ETV Bharat / bharat

राष्ट्रपति ने म्हाडा अधिनियम संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर किये : फडणवीस - President Draupadi Murmu

फडणवीस ने बताया कि भारत की राष्ट्रपति ने म्हाडा अधिनियम 1976 में संशोधन से जुड़े विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे नगर निकाय द्वारा किसी आवासीय इमारत को रहने के लिए खतरनाक घोषित किए जाने के बाद संबंधित इमारत के मालिक या किरायेदारों को पुनर्विकास के लिए प्रस्ताव पेश करने में प्राथमिकता मिलेगी.

Devendra Fadnavis
फडणवीस
author img

By

Published : Dec 3, 2022, 7:04 AM IST

मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास (म्हाडा) अधिनियम 1976 में संशोधन से जुड़े विधेयक पर हस्ताक्षर करने से मुंबई की उन 50 से अधिक इमारतों के पुनर्विकास का रास्ता साफ हो गया है, जिन्हें खतरनाक घोषित किया गया था. फडणवीस ने बताया कि भारत की राष्ट्रपति ने म्हाडा अधिनियम 1976 में संशोधन से जुड़े विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे नगर निकाय द्वारा किसी आवासीय इमारत को रहने के लिए खतरनाक घोषित किए जाने के बाद संबंधित इमारत के मालिक या किरायेदारों को पुनर्विकास के लिए प्रस्ताव पेश करने में प्राथमिकता मिलेगी.

पढ़ें: भारत की जी20 की अध्यक्षता के दौरान मित्र मोदी का समर्थन करने के लिए उत्सक हूं: बाइडेन

उपमुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि अगर इमारत का मालिक या उसमें रहने वाले लोग पुनर्विकास के लिए प्रस्ताव पेश करने में नाकाम रहते हैं तो म्हाडा संबंधित इमारत के पुनर्विकास का जिम्मा अपने हाथों में ले सकेगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने महानगर में उपेक्षित इमारतों के पुनर्विकास का रास्ता साफ कर दिया है. मुंबई की 56 इमारतें सेस (एक तरह का कर) दे रही थीं, लेकिन खतरनाक ढांचों की श्रेणी में वर्गीकृत किए जाने के बावजूद इनके पुनर्विकास का काम अटका हुआ था.

मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास (म्हाडा) अधिनियम 1976 में संशोधन से जुड़े विधेयक पर हस्ताक्षर करने से मुंबई की उन 50 से अधिक इमारतों के पुनर्विकास का रास्ता साफ हो गया है, जिन्हें खतरनाक घोषित किया गया था. फडणवीस ने बताया कि भारत की राष्ट्रपति ने म्हाडा अधिनियम 1976 में संशोधन से जुड़े विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे नगर निकाय द्वारा किसी आवासीय इमारत को रहने के लिए खतरनाक घोषित किए जाने के बाद संबंधित इमारत के मालिक या किरायेदारों को पुनर्विकास के लिए प्रस्ताव पेश करने में प्राथमिकता मिलेगी.

पढ़ें: भारत की जी20 की अध्यक्षता के दौरान मित्र मोदी का समर्थन करने के लिए उत्सक हूं: बाइडेन

उपमुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि अगर इमारत का मालिक या उसमें रहने वाले लोग पुनर्विकास के लिए प्रस्ताव पेश करने में नाकाम रहते हैं तो म्हाडा संबंधित इमारत के पुनर्विकास का जिम्मा अपने हाथों में ले सकेगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने महानगर में उपेक्षित इमारतों के पुनर्विकास का रास्ता साफ कर दिया है. मुंबई की 56 इमारतें सेस (एक तरह का कर) दे रही थीं, लेकिन खतरनाक ढांचों की श्रेणी में वर्गीकृत किए जाने के बावजूद इनके पुनर्विकास का काम अटका हुआ था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.