वारंगल: तेलंगाना में वारंगल के काकतीय मेडिकल कॉलेज की छात्रा धारावत प्रीति की आत्महत्या के मामले में वारंगल मटेवाड़ा पुलिस ने बुधवार को वारंगल की दूसरी अतिरिक्त जिला अदालत में 970 पन्नों की चार्जशीट दायर की, जिससे पूरे राज्य में सनसनी फैल गई. पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि आरोपी डॉ. सैफ की मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर प्रीति ने आत्महत्या की.
मालूम हो कि डॉ. सैफ के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ रैगिंग एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और उसे गिरफ्तार किया गया था, जबकि वह जमानत पर बाहर था. प्रीति ने इसी साल 22 फरवरी को एमजीएम अस्पताल में आत्महत्या का प्रयास किया था. बेहतर इलाज के लिए उसे हैदराबाद के निम्स में शिफ्ट किया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. 26 फरवरी को उसने अंतिम सांस ली.
जानकारी के अनुसार वारंगल पुलिस इस मामले में 70 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है. वैज्ञानिक साक्ष्यों के साथ-साथ तकनीकी, चिकित्सा और फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से प्रीति के सेल फोन, आरोपी और अन्य दोस्तों के फोन से डेटा एकत्र किया गया और कारणों का विश्लेषण किया गया. चार महीने बाद पुलिस और केएमसी के अधिकारियों ने कमरा नंबर 409 खोला, जहां डॉ. प्रीति काकतीय मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में रहती थी.
वहां का हाल देख उसके परिजन बिलख-बिलख कर रोने लगे. प्रीति के कपड़े और अन्य सामान पुलिस ने उन्हें सौंप दिया. प्रीति के पिता धारावत नरेंद्र ने मंत्री केटीआर से हेलीपैड पर मुलाकात की, जो दमेरा मंडल दुर्गमपेट में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे. उन्होंने कहा कि उनकी छोटी बेटी को आउटसोर्सिंग की नौकरी दी गई और इसके बजाय उन्होंने अपने बेटे को सरकारी नौकरी दिलाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि मंत्री ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है.