श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क में जब से नामीबियाई और अफ्रीकी चीते आए हैं, तब से कूनो किसी न किसी वजह से चर्चा में रहता है. पिछले कई दिनों से कूनो से चीतों के भागने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. चीता उदय के रेस्क्यू के बाद जहां एक बार फिर मादा चीता आशा कूनो से भाग गई है. वहीं दूसरी तरफ वन विभाग ने एक शिकारी पर शिकंजा कसा है. कूनो नेशनल पार्क में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के बाद भी शिकारियों पर लगाम लगने का नाम नहीं ले रहा है. जबकि शिकारियों को घुसने एवं वन्यजीवों का शिकार रोकने के लिए कूनो नेशनल पार्क में इलू नाम के डॉग को तैनात किया गया है. इसके बावजूद भी शिकारियों की नजर चीतों पर है और ऐसा ही एक शिकारी कूनो अभ्यारण में वन विभाग की टीम ने पकड़ा है.
चीतों की सुरक्षा में तैनात जर्मन शेफर्ड: वन विभाग की टीम शिकारियों को पकड़ने के लिए अपनी निगरानी बनाए हुए थी. वहीं लगातार सर्च करने पर यह जानकारी मिल रही थी कि यहां से कोई अंदर आ रहा है या कोई गतिविधि हो रही है. इसी पर अपनी निगाह जमाये हुए टीम ने शिकारी को अंदर कूनो नेशनल पार्क में जाने वाले रास्ते से धर दबोचा. कूनो नेशनल पार्क में सुरक्षा के इंतजाम को देखते हुए शिकारियों को घुसने से रोकने एवं वन्यजीवों का शिकार रोकने के लिए चीता टास्क फोर्स ने 7 महीने की स्पेशल ट्रेनिंग दिलाकर एक जर्मन शेफर्ड डॉग को कूनो पार्क में तैनात किया हुआ है, जिसका नाम इलू है.
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वन विभाग की गिरफ्त में एक शिकारी: डीएफओ प्रकाश वर्मा ने बताया कि पूर्व से ही हमारी टीमें सर्च कर रही है की कोई यहां से इंटर हो रहा है या कोई गतिविधि हो रही है, इसी को ध्यान में रखते हुए शिकारी को पकड़ा था. जो शिकारी पकड़ा गया है, उसने कोई शिकार वर्तमान में तो नहीं किया है, लेकिन पुराने मामले को उसने कबूला है. उसका पिछले शिकार में कोई योगदान था. उसकी निशानदेही पर एक अवैध गन मिली है. जो उसने छुपा रखी थी. जिसको वन्य प्राणी अधिनियम संरक्षण के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया है. अभी जमानत नहीं हुई है. इसको हथेड़ी से अंदर कुनो नेशनल पार्क के जाने वाले रास्ते से पकड़ा है. वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई कर आरोपी को जेल भेज दिया गया है.