नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के महासचिव दुष्यंत गौतम ने कोर्ट द्वारा कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी को दी गई सजा और याचिका खारिज होने को लेकर महबूबा मुफ्ती के बयान पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उनको लोकतंत्र में काला दिन तब नहीं दिखाई दिया, जब आपातकाल लगा था या जब कांग्रेस की तरफ से राष्ट्रपति शासन लागू किया था या 84 के दंगों में सिखों का कत्लेआम हुआ. आज उनको काला दिन दिख रहा है.
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस यह बोलकर न्यायपालिका को चैलेंज कर रही है? क्या उनका लोकतंत्र से विश्वास हट गया है? क्या दो दो तमाचे लगे हैं, न्यायपालिका की ओर से? उनको यह भुला देना चाहिए कि वह किसी राजा-महाराजा के यहां पैदा हुए हैं. ओबीसी समुदाय को इस तरीके से बोलना आज उनका अहंकार टूटा है. राहुल अपने आप को त्यागी बताना चाहते हैं.
दुष्यंत गौतम ने कहा कि राहुल गांधी दिखाना चाहते हैं कि उन्होंने कितना बड़ा त्याग किया है, लेकिन उनको पता नहीं है कि 2024 वाली जनता है, जिस प्रकार से आतंकवादी आपके साथ ही रहे हैं, उनको सब मालूम है. भारत जोड़ो यात्रा की, लेकिन कांग्रेस को आपने तोड़ने का काम किया है. इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के मई में भारत दौरे पर भी बात की.
उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री देश में आ रहे हैं और कोई पॉजिटिविटी बनती है. लेकिन वह पॉजिटिविटी तब बनेगी जब वह आतंकवाद पर रोक लगाते हैं, लेकिन अगर यहां पर आएंगे, जब कोई ऐसा कदम बढ़ाएंगे कि हम प्यार से रह सकते हैं. लेकिन आप यहां आएंगे और बाहर जाकर कश्मीर का मुद्दा उठाएंगे और आतंकवादियों को संरक्षण देंगे तो ऐसे बात नहीं बनेगी. हमारे प्रधानमंत्री ने अच्छा वातावरण बनाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को बुलाया भी था.
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हमारी सरकार हर मामले में सक्षम है. देश के प्रधानमंत्री का इतना बड़ा कद हो गया है कि विश्व को अपने आप ही एक अच्छा संदेश देने में कामयाब हुए हैं. लेकिन मुझे लगता नहीं उनको (जयशंकर) आमना-सामना करने की आवश्यकता पड़ेगी. वैसे भी हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि हम ना किसी से नजर झुका कर बात करेंगे, ना उठाकर नजरों से नजरें मिलाकर बात करेंगे.