नई दिल्ली : बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा कि सभी उद्योगों को हरित ऊर्जा अपनानी चाहिए. ओपन एक्सेस आवेदन की अनुमोदन प्रक्रिया में पारदर्शिता होगी. 15 दिनों में स्वीकृति दी जानी चाहिए अन्यथा इसे तकनीकी आवश्यकताओं की पूर्ति के अधीन अनुमोदित माना जाएगा. यह एक राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से होगा. दरअसल सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम को गति देने के लिए हरित बिजली खुली पहुंच नियम 2022 को अधिसूचित किया है.
बिजली मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि ये नियम हरित ऊर्जा के उत्पादन, खरीद और खपत को बढ़ावा देने के लिए अधिसूचित किए गए हैं. ये नियम हरित बिजली के लिए खुली पहुंच को लेकर प्रक्रिया सुगम बनाएंगे. नए नियमों के अनुसार, अक्षय ऊर्जा खरीद नियम किसी भी इकाई या नई डिस्कॉम के लिए समान होगा. मंत्रालय के बयान के अनुसार, 'महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम को आगे और गति देने तथा सभी को सस्ती, भरोसेमंद हरित ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिये हरित खुली पहुंच नियम 2022 को छह जून को अधिसूचित किया गया.'
उपभोक्ता भी सीधे नवीकरणीय ऊर्जा खरीद सकेंगे : इसमें कहा गया है कि उपभोक्ता अब बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) से हरित ऊर्जा की मांग कर सकते हैं. हर उपभोक्ता 2030 तक 5,00,000 मेगावॉट हरित बिजली क्षमता के लक्ष्य को पूरा करने को लेकर देश की प्रतिबद्धता को प्राप्त करने में योगदान करने को हितधारक बनेगा. नियमों के अनुसार, हरित खुली पहुंच व्यवस्था में सभी उपभोक्ताओं को अनुमति दी गई है. इसके तहत सीधे बिजली उत्पादकों से हरित ऊर्जा खरीद के लिए सीमा एक मेगावॉट से घटाकर 100 किलोवॉट कर दी गई है. इससे कम खपत वाले उपभोक्ता भी खुली पहुंच व्यवस्था यानी सीधे उत्पादकों से नवीकरणीय ऊर्जा खरीद सकेंगे.
15 दिन के अंदर दी जाएगी मंजूरी : खुली पहुंच से जुड़े आवेदनों की मंजूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी. नियमों के तहत मंजूरी 15 दिन के अंदर दी जाएगी. अगर ऐसा नहीं होता है, तो आवेदन को मंजूर माना जाएगा. लेकिन इसके लिए तकनीकी जरूरतों को पूरा करना आवश्यक है. यह सब राष्ट्रीय पोर्टल के जरिये होगा. शुल्क दरों के बारे में इसमें कहा गया है, 'हरित ऊर्जा की दरें उचित आयोग अलग से तय करेगा. इसमें नवीकरणीय ऊर्जा की औसत खरीद लागत, 'क्रॉस' सब्सिडी (एक की कीमत पर दूसरे को दी गयी सब्सिडी) होने पर उसकी शुल्क दर और सेवा शुल्क शामिल होंगे.
यह हरित ऊर्जा उत्पादकों के लिए नकदी प्रवाह सुनिश्चित करने सहित खुली पहुंच प्रदान करने के लिए मंजूरी प्रक्रिया को व्यवस्थित करने में मदद करेगा. इससे आवेदन प्रक्रिया में एकरूपता भी आएगी. हरित ऊर्जा का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को प्रमाणपत्र दिया जाएगा. यदि हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग किया जाता है, तो 'क्रॉस सब्सिडी' अधिभार और अतिरिक्त अधिभार लागू नहीं होंगे. इसके अलावा, वितरण के लिए लाइसेंस लेने वाली कंपनियों के क्षेत्र में सभी बाध्यकारी संस्थाओं पर एक समान रूप से नवीकरणीय ऊर्जा खरीद दायित्व लागू होगा.
पढ़ें- भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता दुनिया में चौथी सबसे बड़ी : पीएम मोदी