गिरिडीहः बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री का दरबार गिरिडीह में आगामी दो और तीन नवंबर को सजना तय हुआ है. यह कार्यक्रम गिरिडीह के दुखिया महादेव ( दुखहरणनाथ धाम ) में आयोजित होगा. कार्यक्रम की तैयारी अभी से ही शुरू कर दी गई है. 25 और 26 अक्टूबर तक दुर्गा पूजा की धूम पूरे जिला में रहेगी. दुर्गा पूजा के तुरंत बाद ही धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम है ऐसे में प्रशासन ने भी अपने स्तर से तैयारी शुरू की है.
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सदर अनुमंडल पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह और मुफस्सिल थाना प्रभारी कमलेश पासवान द्वारा कार्यक्रम की तैयारी की जानकारी आयोजक विनोद सिन्हा से ली गई है. कार्यक्रम स्थल का कई बार इन दोनों पदाधिकारी के द्वारा निरीक्षण भी किया गया है. यह देखा गया है कि कार्यक्रम में आने वाली भीड़ के लिए कितने रास्ते बनाए जा सकते हैं. पंडाल कहां बन रहा है. वाहनों की पार्किंग किस तरफ होनी है. पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री कहां रहेंगे. भीड़ के कारण किसी तरह की परेशानी न हो. शांतिपूर्ण तरीके से लोग आएं और फिर सुरक्षित ही घर जाएं, इसे लेकर भी विचार विमर्श किया गया है.
यहां बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ती हैं. दुखहरण नाथ धाम में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भी गिरिडीह के साथ-साथ झारखंड - बिहार के लोगों का जमावड़ा लगना तय है. ऐसे में सुरक्षा को लेकर पूरी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है. जिले के पुलिस कप्तान दीपक शर्मा ने सदर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह और मुफस्सिल थाना प्रभारी को आवश्यक निर्देश दिए हैं. ऐसे में पुलिस पदाधिकारी यह देख रहे हैं कि कार्यक्रम स्थल से लेकर आसपास के इलाके में कितने अधिकारी और जवान को प्रतिनियुक्त किया जाए.
धीरेद्र शास्त्री, बागेश्वर धाम महाराज के नाम से प्रसिद्ध हैं. उनका जन्म मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक छोटे से गांव में हुआ. उनके पिता पुरोहित थे. उन्होंने 12 तक की पढ़ाई की है. पढ़ाई पूरी करने के बाद गांव में ही कथा वाचन शुरू कर दिया था. धीरे-धीरे उनकी ख्याति बढ़ी. बाद में गढ़ा गांव स्थित शिव मंदिर में उन्होंने अपना स्थान बनाया. इस मंदिर को बागेश्वर मंदिर के रूप में भी जानते हैं. साल 2016 उन्होंने वहां श्री बालाजी महाराज की एक मूर्ति की स्थापित कराई. इसी के बाद से ही वो बागेश्वर धाम महाराज के नाम से पहचान पाने लगे.