चंडीगढ़ : पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के जीतने के बाद भी राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने एलान किया है कि वह अब किसी भी दल के लिए काम नहीं करेंगे. इस एलान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.
इससे इतर प्रशांत किशोर के इस्तीफा देने के बाद से पंजाब की सियासत में कुछ ठीक नहीं चल रहा. 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर के साथ काम कर चुके सतीश कुमार ने इस मामले पर ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
सतीश कुमार ने कहा कि अभी प्रशांत किशोर ने पॉलिटिकल स्ट्रेटजिस्ट का काम करना बंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि लोग उन्हें इसलिए लेकर आते थे क्योंकि वह राजनेताओं को एकदम सटीक एडवाइज देते थे. सतीश कुमार ने कहा कि भले ही प्रशांत किशोर ने काम करना बंद कर दिया हो, लेकिन उनकी टीम पंजाब में काम करती रहेगी.
उन्होंने कहा कि 2017 में मुख्यमंत्री पंजाब से बेअदबी करवाने वाले दोषियों को सजा दिलवाने वाले जैसे वायदे पूरे ना होने का डर भी कहीं ना कहीं प्रशांत किशोर को सता रहा था, लेकिन उनके बिना भी उनकी टीम पंजाब में अच्छे ढंग से काम कर रही है और आगे भी करेगी. ईटीवी भारत से बात करते हुए सतीश कुमार ने कहा कि हालांकि 20 से 25 फीसद काम खुद प्रशांत किशोर ही करते थे.
सतीश कुमार ने कहा कि अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में नवजोत सिद्धू कांग्रेस से दूरी बनाए रखेंगे. इससे पहले उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिद्धू को बड़ा पद देने की बात कही थी, लेकिन पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ऐसा नहीं किया. इसी वजह से दोनों में खटास रहती है. सिद्धू लगातार कैप्टन पर हमले बोल रहे हैं. वहीं, अमरिंदर सिंह ने भी साफ कह दिया कि उनके दरवाजे सिद्धू के लिए हमेशा के लिए बंद हो गए हैं.
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राजनीतिक विश्लेषक सतीश कुमार ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू अगर किसी अलग पार्टी के साथ जाते हैं तो उसको फायदा जरूर होगा, लेकिन अलग-अलग विचारधारा वाले नेताओं के एकजुट न होने से नुकसान होगा.