लखनऊ : उत्तर प्रदेश स्टेट अपील अधिकरण में तैनात चेयरमैन जस्टिस डीके. अरोड़ा को व्हाट्सएप पर जान से मारने की धमकी देने वाले शातिर अभियुक्त को सोमवार को पीजीआई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि चेयरमैन जस्टिस डीके. अरोड़ा को धमकी मिलने की वारदात से पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई थी. जिसके बाद इस मामले में रविवार देर रात सदस्य प्रशासनिक उत्तर प्रदेश, भू-संपदा अपील अधिकरण लखनऊ राजीव मिश्रा ने पीजीआई थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.
बता दें कि जस्टिस डीके. अरोरा (Judge dk arora) उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा (रेरा) अपील अधिकरण के चेयरमैन हैं. इंदिरा भवन के चौथी मंजिल पर इनका ऑफिस है. जज के मोबाइल पर 9415132767 नंबर से धमकी मिली थी. धमकी देने वाले ने व्हाट्सएप पर लिखा है कि उसका नाम कैलाश बहादुर सिंह हैं. वह प्रतापगढ़ का बाहुबली प्रत्याशी भी है.
उसने लिखा है कि 'मिस्टर डीके अरोरा, मैं सुंदर लाल नहीं हूं. मैं कैलाश बहादुर सिंह प्रतापगढ़ से हूं, जो सुंदरलाल के साथ हुआ, उन्होंने झेल लिया, मैं डेस्क (कोर्ट) पर आ कर गोली मार दूंगा'. यह धमकी मिलने के बाद कोर्ट और जज की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.
धमकी मिलने के बाद रविवार को राजीव मिश्रा सदस्य प्रशासनिक उत्तर प्रदेश भू-संपदा अपील अधिकरण लखनऊ ने केस दर्ज कराते हुए पुलिस और प्रशासन से मांग की थी कि कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाई जाए, ताकि जज के साथ कोर्ट रूम की भी सुरक्षा हो सके. वहीं, इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच के सीनियर जज को भी इस मामले में कॉपी भेजकर जानकारी दी गई थी. वहीं इस मामले में जस्टिस डीके अरोरा ने बताया था कि मैं किसी भी सुंदरलाल को नहीं जानता हूं. इस मामले में मुझे कुछ नहीं पता है.
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पीजीआई पुलिस ने राजीव मिश्रा की तहरीर पर आईपीसी की धारा 506, 507 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी. इंस्पेक्टर पीजीआई आनंद प्रकाश शुक्ला ने धमकी देने वाले व्यक्ति की तलाश जोर-शोर से शुरू कर दी थी. आनंद प्रकाश शुक्ला की मेहनत रंग लाई और सोमवार को धमकी देने वाले कैलाश बहादुर सिंह को धर दबोचा. फिलहाल गिरफ्तार किए गए कैलाश बहादुर से पीजीआई पुलिस पूछताछ कर अन्य जानकारियां हासिल कर रही है.