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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आखिरी संबोधन : देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को सलाम करता हूं - द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने देश के नाम संबोधन में देशवासियों से भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि मैं देश की जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था की ताकत को सलाम करता हूं.

President Ram Nath Kovind
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
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Published : Jul 24, 2022, 7:29 PM IST

Updated : Jul 24, 2022, 9:32 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने देशवासियों से भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण का आह्वान करते हुए रविवार को कहा कि प्रकृति मां गहरी पीड़ा में है और जलवायु संकट इस ग्रह के भविष्य को खतरे में डाल सकता है. राष्ट्र के नाम अपने विदाई संबोधन में उन्होंने कहा कि देश 21वीं सदी को 'भारत की सदी' बनाने के लिए तैयार हो रहा है. उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये आर्थिक सुधारों के साथ, नागरिकों को उनकी क्षमता का एहसास कराकर उन्हें समृद्ध बनाएंगे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का देश के नाम संबोधन

निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी. राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति के रूप में अपने अंतिम टेलीविजन संबोधन में, कोविंद ने कहा, 'महामारी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे में और सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया है. मुझे खुशी है कि सरकार ने इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है.' उन्होंने कहा, 'एक बार शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा शुरू हो जाने के बाद, आर्थिक सुधार नागरिकों को उनके जीवन के लिए सबसे अच्छा रास्ता खोजने में मदद करेंगे.' उन्होंने कहा, 'मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमारा देश 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए तैयार हो रहा है.'

  • There were many uprisings across the country in the nineteenth century. The names of many of the heroes who brought hopes of a new dawn have long been forgotten. Contributions of some of them have come to be appreciated only in recent times. pic.twitter.com/9p69EomfXl

    — President of India (@rashtrapatibhvn) July 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के पांच वर्षों के दौरान, मैंने अपनी पूरी योग्यता से अपने दायित्वों का निर्वहन किया है. उन्होंने कहा कि मैं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर एस. राधाकृष्णन और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जैसी महान विभूतियों का उत्तराधिकारी होने के नाते बहुत सचेत रहा हूं. कोविंद ने कहा कि 5 साल पहले मैं आपके चुने हुए जनप्रतिनिधियों के माध्यम से राष्ट्रपति चुना गया था. राष्ट्रपति के रूप में मेरा कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है. मैं आप सभी और आपके जन प्रतिनिधियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि मैं देश की जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था की ताकत को सलाम करता हूं.

कोविंद ने कहा कि हमारे पूर्वजों और हमारे आधुनिक राष्ट्र-निर्माताओं ने अपने कठिन परिश्रम और सेवा भावना के द्वारा न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के आदर्शों को चरितार्थ किया था. हमें केवल उनके पदचिह्नों पर चलना है और आगे बढ़ते रहना है. उन्होंने अपने गांव का जिक्र करते हुए कहा कि अपने छोटे से गांव में साधारण बालक के नजरिए से वो देश को समझने की कोशिश कर रहे थे और उस समय देश को आजाद हुए महज कुछ साल ही हुए थे. कच्चे घर में गुजर बसर करने वाले मेरे जैसे साधारण बालक के लिए हमारे गणतंत्र के बारे में कोई जानकारी होना या कोई जानकारी रखना कल्पना से परे था. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि इसमें हर नागरिक के लिए रास्ते खुले हैं जिससे हर कोई इस देश के निर्माण में भागीदार बन सकता है.

अपने गृह जनपद कानपुर देहात का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि परौंख गांव के अति साधारण परिवार में पला-बढ़ा रामनाथ कोविंद आज सभी देशवासियों को संबोधित कर रहा है इसके लिए मैं अपने देश की जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था की शक्ति को शत-शत नमन करता हूं. रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान अपने पैतृक गांव का दौरा करना और अपने कानपुर के विद्यालय में वयोवृद्ध शिक्षकों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना उनके जीवन के सबसे यादगार पलों में हमेशा शामिल रहेंगे.

