देहरादून (उत्तराखंड): कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी जैसे ही पांच नवंबर को केदारनाथ धाम पहुंचे, तो उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई, क्योंकि राहुल गांधी के केदारनाथ दौरे की खबर किसी को नहीं थी. चार नवंबर को जब उसकी सुरक्षा टीम केदारनाथ पहुंची तो तब कांग्रेस के नेताओं को खबर लगी कि राहुल गांधी केदारनाथ आ रहे हैं.
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अपनी केदारनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए चाय सेवा देते @RahulGandhi जी
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📍 केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड pic.twitter.com/CSpRlIKcsb
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📍 केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड pic.twitter.com/CSpRlIKcsbअपनी केदारनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए चाय सेवा देते @RahulGandhi जी
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राहुल गांधी के केदारनाथ दौरे के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. कोई राहुल गांधी के केदारनाथ दौरे को सॉफ्ट हिंदू यात्रा बता रहा तो कोई इसे पीएम मोदी की आदि कैलाश यात्रा के जवाब के तौर पर देख रहा है. लेकिन इन सबसे अलग राहुल गांधी केदारनाथ में एक अलग ही रंग में नजर आ रहे हैं.
तय कार्यक्रम के अनुसार, राहुल गांधी तीन दिनों तक केदारनाथ धाम में ही रुकेंगे. राहुल गांधी सात नवंबर सुबह केदारनाथ धाम से रवाना होंगे. हालांकि, पहले और दूसरे दिन राहुल गांधी ने जहां बाबा केदार की पूजा-अर्चना की तो वहीं वो धाम में भक्तों की सेवा करते हुए भी नजर आए. अभीतक राहुल गांधी ने अपनी केदारनाथ यात्रा की कोई भी फोटो या वीडियो अपने सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं किया है, लेकिन कहा जा रहा है कि वो जल्द ही अपनी केदारनाथ यात्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करेंगे.
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पहली बार गांधी परिवार को कोई सदस्य तीन दिनों तक केदारनाथ में रुका: बताया जा रहा है कि इस वीडियो में राहुल गांधी कांग्रेस के कार्यकाल में हुए केदारनाथ के पुनर्निर्माण के कार्यों का जिक्र कर सकते है. आम श्रद्धालुओं से बातचीत का वीडियो भी राहुल गांधी शेयर कर सकते हैं. वहीं, ऐसा पहली बार है, जब गांधी परिवार का कोई सदस्य केदारनाथ में तीन दिनों तक रुका हो. पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी और दिवंगत राजीव गांधी भी बदरीनाथ और केदारनाथ में माथा टेकने आ चुके हैं, लेकिन उन्होंने यहां रात्रि विश्राम नहीं किया है.
ठंड में हाफ टी-शर्ट पहन केदारनाथ पहुंचे राहुल: केदारनाथ धाम समेत आसपास की पहाड़ियों पर हाल ही में बर्फबारी हुई है, जिसके बाद यहां तापमान में काफी गिरवाट आई है. केदारनाथ धाम धाम में रात में मौसम एक डिग्री और उससे भी नीचे चला जाता है. इतनी ठंड के बावजूद केदारनाथ धाम में राहुल धामी टी-शर्ट पहने हुए दिखे. ये वही टी-शर्ट है, जो राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पहनी थी.
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रविवार सुबह की थी पूजा-अर्चना: पांच नवंबर सुबह केदारनाथ पहुंचने पर राहुल गांधी ने स्थानीय नेताओं और मीडिया से दूरी बनाकर रखी थी. सबसे पहले उन्होंने बाबा केदार के दर्शन किए और रुद्राभिषेक किया. इसके बाद देर शाम को राहुल गांधी श्रद्धालुओं को चाय बांटते हुए नजर आए.
केदारनाथ मंदिर के ठीक सामने रुके राहुल गांधी: केदारनाथ में जिस जगह पर राहुल गांधी रुके हैं, वो जगह केदारनाथ मंदिर के ठीक सामने ही है. यानी वो हर सयम भगवान के दर्शन कर सकते हैं. 6 नवंबर सुबह को राहुल गांधी ने आदि शंकराचार्य के दर्शन करने के साथ ही पूजा-अर्चना की थी.
