रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने बचे हैं. कांग्रेस मिशन 2023 के लिए विशेष रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है. कांग्रेस सभी विधानसभा क्षेत्रों में बैठकें कर समीक्षा करेगी. सभी आरक्षित 39 सीटों का अलग अलग समूह तैयार कर ग्रुप लीडर भी तय कर दिए गए हैं. ग्रुप लीडर इन सीटों में समन्वयक और अन्य स्थानीय पदाधिकारियों से मिलकर रणनीति को आगे बढ़ाएंगे. संबंधित क्षेत्र की पूरी रिपोर्ट तैयार कर पीसीसी को भेजा जाएगा.
आरक्षित सीटों पर कांग्रेस का फोकस: आरक्षित सीटों में रणनीति के तहत कांग्रेस ने पांच पांच विधानसभा क्षेत्रों का एक समूह बनाया है. इसके मुताबिक करीब 8 ग्रुप लीडर इन सीटों की मॉनिटरिंग करेंगे. इसकी रोजाना रिपोर्ट तैयार कर संगठन को भेजी जाएगी. कांग्रेस के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी सेल के राष्ट्रीय समन्वयक के राजू भी छत्तीसगढ़ पहुंचकर इन विधानसभा क्षेत्रों में गतिविधियों की समीक्षा करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक 25 अप्रैल तक ग्रुप लीडर को सभी विधानसभा क्षेत्रों की बैठक कर शुरुआती रिपोर्ट भेजने के लिए निर्देशित किया गया है. पांचों संभागों के तहत विधानसभा क्षेत्रों की समीक्षा के बाद यहां प्रशिक्षण कार्यक्रम भी तय कर दिए जाएंगे. इस पूरी रणनीति के तहत संबंधित क्षेत्रों में लीडरशिप डेवलपमेंट की गतिविधियां तेज होंगी. इन सीटों में बेहतर और योग्य चेहरों को सूचीबद्ध भी किया जाएगा. इधर पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम संभाग वार बूथ, जोन और सेक्टर कमेटियों के गठन की समीक्षा पूरी करेंगे. इसके बाद सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में प्रशिक्षण शिविरों को आगे बढ़ाने की तैयारी है.
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आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की तैयारी: सूत्रों के मुताबिक आरक्षित विधानसभा क्षेत्रों में सत्ताधारी दल के विधायकों की मौजूदा स्थिति पर भी नजर है. इसके अलावा गैर कांग्रेसी विधायकों के कब्जे वाली एसटी एससी आरक्षित 4 सीटों पर भी अलग रणनीति तैयार की जा रही है. आरक्षित विधानसभा क्षेत्रों के साथ प्रदेश भर में कांग्रेस आरक्षण के मुद्दे पर फोकस करेगी. आरक्षण का मसला राजभवन की आड़ में रोके जाने के खिलाफ सीधे भाजपा पर हमले होंगे. इसे एक बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी है. सीधे तौर पर इससे प्रभावित वर्गों को साधने की कोशिश होगी.
भाजपा ने भी तेज की तैयारी: भारतीय जनता पार्टी ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है. भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर 6 दिनों तक रायपुर में रहेंगे. उन्होंने कहा कि सभी विधानसभा में नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उसका रिव्यू मीटिंग करेंगे. प्रदेश के करीब 40 नेता मीटिंग में शामिल होंगे. इसके साथ ही वे खुद दुर्ग संभाग के अलावा बस्तर संभाग के नेताओं से चर्चा करेंगे. बताया जा रहा है कि, ओम माथुर ने आरक्षित सीटों को लेकर पहले ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर जाकर केंद्र की योजनाओं की जानकारी देने के निर्देश दिए थे.
क्या कहते हैं जानकर: वरिष्ठ पत्रकार मृगेंद्र पांडे कहते हैं कि, "प्रदेश में 39 सीटें आरक्षित हैं. इसमें 29 अनुसूचित जनजाति और 10 अनुसूचित जाति शामिल है. ऐसे में सियासतदान आरक्षित सीटों पर विशेष फोकस कर रहे हैं. जानकारी आ रही है कि कांग्रेस ने आरक्षित सीटों पर विशेष ध्यान दे रही है. उन्होंने बकायदा टीम बनाकर काम शुरू भी कर दिया है. इधर भाजपा भी आरक्षित सीटों को लेकर सजग हो गई है. क्योंकि राज्य में पहली बार भाजपा ने भाजयुमो की कमान आदिवासी को सौंपा है. साथ ही भाजपा आरक्षण के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोलने की तैयारी में है. भाजपा प्रभारी ओम माथुर का भी आरक्षित सीटों वाले क्षेत्रों में दौरे की संभावना है."
छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति की आरक्षित सीटें
- सारंगढ़
- पामगढ़
- बिलाईगढ़
- मुंगेली
- मस्तूरी
- डोंगरगढ़
- अहिवारा
- नवागढ़
- आरंग
- सरायपाली
प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की आरक्षित सीटें
- प्रतापपुर
- रामानुजगंज
- सामरी
- लुंड्रा
- सीतापुर
- जशपुर
- कुनकुरी
- पत्थलगांव
- लैलूंगा
- धरमजयगढ़
- भरतपुर-सोनहत
- रामपुर
- पाली तानाखार
- मरवाही
- मोहला-मानपुर
- बिंद्रा नवागढ़
- कोंडागांव
- नारायणपुर
- बस्तर
- चित्रकोट
- दंतेवाड़ा
- बीजापुर
- कोंटा
- सिहावा
- डौंडीलोहारा
- अंतागढ़
- भानुप्रतापपुर
- कांकेर
- केशकाल