जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर में शुक्रवार को पूर्व उप राष्ट्रपति स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर आयोजित सेमिनार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल हुईं. 'राजस्थान विधानसभा के प्रमुख संवैधानिक पदधारकों का लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में योगदान' विषयक सेमिनार में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि 75 वर्षों में देश में लोकतंत्र और अधिक मजबूत हुआ है. लोकतंत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी सुखद संकेत है.
अग्रणी लोक सेवकों में स्थान बनाया : उन्होंने कहा कि आज देश के 2 लाख 75 हजार से अधिक स्थानीय ग्रामीण निकायों में 46 प्रतिशत महिला जनप्रतिनिधि हैं. उन्होंने कहा कि आज संसद में महिला सदस्यों की संख्या 100 से अधिक हो गई है, जो सुखद संकेत है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत को लेकर कहा कि साधारण परिवार में जन्म लेकर भी कड़ी मेहनत, संघर्ष और जनसेवा के दृढ़ संकल्प के साथ उन्होंने देश के अग्रणी लोक सेवकों में स्थान बनाया. स्वर्गीय शेखावत ने उपराष्ट्रपति के रूप में उच्च संसदीय परंपराओं का पालन करते हुए आदर्श स्थापित किया.
प्रतिभा पाटिल रही प्रोत्साहन का स्त्रोत : उन्होंने कहा कि वे दलगत राजनीति से ऊपर थे और आमजन की समस्याओं की गहरी समझ रखते थे. राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रदेश के अब तक के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्षों के योगदान को प्रदेश के विकास और संसदीय लोकतंत्र की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि देश की पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल उनके लिए भी प्रोत्साहन का स्रोत रही हैं. उन्होंने राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की गतिविधियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के आयोजन की सराहना की.
अन्त्योदय योजना ने बदली दिशा : राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत राजनीतिक और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की शुचिता के प्रखर पैरोकार थे. राज्यपाल ने स्वर्गीय शेखावत के साथ की अपनी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि वे दलीय राजनीति से ऊपर उठकर हरेक दल के लोगों से आत्मीय संबंध रखते थे. राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत ने गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही जनता के लिए 'अन्त्योदय योजना', 'काम के बदले अनाज' जैसी योजनाएं प्रारम्भ की, जो देश के अन्य राज्यों में भी अपनाई गईं.