मुंबई: देश की वित्तीय राजधानी मुंबई और आसपास के उपनगरों के कई इलाकों में 'ट्रांसमिशन लाइन' में तकनीकी खामी के कारण मंगलवार सुबह करीब एक घंटे तक बिजली गुल रही. बिजली कटौती ऐसे समय में की गई है, जब राज्य लगभग 2,500 मेगावाट की बिजली की कमी से जूझ रहा है, जिसके कारण बिजली वितरण निगम (डिस्कॉम) को अनिवार्य रूप से कुछ इलाकों में बिजली की आपूर्ति में कटौती करनी पड़ रही है. इससे पहले इस साल फरवरी और अक्टूबर 2020 में भी राज्य में बिजली की समस्या उत्पन्न हुई थी.
खबरों के अनुसार, दादर तथा माटुंगा जैसे मध्य मुंबई के कुछ हिस्सों के साथ-साथ मुंबई के नगरपालिका क्षेत्र में भांडुप तथा मुलुंड जैसे उपनगरों और ठाणे, कल्याण तथा डोंबिवली के आसपास के शहरों में सुबह करीब 10 बजे बिजली गुल हो गई थी.
राज्य डिस्कॉम के एक अधिकारी ने बताया कि कल्याण के पास पडघा में स्थित महाराष्ट्र स्टेट ट्रांसमिशन कंपनी के सब स्टेशन में कोई तकनीकी खामी (ट्रिपिंग) के कारण ठाणे, भांडुप, मुलुंड, कल्याण और डोंबिवली जैसे इलाकों में राज्य डिस्कॉम ने बिजली की कटौती की है. अधिकारी ने बताया कि एक घंटे से अधिक समय के बाद ट्रांसमिशन कंपनी से आपूर्ति बहाल कर दी गई और प्रभावित इलाकों में धीरे-धीरे सेवांए बहाल की गईं.
उन्होंने बताया कि 'ट्रिपिंग' किस कारण हो रही थी, इसका अभी पता चल पाया है. इससे पहले, 'टॉटा पॉवर' के एक प्रवक्ता ने बताया था कि प्रारंभिक आकलन के अनुसार, मुंबई और उपनगरीय क्षेत्रों को बिजली की आपूर्ति करने वाली 'महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड' (एमएसईटीसीएल) की लाइन में तकनीकी खामी के कारण मुंबई के कुछ हिस्सों में बिजली की कटौती की गई है. कई प्रभावित इलाकों से करीब 70-80 मिनट के बाद बिजली बहाल होने की सूचना मिलनी शुरू हो गई थी.
वित्तीय राजधानी में आम तौर पर 'लोड शेडिंग' के तहत बिजली कटौती नहीं की जाती, लेकिन 2020 अक्टूबर में ऐसी ही समस्या का सामना करना पड़ा था. उस समय उपनगरीय ट्रेन नेटवर्क की सेवाओं में भी व्यवधान आया था.
ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की बात करने वाले भाजपा नेताओं पर शरद पवार का तंज
(पीटीआई-भाषा)