मुंबई : मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के निजी सहायक कुंदन शिंदे को जमानत देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एक पूर्व पुलिसकर्मी के बयान को इस वक्त महज इसलिए खारिज नहीं किया जा सकता कि वह अच्छे आचरण के व्यक्ति नहीं थे.
विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने शिंदे की जमानत याचिका सात दिसंबर को खारिज की थी, लेकिन विस्तृत आदेश की प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हुई.
प्रवर्तन निेदेशालय ने गत 26 जून को शिंदे को धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया था. इसी मामले में देशमुख और बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे (Sachin Waze) भी आरोपी है. वाजे ने ईडी के समक्ष दिए बयान में कहा है कि तत्कालीन गृहमंत्री रहते हुए देशमुख ने ही अपने आधिकारिक आवास पर बैठक के दौरान उनकी पहचान शिंदे से करवाई थी.
वाजे ने खुलासा किया कि उसने पिछले साल दिसंबर से लेकर इस साल फरवरी तक देशमुख की ओर से 4.7 करोड़ रुपये एकत्र किये और यह राशि कई बार उसने शिंदे को सौंपी.
अदालत ने कहा कि वाजे के बयान से स्पष्ट है कि शिंदे को जो करीब 4.7 करोड़ रुपये की राशि सौंपी गई थी, वह गैर कानूनी रूप से मुंबई के बार मालिकों से वसूली गई थी.
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(पीटीआई-भाषा)