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वैक्सीन की बर्बादी को लेकर भूपेश सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने

वैक्सीन की बर्बादी को लेकर भूपेश सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने है. एक तरफ जहां बीजेपी की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने ट्वीट कर छत्तीसगढ़ में 30 फीसदी वैक्सीन बर्बाद होने का दावा किया है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने बीजेपी पर भ्रम और झूठ फैलाने का आरोप लगाया है.

वैक्सीन की बर्बादी
वैक्सीन की बर्बादी
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Published : May 31, 2021, 4:34 AM IST

रायपुर: कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच तनातनी शुरू से रही है. चाहे वो वैक्सीन की आपूर्ति हो या फिर इसके दामों को लेकर सियासत होती रही है.

वहीं अब वैक्सीन की बर्बादी को लेकर प्रदेश में घमासान मचा हुआ है. हाल ही में बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी (d purandeswari) ने एक ट्वीट कर हलचल मचा दी.

पुरंदेश्वरी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में 30 फीसदी वैक्सीन बर्बाद कर दी गई. हालांकि राज्य सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में प्रदेश में सिर्फ 0.95 फीसदी ही वैक्सीन बर्बाद हुई है.

वैक्सीन की बर्बादी को लेकर भूपेश सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने

कोरोना की महामारी के बीच में वैक्सीनेशन को ही संजीवनी का रूप माना जा रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन को लेकर चल रही राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है.

बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने ट्वीट कर छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान सरकार को वैक्सीनेशन वेस्टेज के लिए दोषी ठहराया है. पुरंदेश्वरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 30 फीसदी, झारखंड में 37 फीसदी और राजस्थान में 11.30 लाख वैक्सीन डोज बर्बाद हो गए.

'झूठ और भ्रम फैला रही बीजेपी'

कांग्रेस ने इस मामले में बीजेपी पर झूठा और भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार के कोविड पोर्टल में छत्तीसगढ़ का वैक्सीन बर्बादी का औसत आंकड़ा 1 % से भी कम यानी 0.95% है. जो कि राष्ट्रीय औसत से आधे से भी कम है.

ऐसे में बीजेपी झूठ और फरेब की राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में डी पुरंदेश्वरी को माफी मांगना चाहिए.

'मिस मैनेजमेंट से वैक्सीन हुई बर्बाद'

कांग्रेस के आरोपों का पलटवार करते हुए पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कहा कि, वैक्सीन के मामले में भूपेश सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है. केंद्र के कंधे पर बंदूक रखकर चलाने का काम छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है.

सरकार टीकाकरण अभियान को लेकर सही क्रियान्वयन नहीं कर रही है. यही कारण है कि टीका की बर्बादी, वैक्सीनेशन सेंटर बंद होने की खबरें आती रहती हैं. सरकार के मिस मैनेजमेंट के चलते ही बड़े पैमाने पर वैक्सीन वेस्टेज हुई है.

'केंद्र को स्थिति साफ करनी चाहिए'

इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार अनिल द्विवेदी ने बताया कि, बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी का ट्वीट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों को लेकर है. हालांकि उन आंकड़ों को लेकर भी भ्रम की स्थिति है.

केंद्र के आंकड़ों की तुलना में छत्तीसगढ़ सरकार के आंकड़े ज्यादा असरकारी है. आंकड़े देने में केंद्र सरकार ने जल्दबाजी कर दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग को स्थिति साफ करनी चाहिए.

स्वास्थ्य सचिव ने लिखा था पत्र

वैक्सीन बर्बादी को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव आलोक शुक्ला ने 21 मई को केंद्र को पत्र लिखकर जानकारी दी थी. शुक्ला के पत्र के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 45 प्लस वालों के लिए केंद्र से 68,40,210 टीके मिले, जिसमें से 55,608 की बर्बादी हुई. यानी 0.81 प्रतिशत बर्बादी. वहीं 18 से 44 आयुवर्ग के लिए कुल 7,97,110 वैक्सीन मिली, जिसमें से 5039 बर्बाद हुईं. यानी 0.63 प्रतिशत बर्बादी.

'21 मई को ही राज्य ने आपत्ति दर्ज करवाई'

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि 21 मई को वीडियो कांफ्रेंसिंग में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र के पोर्टल में टीके के बर्बादी प्रतिशत को लेकर तकनीकी त्रुटि है. हमें कहा गया था कि केंद्र इसे लेकर हमसे बात करके सही आंकड़े सार्वजनिक करेगा. मगर, जो आंकड़े सामने आए वे सरकार गलत हैं.

पढ़ें - रामदेव के पतंजलि में होता है महंगा इलाज, मरीजों से लिए जाते हैं इतने रुपये

केंद्र सरकार में इन चुनिंदा लीक पर काम करने वाले व्यक्ति बेहतर काम करें और हो सके तो गणित जानने वाले से मदद लें. सिंहदेव ने कहा कि ओछी राजनीति करने से ज्यादा टीकों की खरीददारी पर फोकस होना चाहिए. जब केंद्र की कार्यप्रणाली पर सवाल पूछे जाते हैं तो उसका राजनीतिक पलटवार मिलता है.

