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बजट पूर्व चर्चा : कृषि विशेषज्ञों का वास्तविक लागत आधारित एमएसपी, सब्सिडी वाले डीजल का सुझाव

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और भागवत कराड ने वर्चुअल तरीके से कृषि और कृषि प्रसंस्करण उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ पहला बजट-पूर्व परामर्श (pre budget discussion) किया. किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारतीय किसान संघों (सीआईएफए) के मुख्य सलाहकार पी चेंगल रेड्डी (Chief Advisor P Chengal Reddy ) ने कहा कि सरकार को कृषि के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋण में 25 प्रतिशत की वृद्धि करनी चाहिए.

pre budget discussion
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Published : Dec 15, 2021, 9:35 PM IST

नयी दिल्ली : किसान संगठनों और कृषि विशेषज्ञों ने बुधवार को वित्त मंत्रालय को दिये गये बजट-पूर्व ज्ञापन (Chief Advisor P Chengal Reddy ) में उत्पादन की वास्तविक लागत के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने, डीजल पर अधिक सब्सिडी देने और आनुवंशिक रूप से संवर्धित ‘आर्गेनिज्म’ (जीएमओ) जैसी नई प्रौद्योगिकियों की अनुमति दिये जाने का सुझाव दिया है.

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और भागवत कराड ने वर्चुअल तरीके से कृषि और कृषि प्रसंस्करण उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ पहला बजट-पूर्व परामर्श किया. किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारतीय किसान संघों (सीआईएफए) के मुख्य सलाहकार पी चेंगल रेड्डी ने कहा कि सरकार को कृषि के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋण में 25 प्रतिशत की वृद्धि करनी चाहिए.

उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी), जो फसलों की मूल्य नीति के बारे में सरकार की सलाहकार संस्था है, को उत्पादन की वास्तविक लागत का पता लगाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने के लिए स्वायत्त बनाया जाना चाहिए.

रेड्डी ने उत्पादकता बढ़ाने के लिए समयबद्ध तरीके से ‘जीएमओ सहित प्रौद्योगिकियों’ को अनुमति दिये जाने की बात पर भी जोर दिया. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फसल अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय अनुसंधान संस्थान (आईसीआरआईएसएटी) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विकसित आनुवंशिक प्रौद्योगिकी के लिए तत्काल मंजूरी दिये जाने का समर्थन किया.

सीआईएफए ने यह भी कहा कि श्रमबल की कमी और अधिक मजदूरी लागत को हल करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि मनरेगा को सभी कृषि गतिविधियों से जोड़ा जाना चाहिए.

पढ़ेंः सेमीकंडक्टर्स के लिए PLI स्कीम को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, 76,000 करोड़ रुपये होंगे खर्च


इसके अलावा, रेड्डी ने कीटनाशकों पर करों में कमी की मांग की तथा 50 प्रतिशत सब्सिडी पर कटाई और रोपाई के लिए प्रति सीजन 5,000 लीटर डीजल के प्रावधान की सिफारिश की. कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने ट्वीट किया कि उन्होंने कृषि पर बजट पूर्व चर्चा में भाग लिया.

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को एक मजबूत बजट पूर्व परामर्श प्रक्रिया प्रणाली तैयार करने की आवश्यकता है, ताकि लाभार्थी कार्यक्रमों का आकलन कर सकें.’’ जाखड़ ने कहा कि हरित क्रांति वाले राज्यों ने भारत की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है. उन्होंने कहा, ‘‘अब केंद्र सरकार को भारत की पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरित क्रांति वाले राज्यों के रूपांतरण के लिए उन्हें धन देने का समय है.’’ वित्त सचिव और सचिव व्यय टी वी सोमनाथन, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ, राजस्व सचिव तरुण बजाज और कॉरपोरेट मामलों के सचिव राजेश वर्मा भी बैठक में उपस्थित थे.

(पीटीआई-भाषा)

नयी दिल्ली : किसान संगठनों और कृषि विशेषज्ञों ने बुधवार को वित्त मंत्रालय को दिये गये बजट-पूर्व ज्ञापन (Chief Advisor P Chengal Reddy ) में उत्पादन की वास्तविक लागत के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने, डीजल पर अधिक सब्सिडी देने और आनुवंशिक रूप से संवर्धित ‘आर्गेनिज्म’ (जीएमओ) जैसी नई प्रौद्योगिकियों की अनुमति दिये जाने का सुझाव दिया है.

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और भागवत कराड ने वर्चुअल तरीके से कृषि और कृषि प्रसंस्करण उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ पहला बजट-पूर्व परामर्श किया. किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारतीय किसान संघों (सीआईएफए) के मुख्य सलाहकार पी चेंगल रेड्डी ने कहा कि सरकार को कृषि के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋण में 25 प्रतिशत की वृद्धि करनी चाहिए.

उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी), जो फसलों की मूल्य नीति के बारे में सरकार की सलाहकार संस्था है, को उत्पादन की वास्तविक लागत का पता लगाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने के लिए स्वायत्त बनाया जाना चाहिए.

रेड्डी ने उत्पादकता बढ़ाने के लिए समयबद्ध तरीके से ‘जीएमओ सहित प्रौद्योगिकियों’ को अनुमति दिये जाने की बात पर भी जोर दिया. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फसल अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय अनुसंधान संस्थान (आईसीआरआईएसएटी) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विकसित आनुवंशिक प्रौद्योगिकी के लिए तत्काल मंजूरी दिये जाने का समर्थन किया.

सीआईएफए ने यह भी कहा कि श्रमबल की कमी और अधिक मजदूरी लागत को हल करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि मनरेगा को सभी कृषि गतिविधियों से जोड़ा जाना चाहिए.

पढ़ेंः सेमीकंडक्टर्स के लिए PLI स्कीम को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, 76,000 करोड़ रुपये होंगे खर्च


इसके अलावा, रेड्डी ने कीटनाशकों पर करों में कमी की मांग की तथा 50 प्रतिशत सब्सिडी पर कटाई और रोपाई के लिए प्रति सीजन 5,000 लीटर डीजल के प्रावधान की सिफारिश की. कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने ट्वीट किया कि उन्होंने कृषि पर बजट पूर्व चर्चा में भाग लिया.

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को एक मजबूत बजट पूर्व परामर्श प्रक्रिया प्रणाली तैयार करने की आवश्यकता है, ताकि लाभार्थी कार्यक्रमों का आकलन कर सकें.’’ जाखड़ ने कहा कि हरित क्रांति वाले राज्यों ने भारत की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है. उन्होंने कहा, ‘‘अब केंद्र सरकार को भारत की पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरित क्रांति वाले राज्यों के रूपांतरण के लिए उन्हें धन देने का समय है.’’ वित्त सचिव और सचिव व्यय टी वी सोमनाथन, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ, राजस्व सचिव तरुण बजाज और कॉरपोरेट मामलों के सचिव राजेश वर्मा भी बैठक में उपस्थित थे.

(पीटीआई-भाषा)

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