मुंबई: शिवसेना राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए कैंडीडेट द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी. शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का मतलब भाजपा का समर्थन करना नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सांसदों के वोट मिलने के बाद यह फैसला किया है. वह मीडिया से बात कर रहे थे. राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होगा. सांसद संजय राउत ने कहा कि मातोश्री में सांसदों की बैठक छोड़ने की चर्चा गलत थी. उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे पर कोई दबाव नहीं था. देश में 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होना है.
शिवसेना सांसद इस राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की मांग कर रहे थे. सांसद भी ठाकरे पर दबाव बढ़ा थे. चर्चा है कि शिवसेना के 19 में से 14 सांसद लोकसभा में एक स्वतंत्र समूह की मांग कर रहे थे. अगर विधायकों की बगावत के बाद सांसद बगावत करते हैं तो पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है. यही वजह है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में मातोश्री पर सभी सांसदों की अहम बैठक हुई. कयास लगाए जा रहे हैं कि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना को नुकसान से बचाने के लिए राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का समर्थन करने का फैसला लिया है.
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पालघर शिवसेना सांसद राजेंद्र गावित ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने संबंधी पत्र शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को सौंपा था. शिवसेना सांसद राजेंद्र गावित ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र में लिखा कि दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र में तत्कालीन यूपीए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पहली मराठी भाषी प्रतिभा पाटिल के साथ-साथ प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था, दोनों ही देश के राष्ट्रपति चुने गए थे. इस बात को ध्यान में रखते हुए हमें देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी, का समर्थन करना चाहिए. अगर शिवसेना भाजपा की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करती है, तो देश का पूरा आदिवासी समुदाय उनका ऋणी होगा.
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द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के मामले में संजय राउत का बयान भी आ गया है. उन्होंने कहा कि द्रौपदी को समर्थन करने का मतलब बीजेपी को समर्थन करना नहीं है. शिवसेना के यशवंत सिन्हा से अच्छे संबंध हैं लेकिन लोगों की भावनाओं का भी ख्याल रखना चाहिए. शिवसेना अकसर ऐसे फैसले लेती रही है. संजय राउत ने उदाहरण देते हुए कहा कि शिवसेना ने प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था, जबकि वह UPA की उम्मीदवार थीं. इसी तरह प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया गया था. संजय राउत बोले कि मुर्मू पहली आदिवासी महिला हैं जिनको इस पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है. इसके साथ ही शिवसेना में भी कई आदिवासी प्रतिनिधि हैं. सांसदों ने भी मुर्मू को समर्थन देने की मांग जताई है.
उद्धव का यह फैसला महाविकास अघाड़ी गठबंधन के लिए भी झटका है. क्योंकि गठबंधन के बाकी दोनों साथी यानी कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी यशवंत सिन्हा का सपोर्ट कर रही है. देश में 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होना है. 21 जुलाई को देश को नया महामहिम मिलेगा. चुनाव में वोटिंग के लिए विशेष इंक वाला पेन मुहैया कराया जाएगा. वोट देने के लिए 1,2,3 लिखकर पसंद बतानी होगी. पहली पसंद ना बताने पर वोट रद्द हो जाएगा.