरों की तरह ही अस्पताल में सुविधा मिल सके.''

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