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PM Security Lapse Case: पुलिस के पांच अधिकारियों पर गिरी गाज, पंजाब सरकार ने दिए कार्रवाई के निर्देश - पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनहीनता

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई लापरवाही के मामले में पांच उच्च अधिकारियों पर गाज गिरी है. इन पांच पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी.

Action against five officers of Punjab Police
पंजाब पुलिस के पांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
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Published : Mar 21, 2023, 4:01 PM IST

चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में लापरवाही के मामले को लेकर कुछ वरिष्ठ अधिकारी निशाने पर आ गए हैं. जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद पंजाब सरकार ने पांच पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की है. इस कार्रवाई के दायरे में पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय भी आ गए हैं. तत्कालीन डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के अलावा डीआईजी इंदरबीर सिंह, फिरोजपुर एसएसपी हरमनदीप व दो अन्य पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

Action against five officers of Punjab Police
पंजाब पुलिस के पांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई

साथ ही तत्कालीन एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) नरेश अरोड़ा, आईपीएस अधिकारी नागेश्वर राव जो उस समय एडीजीपी साइबर क्राइम थे, उन पर भी कार्रवाई के निर्देश हुए हैं. तत्कालीन एडीजीपी पटियाला रेंज मुखविंदर सिंह चीना, तत्कालीन आईजी काउंटर इंटेलिजेंस राजेश अग्रवाल, तत्कालीन डीआईजी फरीदकोट सुरजीत सिंह, तत्कालीन मोगा एसएसपी चरणजीत सिंह जिनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के आदेश जारी किए गए हैं.

तत्कालीन मुख्य सचिव को दी गई राहत

हालांकि घटना के लिए तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी को भी जिम्मेदार ठहराया गया था. लेकिन सरकार द्वारा दिए गए कार्रवाई के निर्देश में अनिरुद्ध तिवारी का नाम शामिल नहीं है. सरकार ने उन्हें राहत दी है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने हाल ही में पंजाब के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी थी. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला काफी गरमा गया था और केंद्र लगातार इस पर कार्रवाई की मांग कर रहा था. पंजाब में सत्ता परिवर्तन के 1 साल बाद इस मामले पर कार्रवाई की गई है. केंद्र ने कार्रवाई में देरी पर नाराजगी भी जताई है.

पढ़ें: Unrest in Punjab: CM भगवंत मान बोले- पंजाब में शांति भंग करने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेंगे

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले 5 जनवरी 2022 को फिरोजपुर की रैली में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब आए थे. वहां प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को कुछ तत्वों ने रोक लिया. यहां प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लापरवाही का मामला सामने आया और प्रधानमंत्री को बिना रैली किए दिल्ली लौटना पड़ा. उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी थे. इसी बात को लेकर चन्नी और पीएम मोदी के बीच विवाद भी हुआ था. यह मुद्दा एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया. यही नहीं यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा.

चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में लापरवाही के मामले को लेकर कुछ वरिष्ठ अधिकारी निशाने पर आ गए हैं. जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद पंजाब सरकार ने पांच पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की है. इस कार्रवाई के दायरे में पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय भी आ गए हैं. तत्कालीन डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के अलावा डीआईजी इंदरबीर सिंह, फिरोजपुर एसएसपी हरमनदीप व दो अन्य पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

Action against five officers of Punjab Police
पंजाब पुलिस के पांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई

साथ ही तत्कालीन एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) नरेश अरोड़ा, आईपीएस अधिकारी नागेश्वर राव जो उस समय एडीजीपी साइबर क्राइम थे, उन पर भी कार्रवाई के निर्देश हुए हैं. तत्कालीन एडीजीपी पटियाला रेंज मुखविंदर सिंह चीना, तत्कालीन आईजी काउंटर इंटेलिजेंस राजेश अग्रवाल, तत्कालीन डीआईजी फरीदकोट सुरजीत सिंह, तत्कालीन मोगा एसएसपी चरणजीत सिंह जिनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के आदेश जारी किए गए हैं.

तत्कालीन मुख्य सचिव को दी गई राहत

हालांकि घटना के लिए तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी को भी जिम्मेदार ठहराया गया था. लेकिन सरकार द्वारा दिए गए कार्रवाई के निर्देश में अनिरुद्ध तिवारी का नाम शामिल नहीं है. सरकार ने उन्हें राहत दी है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने हाल ही में पंजाब के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी थी. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला काफी गरमा गया था और केंद्र लगातार इस पर कार्रवाई की मांग कर रहा था. पंजाब में सत्ता परिवर्तन के 1 साल बाद इस मामले पर कार्रवाई की गई है. केंद्र ने कार्रवाई में देरी पर नाराजगी भी जताई है.

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क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले 5 जनवरी 2022 को फिरोजपुर की रैली में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब आए थे. वहां प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को कुछ तत्वों ने रोक लिया. यहां प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लापरवाही का मामला सामने आया और प्रधानमंत्री को बिना रैली किए दिल्ली लौटना पड़ा. उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी थे. इसी बात को लेकर चन्नी और पीएम मोदी के बीच विवाद भी हुआ था. यह मुद्दा एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया. यही नहीं यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा.

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