रायपुर: कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच तनातनी शुरू से रही है. चाहे वो वैक्सीन की आपूर्ति हो या फिर इसके दामों को लेकर सियासत होती रही है.

वहीं अब वैक्सीन की बर्बादी को लेकर प्रदेश में घमासान मचा हुआ है. हाल ही में बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी (d purandeswari) ने एक ट्वीट कर हलचल मचा दी.

पुरंदेश्वरी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में 30 फीसदी वैक्सीन बर्बाद कर दी गई. हालांकि राज्य सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में प्रदेश में सिर्फ 0.95 फीसदी ही वैक्सीन बर्बाद हुई है.

वैक्सीन की बर्बादी को लेकर भूपेश सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने

कोरोना की महामारी के बीच में वैक्सीनेशन को ही संजीवनी का रूप माना जा रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन को लेकर चल रही राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है.

बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने ट्वीट कर छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान सरकार को वैक्सीनेशन वेस्टेज के लिए दोषी ठहराया है. पुरंदेश्वरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 30 फीसदी, झारखंड में 37 फीसदी और राजस्थान में 11.30 लाख वैक्सीन डोज बर्बाद हो गए.

'झूठ और भ्रम फैला रही बीजेपी'

कांग्रेस ने इस मामले में बीजेपी पर झूठा और भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार के कोविड पोर्टल में छत्तीसगढ़ का वैक्सीन बर्बादी का औसत आंकड़ा 1 % से भी कम यानी 0.95% है. जो कि राष्ट्रीय औसत से आधे से भी कम है.

ऐसे में बीजेपी झूठ और फरेब की राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में डी पुरंदेश्वरी को माफी मांगना चाहिए.

'मिस मैनेजमेंट से वैक्सीन हुई बर्बाद'

कांग्रेस के आरोपों का पलटवार करते हुए पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कहा कि, वैक्सीन के मामले में भूपेश सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है. केंद्र के कंधे पर बंदूक रखकर चलाने का काम छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है.

सरकार टीकाकरण अभियान को लेकर सही क्रियान्वयन नहीं कर रही है. यही कारण है कि टीका की बर्बादी, वैक्सीनेशन सेंटर बंद होने की खबरें आती रहती हैं. सरकार के मिस मैनेजमेंट के चलते ही बड़े पैमाने पर वैक्सीन वेस्टेज हुई है.

'केंद्र को स्थिति साफ करनी चाहिए'

इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार अनिल द्विवेदी ने बताया कि, बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी का ट्वीट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों को लेकर है. हालांकि उन आंकड़ों को लेकर भी भ्रम की स्थिति है.

केंद्र के आंकड़ों की तुलना में छत्तीसगढ़ सरकार के आंकड़े ज्यादा असरकारी है. आंकड़े देने में केंद्र सरकार ने जल्दबाजी कर दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग को स्थिति साफ करनी चाहिए.

स्वास्थ्य सचिव ने लिखा था पत्र

वैक्सीन बर्बादी को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव आलोक शुक्ला ने 21 मई को केंद्र को पत्र लिखकर जानकारी दी थी. शुक्ला के पत्र के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 45 प्लस वालों के लिए केंद्र से 68,40,210 टीके मिले, जिसमें से 55,608 की बर्बादी हुई. यानी 0.81 प्रतिशत बर्बादी. वहीं 18 से 44 आयुवर्ग के लिए कुल 7,97,110 वैक्सीन मिली, जिसमें से 5039 बर्बाद हुईं. यानी 0.63 प्रतिशत बर्बादी.

'21 मई को ही राज्य ने आपत्ति दर्ज करवाई'

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि 21 मई को वीडियो कांफ्रेंसिंग में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र के पोर्टल में टीके के बर्बादी प्रतिशत को लेकर तकनीकी त्रुटि है. हमें कहा गया था कि केंद्र इसे लेकर हमसे बात करके सही आंकड़े सार्वजनिक करेगा. मगर, जो आंकड़े सामने आए वे सरकार गलत हैं.

पढ़ें - रामदेव के पतंजलि में होता है महंगा इलाज, मरीजों से लिए जाते हैं इतने रुपये

केंद्र सरकार में इन चुनिंदा लीक पर काम करने वाले व्यक्ति बेहतर काम करें और हो सके तो गणित जानने वाले से मदद लें. सिंहदेव ने कहा कि ओछी राजनीति करने से ज्यादा टीकों की खरीददारी पर फोकस होना चाहिए. जब केंद्र की कार्यप्रणाली पर सवाल पूछे जाते हैं तो उसका राजनीतिक पलटवार मिलता है.

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