पटना : पीएमसीएच प्रशासन की लापरवाही सिर्फ मरीजों पर ही आफत बनकर नहीं टूट रही, प्रशासन के भी गले की फांस बन चुकी है. दरअसल कुछ दिन पहले पीएमसीएच प्रशासन ने जिस 'जिंदा मरीज' को 'मुर्दा' घोषित किया था, उसी मरीज की कोविड रिपोर्ट नेगेटिव बताकर डिस्चार्ज कर दिया. जबकि उसी मरीज की RT-PCR रिपोर्ट पॉजिटिव है. परिजन एक बार फिर पीएमसीएच के कारनामे से मुसीबत में पड़ गए हैं.
नींद में है PMCH प्रशासन
दरअसल, दीपक कुमार (बदला हुआ नाम) को कुछ दिन पहले कोरोना संक्रमित होने पर PMCH में भर्ती कराया गया था. वहां उनका इलाज हो रहा था, लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते उन्हें मुर्दा घोषित कर दिया गया.
उसी मरीज को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के साथ डिस्चार्ज कर दिया गया. जबकि उसकी दोबारा RT-PCR जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इस बीच कोरोना संक्रमित मरीज कितनी बार और कितने लोगों से मिला यह कह पाना भी अब मुश्किल है.
यह भी पढ़ें: मानवाधिकार आयोग पहुंचा PMCH में जिंदा मरीज को मृत बताकर दूसरे की डेड बॉडी देने का मामला
एक तरह कोरोना का लहर देशभर में कहर बरपा रही है. अस्पतालों के बेड, कब्रिस्तान में जगह कम पड़ती जा रही है. शवदाह की चिमनियां लगातार जलने के कारण पिघलती जा रही हैं. इन सबके बीच बिहार में धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर और पूरा का पूरा पीएमसीएच प्रशासन इस कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को मौत की भट्टी में झोंकने पर आतुर है.
लापरवाही बरतने पर लेना चाहिए एक्शन
कोरोना काल के पहले दौर में रिकवरी रेट की बात कहकर छाती फुला लेने वाले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे अपने विभाग के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों का एक दफे हाल जान लें.
पढ़ें- कोरोना संक्रमण से पति की मौत, पत्नी ने एक बच्चे संग की खुदकुशी, दो हुए अनाथ
'मंत्रीजी' को पीएमसीएच अस्पताल को दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल और आधुनिक सुविधा से साज-सज्जा से लैस करने की बात छोड़कर, तुरंत इन लापरवाह अस्पताल प्रशासन पर एक्शन लेना चाहिए.