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अटके पड़े 12 पावर ट्रांसमीशन प्रोजेक्ट के लिए बिजली मंत्रालय तय की नई डेडलाइन

एक ओर देश में बिजली की डिमांड बढ़ रही है, दूसरी ओर कई पावर ट्रांसमीशन प्रोजेक्ट अटके पड़े हैं. केंद्र के बिजली मंत्रालय ने इस सभी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए नई डेडलाइन तय की है.

बिजली मंत्रालय तय की नई डेडलाइन
बिजली मंत्रालय तय की नई डेडलाइन
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Published : Jun 1, 2022, 10:01 PM IST

नई दिल्ली : बिजली के उत्पादन और डिमांड में वृद्धि को देखते हुए केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने सभी पावर ट्रांसमीशन इन्स्टॉलेशन एजेंसियों को अगले साल मार्च तक पावर ट्रांसमीशन प्रोजेक्ट बनाने का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, विभिन्न राज्यों में 12 पावर ट्रांसमीशन प्रोजेक्ट के निर्माण में पहले ही कई महीनों की देरी हो चुकी है. बिजली मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को नई दिल्ली में बताया कि देश में इंटर स्टेट पावर ट्रांसमीशन सेक्टर में निवेश आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. सभी क्षेत्रीय ग्रिड आपस में जुड़े हुए हैं और इंटर स्टेट पावर ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) में पावर ट्रांसमिशन क्षमता बिजली के स्मूद फ्लो के लिए पर्याप्त है, जिसके कारण वन नेशन-वन ग्रिड-वन फ्रीक्वेंसी सिस्टम काम करता है.

वर्तमान में, राष्ट्रीय ग्रिड की इंटर रीजनल ट्रांसमीशन कपैसिटी लगभग 1,12,250 मेगावॉट है. उत्पादन और मांग में प्रत्याशित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, मौजूदा ट्रांसमीशन सिस्टम को मजबूत करने सहित उत्पादन स्टेशनों से लोड केंद्रों तक बिजली पहुंचाने के लिए देश में पर्याप्त पावर ट्रांसमीशन प्रोजेक्ट बनाए गए हैं. इसके लिए 2017-18 से 2021-22 (मार्च 2022 तक) की अवधि के दौरान केंद्र और राज्य ट्रांसमिशन यूटिलिटीज की ओर से 1,58,844 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. इसके अलावा, निजी ट्रांसमिशन डेवलपर्स ने भी 2017-18 से 2021-22 (28 फरवरी, 2022 तक) की अवधि के दौरान अनुमानित 20,946 करोड़ रुपये का निवेश किया है.

इस साल 28 फरवरी को देश में 4,54,540 सर्किट केएम ट्रांसमीशन लाइनों को चालू किया गया था, जिसमें से 34, 843 सीकेएम लाइन को संयुक्त उद्यमों और निजी क्षेत्र के उद्यमों की ओर से चालू किया गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम में पावर ग्रिड और प्राइवेट ट्रांसमिशन सर्विस प्रोवाइडर्स की ओर से बनाए जा रहे 12 पावर ट्रांसमीशन प्रोजेक्ट में देरी हो रही है. बिजली मंत्रालय ने असम में लोअर सुबनसिरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से बिजली लेने के लिए बनाए जा रहे ट्रांसमिशन सिस्टम को पूरा करने के लिए पावर ग्रिड को मार्च 2023 की नई समयसीमा दी है. इसके अलावा तमिलनाडु के नेवेली में 2×500 मेगावाट नेवेली लिग्नाइट कार्पोरेशन लिमिटेड टीएस-1 के लिए बनाए जा रहे ट्रांसमिशन सिस्टम को अगस्त 2022 तक पूरा करने को कहा है. इसके साथ ही कुरुक्षेत्र, बीकानेर (पीजी), फतेहगढ़ और भादला के प्रोजेक्ट के लिए जून 2022 की नई डेडलाइन तय की गई है.

पढ़ें : कोयला संकट के बाद भी पावर कंपनियों को बिजली उत्पादन बढ़ाने का निर्देश : मंत्रालय

नई दिल्ली : बिजली के उत्पादन और डिमांड में वृद्धि को देखते हुए केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने सभी पावर ट्रांसमीशन इन्स्टॉलेशन एजेंसियों को अगले साल मार्च तक पावर ट्रांसमीशन प्रोजेक्ट बनाने का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, विभिन्न राज्यों में 12 पावर ट्रांसमीशन प्रोजेक्ट के निर्माण में पहले ही कई महीनों की देरी हो चुकी है. बिजली मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को नई दिल्ली में बताया कि देश में इंटर स्टेट पावर ट्रांसमीशन सेक्टर में निवेश आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. सभी क्षेत्रीय ग्रिड आपस में जुड़े हुए हैं और इंटर स्टेट पावर ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) में पावर ट्रांसमिशन क्षमता बिजली के स्मूद फ्लो के लिए पर्याप्त है, जिसके कारण वन नेशन-वन ग्रिड-वन फ्रीक्वेंसी सिस्टम काम करता है.

वर्तमान में, राष्ट्रीय ग्रिड की इंटर रीजनल ट्रांसमीशन कपैसिटी लगभग 1,12,250 मेगावॉट है. उत्पादन और मांग में प्रत्याशित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, मौजूदा ट्रांसमीशन सिस्टम को मजबूत करने सहित उत्पादन स्टेशनों से लोड केंद्रों तक बिजली पहुंचाने के लिए देश में पर्याप्त पावर ट्रांसमीशन प्रोजेक्ट बनाए गए हैं. इसके लिए 2017-18 से 2021-22 (मार्च 2022 तक) की अवधि के दौरान केंद्र और राज्य ट्रांसमिशन यूटिलिटीज की ओर से 1,58,844 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. इसके अलावा, निजी ट्रांसमिशन डेवलपर्स ने भी 2017-18 से 2021-22 (28 फरवरी, 2022 तक) की अवधि के दौरान अनुमानित 20,946 करोड़ रुपये का निवेश किया है.

इस साल 28 फरवरी को देश में 4,54,540 सर्किट केएम ट्रांसमीशन लाइनों को चालू किया गया था, जिसमें से 34, 843 सीकेएम लाइन को संयुक्त उद्यमों और निजी क्षेत्र के उद्यमों की ओर से चालू किया गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम में पावर ग्रिड और प्राइवेट ट्रांसमिशन सर्विस प्रोवाइडर्स की ओर से बनाए जा रहे 12 पावर ट्रांसमीशन प्रोजेक्ट में देरी हो रही है. बिजली मंत्रालय ने असम में लोअर सुबनसिरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से बिजली लेने के लिए बनाए जा रहे ट्रांसमिशन सिस्टम को पूरा करने के लिए पावर ग्रिड को मार्च 2023 की नई समयसीमा दी है. इसके अलावा तमिलनाडु के नेवेली में 2×500 मेगावाट नेवेली लिग्नाइट कार्पोरेशन लिमिटेड टीएस-1 के लिए बनाए जा रहे ट्रांसमिशन सिस्टम को अगस्त 2022 तक पूरा करने को कहा है. इसके साथ ही कुरुक्षेत्र, बीकानेर (पीजी), फतेहगढ़ और भादला के प्रोजेक्ट के लिए जून 2022 की नई डेडलाइन तय की गई है.

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