ये भी पढ़ें - मैं देशवासियों का सदैव आभारी रहूंगा : कोविंद

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने देशवासियों से भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण का आह्वान करते हुए रविवार को कहा कि प्रकृति मां गहरी पीड़ा में है और जलवायु संकट इस ग्रह के भविष्य को खतरे में डाल सकता है. राष्ट्र के नाम अपने विदाई संबोधन में उन्होंने कहा कि देश 21वीं सदी को 'भारत की सदी' बनाने के लिए तैयार हो रहा है. उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये आर्थिक सुधारों के साथ, नागरिकों को उनकी क्षमता का एहसास कराकर उन्हें समृद्ध बनाएंगे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का देश के नाम संबोधन

निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी. राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति के रूप में अपने अंतिम टेलीविजन संबोधन में, कोविंद ने कहा, 'महामारी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे में और सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया है. मुझे खुशी है कि सरकार ने इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है.' उन्होंने कहा, 'एक बार शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा शुरू हो जाने के बाद, आर्थिक सुधार नागरिकों को उनके जीवन के लिए सबसे अच्छा रास्ता खोजने में मदद करेंगे.' उन्होंने कहा, 'मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमारा देश 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए तैयार हो रहा है.'

  • There were many uprisings across the country in the nineteenth century. The names of many of the heroes who brought hopes of a new dawn have long been forgotten. Contributions of some of them have come to be appreciated only in recent times. pic.twitter.com/9p69EomfXl

    — President of India (@rashtrapatibhvn) July 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के पांच वर्षों के दौरान, मैंने अपनी पूरी योग्यता से अपने दायित्वों का निर्वहन किया है. उन्होंने कहा कि मैं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर एस. राधाकृष्णन और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जैसी महान विभूतियों का उत्तराधिकारी होने के नाते बहुत सचेत रहा हूं. कोविंद ने कहा कि 5 साल पहले मैं आपके चुने हुए जनप्रतिनिधियों के माध्यम से राष्ट्रपति चुना गया था. राष्ट्रपति के रूप में मेरा कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है. मैं आप सभी और आपके जन प्रतिनिधियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि मैं देश की जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था की ताकत को सलाम करता हूं.

कोविंद ने कहा कि हमारे पूर्वजों और हमारे आधुनिक राष्ट्र-निर्माताओं ने अपने कठिन परिश्रम और सेवा भावना के द्वारा न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के आदर्शों को चरितार्थ किया था. हमें केवल उनके पदचिह्नों पर चलना है और आगे बढ़ते रहना है. उन्होंने अपने गांव का जिक्र करते हुए कहा कि अपने छोटे से गांव में साधारण बालक के नजरिए से वो देश को समझने की कोशिश कर रहे थे और उस समय देश को आजाद हुए महज कुछ साल ही हुए थे. कच्चे घर में गुजर बसर करने वाले मेरे जैसे साधारण बालक के लिए हमारे गणतंत्र के बारे में कोई जानकारी होना या कोई जानकारी रखना कल्पना से परे था. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि इसमें हर नागरिक के लिए रास्ते खुले हैं जिससे हर कोई इस देश के निर्माण में भागीदार बन सकता है.

अपने गृह जनपद कानपुर देहात का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि परौंख गांव के अति साधारण परिवार में पला-बढ़ा रामनाथ कोविंद आज सभी देशवासियों को संबोधित कर रहा है इसके लिए मैं अपने देश की जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था की शक्ति को शत-शत नमन करता हूं. रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान अपने पैतृक गांव का दौरा करना और अपने कानपुर के विद्यालय में वयोवृद्ध शिक्षकों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना उनके जीवन के सबसे यादगार पलों में हमेशा शामिल रहेंगे.

ये भी पढ़ें - मैं देशवासियों का सदैव आभारी रहूंगा : कोविंद

Last Updated : Jul 24, 2022, 9:32 PM IST
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