अहमदाबाद: गुजरात विश्वविद्यालय में युवा उद्यमियों के लिए दो एक्सेलेरेटर ऐसे समय में शुरू होंगे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षा युवाओं की नौकरी चाहने वालों के बजाय रोजगार सृजक बनने की है. इस एक्सेलेरेटर की बदौलत छात्र दूसरे देश में अपनी फर्म शुरू कर सकेंगे. स्टार्ट अप इंडिया की उपलब्धियों को युवा पीढ़ी द्वारा सख्ती से आगे बढ़ाया जाना चाहिए.
स्टार्टअप में निवेश करने वाले निवेशकों को अपने उत्पाद को बाजार में लाने में मदद मिलेगी: गुजरात विश्वविद्यालय की स्टार्ट अप और उद्यमिता परिषद निधि, समृद्धि एक्सीलरेटर की स्थापना करेगी. इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, स्वच्छ और हरित प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्र में स्टार्ट-अप अवधारणाओं को स्वीकार किया जाएगा. यूरोप, सिंगापुर, दुबई, उत्तरी अमेरिका और मध्य पूर्व के क्षेत्रों में स्टार्टअप की पहुंच होगी. ताकि उद्यमियों को धन मिल सके और अपने उत्पादों को बाजार में ला सकें. जीयूएसईसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को भारत की ओर आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाएगा.
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स्टार्टअप विकास में तेजी लाने में GUSEC महत्वपूर्ण होगा: - GUSEC (गुजरात विश्वविद्यालय स्टार्टअप और उद्यमिता परिषद) वर्तमान में यह गारंटी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है कि देश और विदेश के छात्र निकट भविष्य में आसानी से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कर सकते हैं और अपनी कंपनियों को बढ़ावा दे सकते हैं. उसके बाद जून में यह एक्सीलेटर शुरू हो जाएगा. महीने के अंत तक रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा. अन्य जानकारी गुसेक (GUSEC) की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी.