कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (sri lanka president gotabaya rajapaksa) ने मंगलवार देर रात आपातकाल को तत्काल प्रभाव से हटा दिया. देश में बढ़ते संकट के बीच एक अप्रैल को आपातकाल लागू किया गया था. मंगलवार देर रात जारी गजट अधिसूचना संख्या 2274/10 में राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने आपातकाल नियम अध्यादेश को वापस ले लिया है, जिससे सुरक्षाबलों को देश में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए व्यापक अधिकार मिले थे.
श्रीलंका सरकार ने देश के इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट को लेकर रविवार को प्रस्तावित राष्ट्र व्यापी विरोध-प्रदर्शनों से पहले शनिवार को 36 घंटे का कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की थी. इससे पहले राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात एक विशेष गजट अधिसूचना जारी कर श्रीलंका में एक अप्रैल से तत्काल प्रभाव से सार्वजनिक आपातकाल लागू करने की घोषणा की थी.
गजट अधिसूचना में राष्ट्रपति ने कहा था, मेरी राय में श्रीलंका में आपातकाल लागू करना सार्वजनिक सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ समुदायों के लिए जरूरी वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के हित में है. यह कदम ऐसे समय में भी उठाया गया है, जब आर्थिक संकट से निपटने में सरकार की नाकामी को लेकर द्वीपीय देश में रविवार को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का आह्वान किया गया था. आपातकाल की घोषणा उस समय की गई है, जब अदालत ने राजपक्षे के आवास के सामने प्रदर्शन के लिए गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों के एक समूह को जमानत देने का आदेश दिया था.
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उल्लेखनीय है कि श्रीलंका वर्तमान में इतिहास के सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. पिछले कई सप्ताह से देश की जनता को ईंधन और रसोई गैस के लिए लंबी कतारों का सामना करने के साथ ही आवश्यक चीजों की किल्लत झेलनी पड़ रही है.