ETV Bharat / bharat

राष्ट्रपति चुनाव: ममता ने संभाला मोर्चा, 15 जून को दिल्ली में विपक्ष की अहम बैठक - राष्ट्रपति चुनाव ममता बनर्जी की बैठक

निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा. इस चुनाव में निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य सांसद और विधायक शामिल हैं, जो कि रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे. राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा के साथ ही टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने विपक्ष को एकजुट करने का मोर्चा संभाल लिया है.

Presidential election
राष्ट्रपति चुनाव
author img

By

Published : Jun 11, 2022, 9:50 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी राष्ट्रपति चुनावों पर नजर रखते हुए 15 जून को नई दिल्ली में सभी विपक्षी दलों के नेताओं और विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाई है. बैठक कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में होगी. उन्होंने 22 नेताओं को एक पत्र भेजा है, जिसमें विभिन्न विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं. पत्र प्राप्त करने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शामिल हैं.

यहां तक कि उनके कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को भी बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. टीएमसी का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव नजदीक है और इसी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहल की है. उन्होंने विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ मजबूत और प्रभावी विपक्ष के लिए 15 जून को कॉन्स्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली में एक संयुक्त बैठक में भाग में लेने के लिए विपक्षी मुख्यमंत्रियों और नेताओं को पत्र लिखा है.

पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रपति चुनाव सभी प्रगतिशील विपक्षी दलों के लिए भारतीय राजनीति के भविष्य के पाठ्यक्रम पर पुनर्विचार और विचार-विमर्श करने का सही अवसर है. चुनाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह विधायकों को हमारे राज्य के प्रमुख को तय करने में भाग लेने का मौका देता है जो लोकतंत्र के संरक्षक हैं. ऐसे समय में जब हमारा लोकतंत्र संकट के दौर से गुजर रहा है, मेरा मानना है कि वंचित और अभूतपूर्व समुदायों को प्रतिध्वनित करने के लिए विपक्षी आवाजों का एक उपयोगी संगम समय की जरूरत है.'

यह भी पढ़ें- Presidential Poll: उम्मीदवार बनने की क्या हैं योग्यताएं, कितने प्रस्तावकों की जरूरत, जानें सबकुछ

यह तथ्य कि ममता बनर्जी राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर विपक्षी एकता बनाने के लिए मोर्चा संभालेंगी, जो कि इस साल मार्च में उनके द्वारा स्पष्ट किया गया था. उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में से चार में विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के तुरंत बाद, ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि खेल अभी खत्म नहीं हुआ है क्योंकि भाजपा अन्य दलों के समर्थन के बिना राष्ट्रपति चुनाव में अपने उम्मीदवार का चुनाव नहीं कर पाएगी.

निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा. इस चुनाव में निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य सांसद और विधायक शामिल हैं, जो कि रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे.

(एजेंसी इनपुट)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी राष्ट्रपति चुनावों पर नजर रखते हुए 15 जून को नई दिल्ली में सभी विपक्षी दलों के नेताओं और विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाई है. बैठक कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में होगी. उन्होंने 22 नेताओं को एक पत्र भेजा है, जिसमें विभिन्न विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं. पत्र प्राप्त करने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शामिल हैं.

यहां तक कि उनके कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को भी बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. टीएमसी का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव नजदीक है और इसी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहल की है. उन्होंने विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ मजबूत और प्रभावी विपक्ष के लिए 15 जून को कॉन्स्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली में एक संयुक्त बैठक में भाग में लेने के लिए विपक्षी मुख्यमंत्रियों और नेताओं को पत्र लिखा है.

पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रपति चुनाव सभी प्रगतिशील विपक्षी दलों के लिए भारतीय राजनीति के भविष्य के पाठ्यक्रम पर पुनर्विचार और विचार-विमर्श करने का सही अवसर है. चुनाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह विधायकों को हमारे राज्य के प्रमुख को तय करने में भाग लेने का मौका देता है जो लोकतंत्र के संरक्षक हैं. ऐसे समय में जब हमारा लोकतंत्र संकट के दौर से गुजर रहा है, मेरा मानना है कि वंचित और अभूतपूर्व समुदायों को प्रतिध्वनित करने के लिए विपक्षी आवाजों का एक उपयोगी संगम समय की जरूरत है.'

यह भी पढ़ें- Presidential Poll: उम्मीदवार बनने की क्या हैं योग्यताएं, कितने प्रस्तावकों की जरूरत, जानें सबकुछ

यह तथ्य कि ममता बनर्जी राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर विपक्षी एकता बनाने के लिए मोर्चा संभालेंगी, जो कि इस साल मार्च में उनके द्वारा स्पष्ट किया गया था. उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में से चार में विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के तुरंत बाद, ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि खेल अभी खत्म नहीं हुआ है क्योंकि भाजपा अन्य दलों के समर्थन के बिना राष्ट्रपति चुनाव में अपने उम्मीदवार का चुनाव नहीं कर पाएगी.

निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा. इस चुनाव में निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य सांसद और विधायक शामिल हैं, जो कि रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे.

(एजेंसी इनपुट)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.