रायपुर: धमतरी जिले में तैनात कांस्टेबल उज्ज्वल दीवान ने कहा कि निलंबित, निष्कासित और सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी संगठन में शामिल हो रहे हैं. कई अन्य पुलिसकर्मी नौकरी छोड़ने के बाद इसका हिस्सा बनेंगे. एक नई राजनीतिक पार्टी के रजिस्ट्रेशन में चुनौतियों का सामना करने के बाद, दीवान और उनके सहयोगियों ने पहले से रजिस्टर्ड संगठन 'आजाद जनता पार्टी' को को राजनीतिक दल में बदलने का फैसला लिया."
"मुझे राजनीतिक दलों पर भरोसा नहीं": उज्ज्वल दीवान AJP के प्रदेश अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि वो 2018 से पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए लड़ रहे हैं. मेरे खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए और मुझे जेल भी जाना पड़ा. अब मुझे किसी राजनीतिक दल पर भरोसा नहीं है, इसलिए हमने अपनी पार्टी बनाने और चुनाव लड़ने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य राज्य के हर पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाना है.
"हमारा इस्तीफा नहीं किया गया स्वीकार": कांस्टेबल उज्ज्वल दीवान ने कहा कि "मैंने 2021 में अपना इस्तीफा दे दिया था. लेकिन विभाग ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है. इस्तीफा स्वीकार होने के बाद ही मैं चुनाव लड़ सकता हूं" निलंबित पुलिस कांस्टेबल संजीव मिश्रा को पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया है. संजीव मिश्रा ने कहा कि "मैंने एक नई पार्टी के पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन इसके नाम पर कुछ आपत्तियां थीं. इसलिए उन्होंने एजेपी यानी आजाद जनता पार्टी को संभालने का फैसला किया. आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेंगे. मुझे पिछले साल निलंबित कर दिया गया था और इसके बाद मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया था, हालांकि अधिकारियों ने अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया है."
क्राउड फंडिंग का करेंगे इस्तेमाल: उज्ज्वल दीवान ने कहा कि वे पार्टी को चलाने के लिए संसाधनों की व्यवस्था करने के लिए क्राउड फंडिंग का इस्तेमाल करेंगे. उनके जैसे पीड़ित पुलिस कर्मी, जिन्हें एकतरफा सेवा से निष्कासित कर दिया गया है या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी गई है. ये सब लोग हमारी पार्टी में शामिल हो गए हैं. उज्ज्वल दीवान का दावा है कि उन्हें राज्य सरकार के विभागों में कार्यरत 80,000 से अधिक पुलिसकर्मियों के परिवारों और 4.5 लाख संविदा कर्मचारियों का समर्थन प्राप्त है.
राज्य के विभिन्न हिस्सों से निचले रैंक के पुलिसकर्मियों के परिवारों ने पिछले पांच वर्षों में उच्च वेतन, साप्ताहिक अवकाश, सभी जवानों के लिए सरकारी क्वार्टर और प्रतिक्रिया भत्ता सहित कई मांगों को लेकर कई विरोध प्रदर्शन किया है.