ढाका: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (ramnath kovind) 3 दिन की बांग्लादेश यात्रा पर बुधवार को ढाका पहुंचे. जहां उन्होंने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान ( Bangabandhu Sheikh Mujibur Rahman Memorial Museum) स्मारक संग्रहालय का दौरा किया और बांग्लादेश के राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी. ये संग्रहालय में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता के जीवन और उनके किए कार्यों का गवाह है.
बुधवार सुबह राष्ट्रपति कोविंद बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचे. जहां बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हमीद और प्रथम महिला रशीदा हामिद ने भारत के राष्ट्रपति कोविंद और प्रथम महिला सविता कोविंद का स्वागत किया. इस दौरान उनका रेड कार्पेट पर स्वागत हुआ और 21 तोपों की सलामी के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
बांग्लादेश में इस वर्ष को मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती के रूप में मनाया जा रहा है. इसके अलावा 16 दिसंबर को बांग्लादेश अपनी आजादी की 50 वर्षगांठ भी मनाएगा (50th anniversary of Bangladesh’s Liberation) और इस मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विशेष रूप से शिरकत करेंगे.
कोविड-19 महामारी के बाद राष्ट्रपति कोविंद की पहली विदेश यात्रा है. उनकी यात्रा भारत-बांग्लादेश संबंधों से जुड़ी प्राथमिकता को भी दर्शाता है. इससे पहले आज, राष्ट्रपति कोविंद ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के वीरों को राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया कि, "मुक्ति युद्ध के आदर्शों को साकार करने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों की भावना हमारे विचारों और कार्यों का मार्गदर्शन करती रहे" 2021 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मना रहा है, यह दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल पूरे होने का भी जश्न है.
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान कहा, "16 दिसंबर का दिन पाकिस्तानी सेना पर महान जीत और हमारे संयुक्त बलों - भारतीय सशस्त्र बलों और बांग्लादेश की सेना की वीरगाथा की याद दिलाता है"
यात्रा के दौरान राष्ट्रपति कोविंद बांग्लादेश के राष्ट्रपति के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक भी करेंगे. प्रधानमंत्री शेख हसीना राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात करेंगी. बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ ए. के. अब्दुल मोमन भी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे.
इसके अलावा, राष्ट्रपति कोविंद एक विशेष कार्यक्रम 'मुक्ति जोधा' में उन लोगों के साथ संवाद करेंगे जिन्होंने सशस्त्र बलों के साथ हथियार उठाए और अपने देश को मुक्त करने के लिए संघर्ष किया. विदेश मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रपति की इस यात्रा के दौरान पूर्व भारतीय सैनिकों का भी एक प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश में होगा.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ये यात्रा दोनों देशों के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक संबंधों, आपसी विश्वास को मजबूत करने की ओर एक बड़ा कदम साबित हो सकता है.
इससे पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती, राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के समारोह में शामिल होने के लिए 26 से 27 मार्च, 2021 तक बांग्लादेश की यात्रा की थी.
बांग्लादेश के लिहाज से पड़ोसी को प्राथमिकता देना भारत की नीति का मजबूत स्तंभ है. भारत और बांग्लादेश सुरक्षा से लेकर सीमा, जल संसाधन, व्यापार, परिवहन, स्वास्थ्य, संस्कृति, ऊर्जा और लोगों के बीच संबंध समेत कई मोर्चों पर एक साथ खड़े रहते हैं. कोविड-19 के दौर में दोनों देशों ने ही चुनौतियों का सामना करने के साथ आपसी सहयोग भी बनाए रखा. ऐसे में प्रधानमंत्री के बाद राष्ट्रपति का बांग्लादेश दौरा दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेगा.
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