पुरी : पिपली प्रखंड के चंद्रदेईपुर पंचायत अंतर्गत आने वाले ब्राह्मणसाही (Brahmansahi) के ग्रामीण पिछले दो माह से गांव में बड़ी लाल चीटियों के हमले से परेशान हैं (Poisonous red ants invade Odisha village). ग्रामीणों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में लाल चींटियां कभी नहीं आई थीं. अब कई परिवार निकट भविष्य में गांव छोड़ने की योजना बना रहे हैं.
कुछ घरों की मिट्टी की दीवारों में जहरीले कीड़े भी रहने लगे हैं. लाल चींटियां पास की नहर के तटबंधों से उनके घरों में रेंग रही हैं और उनमें से कई को कीड़ों के संपर्क में आने के बाद त्वचा पर चकत्ते और खुजली हो गई है. चंद्रदेईपुर के सरपंच ने इस मुद्दे को पिपली प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के समक्ष उठाया है. प्रशासन से इस खतरे की जांच के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है.
आज, पिपिली बीडीओ (Pipili BDO) के साथ ओयूएटी की एक विशेष टीम ने चंद्रदेईपुर इलाके में लाल चींटियों के कारण स्थिति की समीक्षा की. कीटनाशकों का छिड़काव किया. विशेषज्ञों की टीम ने लोगों को इस खतरे को नियंत्रित करने के लिए अपने घरों और आसपास को साफ करने की सलाह दी है.
दरअसल लाल चींटियां घरों की मिट्टी की दीवारों में कॉलोनियां स्थापित कर लेती हैं. अगर कोई उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश करता है, तो उस पर चींटियां हमला करती हैं. एक ग्रामीण स्नेहलता दास ने कहा 'यहां 8-9 महीने से लाल चींटियां देखी गई हैं, लेकिन पिछले दो महीनों में चींटी का खतरा काफी बढ़ गया है. इसके लिए कई ग्रामीणों को चींटियों द्वारा काटने के बाद छोड़ी गई जहरीली लार के कारण चकत्ते और अंगों में सूजन हो गई है.'
एक अन्य ग्रामीण ने कहा, 'हमने चींटियों की ऐसी प्रजाति कभी नहीं देखी. वे छिपकलियों, मेंढकों, सेंटीपीडों, सांपों, बिल्लियों और कुत्तों पर भी हमला कर रही हैं.' बीडीओ रसमिता नाथ ने कहा, 'लाल चींटी के खतरे की सूचना मिलने के बाद हम कीटनाशकों के छिड़काव के जरिए उन्हें नियंत्रित करने के लिए बीबीएसआर ओउट टीम से संपर्क करते हैं. उन्होंने अपनी टीम के साथ यहां का दौरा किया और कीटनाशकों का छिड़काव शुरू कर दिया है और हम इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकते हैं.'
ओउट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार मोहंती ने कहा, 'मैंने यहां की स्थिति देखी है. घरों के पास जंगल जैसा क्षेत्र होने और हाल में आई बाढ़ के कारण जहरीली लाल चींटियां गांव के घरों में घुस सकती हैं. हमने ओट में आगे के परीक्षण के लिए नमूने लिए हैं. कुछ कीटनाशकों का उपयोग करके इस खतरे को समाप्त किया जा सकता है.'
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