नई केदारपुरी का निरीक्षण किया: राहुल गांधी ने केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया. इसके साथ ही उन्होंने ने भैरव भगवान के भी दर्शन किए. राहुल गांधी का केदारनाथ दौरा भले ही अचानक बना हो, लेकिन केदारनाथ में आने की पुष्टि राहुल गांधी ने उसे वक्त ही कर दी थी, जब साल 2018 में बदरीनाथ और केदारनाथ के पुरोहितों ने उनसे केदारनाथ आने का आग्रह किया था.
इसके बाद राहुल गांधी ने 2019 में केदारनाथ यात्रा पर आने की अपनी सहमति जताई थी, लेकिन किन्हीं कारणों से वो केदारनाथ धाम में आ नहीं सके थे. लेकिन अब वो पांच साल बाद केदारनाथ धाम में आए हैं.
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इन पुरोहित ने कराई थी इंदिरा गाधी की पूजा-पाठ: बताया जा रहा है कि केदारनाथ के जिन पुरोहितों ने आठ साल पहले राहुल गांधी से मुलाकात की थी, उन्होंने कल पांच नवंबर को भी राहुल से मुलाकात की. बदरीनाथ के पुरोहित राहुल बताते हैं कि उनके पिता ने पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री दिवंगत इंदिरा गाधी का बदरीनाथ में पूजा-पाठ कराया था, लेकिन राहुल गांधी परिवार के पहले सदस्य हैं, जो न केवल दोनों समय की आरती, पूजन और रात्रि विश्राम भी केदारनाथ में ही कर रहे हैं.
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संध्या काल की आरती, बाबा केदारनाथ धाम, जय श्री केदार @RahulGandhi#RahulAtKedarnath pic.twitter.com/ZojUAs8TUK
— Karan Mahara (@KaranMahara_INC) November 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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सात नवंबर को दिल्ली के लिए रवाना होगा राहुल गांधी: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले जिस तरह से पीएम मोदी ने केदारनाथ धाम में रात्रि विश्राम किया और ध्यान लगाया था. राहुल गांधी का ये दौरा भी कुछ उसी तरह का है. राहुल गांधी भी यहां न सिर्फ बाबा केदार के भक्ति में लीन नजर आए, बल्कि भक्तों के बीच समय भी बिताया.
राहुल गांधी के दौरे पर राजनीति: हालांकि, राहुल गांधी के इस दौरे पर राजनीति भी जमकर हो रही है. एक तरफ जहां कांग्रेस राहुल गांधी के केदारनाथ दौरे से गदगद नजर आ रही है और इसे नई ऊर्जा के तौरे पर देख रही है, तो वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस इस तरह से अपने सॉफ्ट हिंदुत्व का रास्ता तैयार कर रही है.
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क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार: उत्तराखंड की राजनीति पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा की मानें तो एक नेता जहां भी जाएगा वो राजनीति मकसद के साथ ही जाएगा, लेकिन राहुल गांधी इससे पहले भी तब केदारनाथ आये थे जब 2013 की आपदा के बाद लोग काफी डरे हुए थे, ताकी लोगों को डर दूर हो सके और श्रद्धालु ज्यादा से ज्यादा संख्या में केदारनाथ आ सकें. तब राज्य में कांग्रेस की हरीश रावत की सरकार थी. अगर कोई ये कहता है कि वो केदारनाथ में राजनीति करने आए हैं तो वो सभी करते हैं.
धार्मिक महत्व: वहीं, ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी कहते हैं कि ये कार्तिक का महीना है. ऐसे में भगवान विष्णु और भगवान केदार के दर्शन का बहुत ही महत्व है. अगर राहुल गांधी या कोई भी भक्त ऐसे समय में धामों में पहुंच रहा है तो उसकी मनोकामना पूरी जरूर होगी. राहुल गांधी अगर भाव से पूजा पाठ कर रहे हैं तो आप आने वाले समय में उसका रिजल्ट देखेंगे.